Bhopal News: रीडेंसीफिकेशन साइट पर हुई मौत में एफआईआर

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Bhopal News: दिलीप बिल्डकॉन को मिला है इस बड़े प्रोजेक्ट का ठेका, जिसमें कंपनी पर आंच न आए यह पूरा ख्याल रखते हुए दर्ज कर दिया मरने वाले व्यक्ति पर ही मुकदमा

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भोपाल मॉच्युरी रुम— फाइल फोटो

भोपाल। प्रदेश में पिछले एक दशक में बहुत तेजी से विकास हुआ है। इस विकास में अधिकांश बड़े टेंडर बंसल ग्रुप या फिर दिलीप बिल्डकॉन को मिले हैं। इन दोनों ही कॉर्पोरेट ग्रुप की अलग—अलग साइट में हादसे की कई घटनाएं हुई। जिसमें जांच की आंच इन दोनों समूहों पर कभी नहीं आया। ऐसा ही एक मामला भोपाल (Bhopal News) शहर के शाहजहांनाबाद थाना क्षेत्र का है। यहां एक हादसे में ट्रैक्टर मालिक की मौत हुई थी। जिसकी लापरवाही को लेकर जांच पुलिस तीन सप्ताह से कर रही थी। जांच के बाद जो व्यक्ति की मौत हुई उसे ही पुलिस ने जिम्मेदार मानते हुए प्रकरण दर्ज कर लिया है।

जांच में उठाए जाने थे यह मुद्दे, साहस कोई भी अधिकारी नहीं जुटा सका

शाहजहांनाबाद (Shahjahanabad) थाना पुलिस के अनुसार घटना 29 नवंबर की रात लगभग साढ़े नौ बजे हुई थी। इसमें प्रशांत गौर (Prashant Gaur) पिता राकेश गौर उम्र 30 साल की मौके पर ही मौत हो गई थी। हालांकि उसको जितेंद्र द्विवेदी हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) ले गया था। यहां से पुलिस को सूचना डॉक्टर ने दीथी। जिस पर शाहजहांनाबाद पुलिस मर्ग 58/24 दर्ज कर मामले की जांच कर रही थी। जांच में पता चला कि राम नगर कॉलोनी (Ram Nagar Colony) परी बाजार अंकुर अस्पताल (Ankur Hospital) के पास घटना हुई थी। प्रशांत गौर रातीबड़ थाना क्षेत्र स्थित सूरज नगर (Suraj Nagar) सेवनिया गौड का रहने वाला था। उसका ट्रैक्टर (Tractor) था जो कि दिलीप बिल्डकॉन  के री​डेंसिफिकेशन प्रोजेक्ट (BDA’s Redestion Project) में लगा था। यह बीडीए कॉलोनी का प्रोजेक्ट है। यहां दस हेक्टयर से अधिक सरकारी आवास को तोड़कर बनाने का काम चल रहा है। सरकार ने दिलीप बिल्डकॉन (Dilip Buildcon) को यह काम दिया है। इस जमीन में से पांच हेक्टेयर में दिलीप बिल्डकॉन  अपने कमर्शियल काम्पलेक्स बनाएगा। यह काम लगभग चार साल से जारी है। प्रशांत गौर ट्रैक्टर में काम कर रहा था। उस वक्त यह हादसा हुआ। उसने क्लच को अपने हाथ से दबाकर ट्रैक्टर के नीचे रिपेयरिंग कर रहा था। तभी हाथ से क्लच छूट गया और ट्रैक्टर का पहिया उसके सिर पर चढ़ गया था। मामले की जांच एएसआई अनंत पांडे (ASI Anant Pandey) ने की थी। जिसमें प्रशांत गौर की ही लापरवाही मानते हुए प्रकरण 698/24 दर्ज कर लिया गया। यह प्रकरण पुलिस ने 20 दिसंबर को दर्ज किया है। जबकि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए डेव्हलपर कंपनी के पास अपना मोटर वर्कशॉप होना चाहिए था। लेकिन, इन बातों पर बातचीत करने की बजााय घटना स्थल से लेकर दिलीप बिल्डकॉन नाम भी एफआईआर में सामने नहीं आया। कंपनी में काम करने वाले छोटे—छोटे कर्मचारियों को गवाह बनाकर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। क्योंकि मरने वाला प्रशांत गौर अब आकर बोल नहीं पाएगा। इसलिए केस में खात्मा लगाने के लिए यह प्रकरण दर्ज कर लिया गया। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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