Bank Of Baroda ATM Fraud: बैंकों के एटीएम की इस तकनीकी चूक का उठा लिया फायदा

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Bank Of Baroda ATM Fraud: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बने रोमानिया मूल के नागरिक को देश की जेल में डालने की बजाय उसके देश में डिपोर्ट करने पर भोपाल पुलिस का फोकस, पूछताछ में उसने कागज जैसे पतली परत पर सर्किट बनाकर हाई रिजॉल्यूशन वाला कैमरा बनाया, बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम को टारगेट करके सैंकड़ों लोगों का खाता किया खाली

Bank Of Baroda ATM Fraud
पत्रकारों को गिरोह के संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र —बाएं से दूसरे स्थान पर—, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अनुराग शर्मा —बाएं से तीसरे स्थान पर—, डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुतकीर्ति सोमवंशी बाएं तरफ पहले स्थान पर और क्राइम ब्रांच एडीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान —दाहिनी तरफ से पहले स्थान पर—।

भोपाल। यदि आप एटीएम में जाकर पैसा निकालने जा रहे हैं तो सावधान हो जाइए। दरअसल, अभी भी कई बैंकों ने अपने एटीएम को अपग्रेड नहीं किया है। जिसका फायदा शातिर जालसाज उठा रहे हैं। यह बात हम यूं ही नहीं कर रहे। कुछ महीनों से बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda ATM Fraud) के खातों से बिना एटीएम पहुंचे पैसा निकल रहा था। जिसके संबंध में प्रबंधन को शिकायतें मिल रही थी। लेकिन, अपनी कमजोरी बाजार में सार्वजनिक न हो जाए इसलिए वह जानकारियों को छुपाती रही। हालांकि कोहराम तब मचा जब एक—एक करके दर्जनों शिकायतें भोपाल पुलिस को मिली। जिसकी जांच के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने इस मामले में रोमानिया देश के एक नागरिक समेत दो आरोपियों को दिल्ली से हिरासत में लिया है। रोमानिया नागरिक ने जिस तकनीक पर इस वारदात को अंजाम दिया वह जांच एजेंसियों को सकते में डालने वाली है।

देश की सुरक्षा के लिए खतरा इसलिए नाम नहीं बताया

भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र (Police Commissioner Harinarayanchari Mishra) ने बुधवार दोपहर डेढ़ बजे पत्रकार वार्ता में इस गिरोह की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली (Delhi) के मोहन गार्डन (Mohan Garden) इलाके से आयोनेल मियु (Ionel Miyu) पिता ​लुशियन मियु उम्र 50 साल को गिरफ्तार किया गया है। वह मूलत: रोमानिया (Romania) शहर का नागरिक है। वह देश में 2014 में पहली बार अल्प वीजा पर आया था। उसके बाद वह मुंबई (Mumbai) के बिनोवा भावे (Vinoba Bhave) नगर थाने में जालसाजी के प्रकरण 257/2015 में गिरफ्तार किया गया। जेल से छूटने के बाद आयोनेल मियु ने फिर सायबर फ्रॉड की घटना को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित बाजार पैठ इलाके में अंजाम दिया। जिसमें 342/17 का प्रकरण उस पर दर्ज है। जेल से छूटने के बाद कोरोना काल के समय में आरोपी फिरोज अहमद खान (Firoj Ahemad Khan) पिता अहमद खान उम्र 38 साल से उसकी पहचान हुई थी। फिरोज अहमद खान का सर्विस अपार्टमेंट हैं। जिसमें रहने के लिए आयोनेल मियु ने ऑफर दिया था। उसने कहा था कि वह एक महीने में ही उसे डेढ़ लाख रूपए किराया दे देगा। बस वह जैसा कहे वैसा सामान लाकर उसे दे। इन सामानों की मदद से आरोपी ने एक खतरनाक सर्किट बनाकर हाई रिजॉल्यूशन वाला कैमरा तैयार कर दिया था। इसके लिए कुछ उपकरण विदेश से बुलाए गए थे। जिसके संबंध में भारत में सुरक्षा के लिहाज से उसे बताने से पुलिस अधिकारियों ने इंकार कर दिया।

को​कीन लेने का शौकीन ऐसे करता था जालसाजी

हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि आयोनेल मियु कोकीन लेने का शौकीन है। जिसके लिए उसे 50 हजार रूपए प्रतिदिन चाहिए होते थे। इसी काम में उसने जितनी रकम निकाली वह लगा दी। आरोपी ने उन्हीं एटीएम को टारगेट किया जो पुरानी तकनीक पर चल रहे थे। इसमें अधिकांश एटीएम बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) के निकल आए। जिसके संबंध में पुलिस की तरफ से प्रबंधन के साथ पत्राचार किया जा रहा है। इस मामले में सह आरोपी फिरोज अहमद खान ने शहर के कुछ एटीएम में स्कीमर और आयोनेल मियु के बनाए कागज जैसे दिखने वाले हाई रिजॉल्युशन कैमरे को वह चिपकाने का काम करता था। यह कैमरे प्लास्टिक की शीट पर बनाए होते हैं। जिसका पूरा सर्किट किसी भी व्यक्ति को आंखो से नहीं दिख सकता। इस कैमरे में कैद होने वाला पासवर्ड काम का होता था। इसके बाद फिरोज अहमद खान जहां सामान लगाने गया था वहां से निकालकर आयोनेल मियु को देता था। इसके बाद मियु स्कीमर में कैद बैंक ऑफ बड़ौदा के डाटा और कैमरे में कैद पासवर्ड का मिलान करके रख लेता था।

दिल्ली के नौ एटीएम में ही निकाली गई रकम

आयोनेल मियु रोमानिया की भाषा ही बोल पाता है। उसके पास वीजा भी नहीं था। इस कारण वीजा अधिनियम के खिलाफ भी उस पर अलग से मुकदमा चलाया जाएगा। उसे अंग्रेजी भी अच्छी तरह से नहीं आती है। वह कंप्यूटर की मदद से तैयार डाटा (Bank Of Baroda ATM Fraud) को बाजार में उपलब्ध कार्ड में उसे इंस्टॉल करता था। फिर फिरोज अहमद खान उसके बताए अनुसार कार्ड लगाकर एटीएम में जाकर पासवर्ड के अनुसार पैसा निकाल लेता था। डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुतकीर्ति सोमवंशी (DCP Shrutkirti Somvanshi) ने बताया कि आयोनेल मियु आदतन अपराधी है। वह जेल से छूटकर फिर पुलिस विभाग और सुरक्षा एजेंसी के लिए सिरदर्द बन सकता है। इसलिए उसको उसके ही देश में डिपोर्ट के संबंध में पुलिस विभाग की तरफ से संबंधित मंत्रालय से पत्राचार किया जाएगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिन उपभोक्ताओं का खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में उन्हें प्रबंधन से पत्राचार करके रकम वापस मिल सकती है। आरोपी से किसी तरह की कोई रकम हासिल नहीं हुई है। हालांकि उसके खाते से 15—16 लाख रूपए के ट्रांजेक्शन की बात सामने आई है।

जयपुर भागते उससे पहले दबोच लिए गए

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सांकेतिक चित्र।

एडीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान (ADCP Shailendra Singh Chauhan) ने बताया कि आरोपी जयपुर (Jaipur) भागने की फिराक में था। इससे पहले वह भोपाल और इंदौर (Indore) के कई ग्राहकों को चूना लगा चुका था। आरोपी ने जितनी भी एटीएम में वारदात की उसमें सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। आरोपी एटीएम में आने—जाने ऑटो का उपयोग करते थे। दोनों आरोपी भोपाल में तीन से चार बार आकर ठहरे थे। लेकिन, रिकॉर्ड में आयोनेल मियु के नाम से कमरा बुक नहीं होता था। यह काम फिरोज अहमद खान करता था। उससे मिलने आखिरी बार 2018 में उसका परिवार भारत आया था। पुलिस के पास रिकॉर्ड में अब तक बैंक ऑफ बड़ौदा के बैंक से जुड़े करीब 75 शिकायत मिल चुकी है। जिसमें इन आरोपियों की भूमिका सामने आई है। आरोपियों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, तीन सिम कार्ड, चार एटीएम कार्ड, डिजिटल कार्ड तैयार करने वाली मशीन, डिजिटल मल्टी मीटर, एटीएम स्कीमर डिवाइस, विडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस, एटीएम मशीन का मॉड्यूल समे​त अन्य सामान बरामद किया गया है। आरोपी ने रोमानिया में रहने वाले अपने कुछ साथियों से भी बातचीत की है।

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भोपाल में यह पहली बार नहीं

इस तरीके पर वारदात को अंजाम देने का यह मामला नया नहीं है। इससे पहले शाहपुरा स्थित त्रिलंगा (Trilanga) के नजदीक शिवाय कॉम्पलेक्स (Shivay Complex) में लगे भारतीय स्टेट बैंक (SBI Bank) के एटीएम में भी ऐसी ही वारदात हुई थी। वहां लगी मशीन भी पुरानी थी। जिसका फायदा उठाकर जालससाजों ने स्कीमर और कैमरा लगाकर एटीएम कार्ड (Bank Of Baroda ATM Fraud) का डाटा क्लोन तैयार कर पासवर्ड की मदद से पैसा निकाल लिया था। आरोपी हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए थे। इसके बाजवूद भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बैंक संचालकों और प्रबंधनों के खिलाफ सख्ती नहीं बरती जा रही है। जिसका फायदा उठाकर बदमाश पुरानी प्रचलित शैली में आज भी लोगों के खातों से बिना ओटीपी और पासवर्ड जाने पैसा निकाल रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने जिन एटीएम को टारगेट किया वैसे पुराने तकनीक वाले एटीएम अभी भी कई बैंकों में संचालित हो रहे हैं। जिसके संबंध में पुलिस समेत दूसरी बड़ी एजेंसियां कई बार भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना सिक्योरिटी समीक्षा वाली बैठक में दे चुकी है।

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