Bhopal Cheating Racket : शहर के सूने मकानों के फर्जी कागजात तैयार करके बेच देता था जालसाज
भोपाल। जालसाजी की एक जांच के दौरान असली पुलिस के हत्थे नकली टीआई (Bhopal Fake Cop Officer) चढ़ गया। घटना मध्य प्रदेश (MP Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) की है। जब इसकी परतें खुली तो पुलिस भी भौचक्की रह गई। वह टीआई के अलावा वकील और नगर निगम का नकली अफसर (Bhopal Cheating Racket) भी बन जाते थे। यह सब वह शहर की ऐसी संपत्ति जो सुनसान है उसको बेचने के लिए करते थे। यह पोल जालसाजी के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी ने खोला है। जिसके बाद पुलिस ने सिलसिलेवार पांच जालसाजी के मुकदमे (Bhopal Fraud Case) दर्ज कर लिए। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया जहां से पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है।
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फरार मुजरिम की सूची मिली थी
शहर में लॉक डाउन के चलते होने वाले संभावित अपराधों से निपटने के लिए डीआईजी सिटी इरशाद वली (DIG City Irshad Wali) कई तरह के प्रयास कर रहे हैं। जिसमें वाहनों की चैकिंग के अलावा पुराने मामलों के फरार अपराधियों की तलाश भी शामिल है। इसी तलाश में कमला नगर थाने के एएसआई कर्मवीर सिंह (ASI Karamveer Singh ) को जालसाजी की एक केस डायरी मिली थी। इस डायरी के दो आरोपी पुष्पलता गुप्ता (Pushplata Gupta) और विजय बाबा (Vijay Baba) फरार थे। जबकि दो आरोपी लतीफ (Latif) और एक अन्य गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा थे।
फर्जी पुष्पलता ने खोले राज
पुलिस ने इस मामले में पुष्पलता की तलाश की। दरअसल, असली पुष्पलता के कोटरा वाले मकान को नकली (Bhopal Fake Property Selling) आधार और वोटर कार्ड के जरिए रजिस्ट्री कराई गई थी। इस मामले में 2019 में प्रकरण दर्ज किया गया था। पुलिस ने फर्जी पुष्पलता बनी आरोपी को तलाश लिया। यह आरोपी अंजना सिंह (Anjana Singh) पिता सत्येन्द्र सिंह उम्र 37 साल निवासी कोलीपुरा थी। उसको दबोचा गया तो उसने पूरे मामले का खुलासा किया। अंजना पति सत्येन्द्र सिंह (Satendra Singh) से अलग रहती है। अंजना का पति रातीबड़ इलाके में रहता है।
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पति को कागजों में मारा
अंजना ने बताया कि उसकी पहचान विजय बाबा (Vijay Baba) नाम के व्यक्ति से हुई थी। उसकी मदद से उसने पति सत्येन्द्र सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (Bhopal Fake Death Certificate Case) बनाया था। दरअसल, अंजना ने कई तरह के लोन लिए थे। इस लोन चुकाने से बचने के लिए अंजना ने पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (Husband Death Certificate Case) बनाया था। इसके बाद वह विजय बाबा के झांसे में आकर फर्जीवाड़ा में सहयोग करने लगी। पुलिस ने विजय बाबा को तलाश तो वह भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
बहुत बड़ा रैकेट
पुलिस ने अंजना के अलावा विजय बाबा को थाने लाकर पूछताछ की गई। विजय बाबा का असली नाम विजय कुमार विश्वकर्मा (Vijay Kumar Vishwakarma) पिता बालकराम उम्र 45 साल निवासी अहीरपुरा बैंक कॉलोनी जहांगीराबाद है। वह 1994 में फर्जी तरीके से गैस राहत का मुआवजा (Fake Gas Tragedy Document Case) लेने के लिए बनाए गए दस्तावेज के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। उसकी पत्नी उसको छोड़ चुकी है। उसकी हरकतों (Bhopal Cheating Case) की वजह से पिता ने भी घर से बेदखल कर दिया था। विजय कुमार विश्वकर्मा की पहले जहांगीराबाद इलाके में एसवी ग्राफिक्स नाम से दुकान थी। इसी दुकान में वह फर्जी दस्तावेज तैयार करता था।
बहुत सारे कारनामे
पुलिस का कहना है कि विजय कुमार विश्वकर्मा काफी शातिर अपराधी है। उसके कब्जे से कई थाना प्रभारियों की नकली सील (Bhopal TI Ki Nakli Seal) भी मिली है। इन सील की मदद से वह चरित्र प्रमाण पत्र भी बना देता था। इसके अलावा नगर निगम (Bhopal Nagar Nigam Ka Farji Afsar) के अफसरों की भी सील पुलिस को मिली है। इनकी मदद से उसने किस वारदात को अंजाम दिया यह पता लगाया जा रहा है।
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