MP Cyber Fraud: थाईलेंड, वियतनाम, म्यांमार और कंबोडिया में सक्रिय सायबर स्टॉकिंग गिरोह ने गुलामी के लिए पासपोर्ट छीनकर बंधक होने की अटकलें, केंद्र सरकार ने एमपी की राज्य सरकार से साझा की रिपोर्ट, भोपाल सायबर क्राइम गुपचुप तरीके से लोगों के संबंध में जुटा रही जानकारी
भोपाल। अभी तक आपने बंधुआ मजदूर बनने की बात सुनी और देखी होगी। लेकिन, अब विश्व में सायबर गुलामी के लिए बंधक बनाने जैसी अटकलों वाली बात सामने आ रही है। इस समस्या से एमपी के भोपाल (MP Cyber Fraud) शहर में रहने वाले तीन दर्जन से अधिक लोग निगरानी में आए हैं और उनके फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने एमपी के गृह विभाग से साझा की है। जिसके बाद भोपाल सायबर क्राइम लापता लोगों के संबंध में जानकारी जुटाने का काम कर रही है।
ऐसे सामने आया दुनिया के सामने सच
भारत सायबर फ्रॉड के लिए एक बड़ी मंडी बन चुका है। यहां कई दिनों से पुलिस, सीबीआई, ईडी या कस्टम अधिकारी बनकर जालसाजी की जा रही है। जिसके लिए हिंदी—अंग्रेजी भाषा का ज्ञान जरुरी है। यह काम कंबोडिया (Cambodia) , वियतनाम (Vietnam) और थाईलेंड (Thailand) में भी किया जा रहा है। यहां काम करने वाले गिरोह भारत से वहां पर्यटन यात्रा पर जाने वालों को टारगेट करके उन्हें सायबर गुलामी के लिए अपने पास रख रहे हैं। यह बात मीडिया रिपोर्ट के जरिए केंद्र सरकार को पता चली। जिसके बाद की गई छानबीन में सामने आया है कि 2022 से मई 2024 के बीच 29 हजार लोगों ने इन चार देशों में यात्राएं की थी। इसमें अधिकांश युवा वर्ग के लोग हैं। यह रिपोर्ट इमीग्रेशन डिपर्टमेंट ने बनाई है। इन देशों में पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, केरल, दिल्ली, गुजरात के अलावा मध्यप्रदेश के लोग भी है। इन प्रांतों से गए लोगों को वहां जॉब का लालच देकर उनके पासपोर्ट रख लिए गए हैं। जिसके बाद उनसे सायबर फ्रॉड का काम लिया जा रहा है। हिंदी भाषा में जानकार होने के चलते वे आसानी से इन देशों के रास्ते सायबर फ्रॉड कर पा रहे हैं। इस संबंध में रिपोर्ट एसीपी सायबर क्राइम सुजीत तिवारी (ACP Sujeet Tiwari) के हवाले से फ्री प्रेस (Free Press) के संवाददाता फरहान अहमद सिद्दीकी (Farhan Ahemad Siddiki) ने शनिवार को प्रकाशित की है। यह काफी हैरान करने वाला समाचार है। यदि आप इन देशों में जाकर जॉब की सोच रहे हैं तो उसे टालना ज्यादा बेहतर होगा।
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