Bhopal News: कुलपति ने जांच बैठाई तो थाने पहुंचा मामला 

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Bhopal News: बीयू के एसोसिएट प्रोफेसर की गंदगी थाना पुलिस ने दस दिनों तक मीडिया से छुपाई, गेस्ट फैकल्टी को छह साल से गलत काम करने के लिए कर रहे थे मजबूर

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। भोपाल पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली जब से लागू हुई है तब से थानों में एक चलन बहुत तेजी से चल पड़ा है, या तो एफआईआर ही नहीं होती है। यदि प्रकरण दर्ज कर भी लिया जाए तो उसे मीडिया से बहुत ज्यादा छुपाया जाने लगा है। यह मामला भोपाल (Bhopal News) शहर के बागसेवनिया थाना क्षेत्र का है। तत्कालीन पुलिस कमिश्रनर मकरंद देउस्कर ने जरुर पारदर्शिता लाने की पहल थानों में की थी। हालांकि उनके जाने के बाद वह ठप्प हो गई। मामला छेड़छाड़ जैसे एक संगीन घटना का है। जिसकी एफआईआर 12 दिन पहले दर्ज की थी। जिसकी जानकारी मीडिया से छुपाई गई। अफसरों को फोन पर बताई जा सकती होगी लेकिन, पुलिस के आधिकारिक रिकॉर्ड से यह घटना गायब थी।

यह है वह महिला अधिकारी जिन्होंने मामले को दबाए रखा

यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (Barkatullah University) से एफआईआर बाहर आई। सूत्रों के अनुसार एफआईआर 211/24 धारा 354/323/506/509 (छेड़छाड़, मारपीट, धमकाना और अश्लील हरकत करने का प्रकरण) दर्ज किया है। जिसमें आरोपी बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में तैनात एसोसिएट प्रोफेसर अच्छेलाल हैं। उनके खिलाफ जिस महिला ने प्रकरण दर्ज कराया उनकी उम्र 44 साल है। वे पिपलानी थाना क्षेत्र में रहती है और 2008 से बीयू में गेस्ट फैकल्टी हैं। इस मामले की जांच और एफआईआर एसआई कंचन राजपूत (SI Kanchan Rajput) ने की है। यह प्रकरण 4 अप्रैल की शाम लगभग चार बजे दर्ज किया गया। इससे पहले पीड़िता ने पुलिस को आन लाइन शिकायत भी की थी। लेकिन, पुलिस ने उस वक्त भी प्रकरण की सुध नहीं ली थी। पीड़िता का आरोप है कि अच्छेलाल (Achhealal) उसे 2018 से लगातार टारगेट करके परेशान कर रहा था। उसने कई संगीन आरोप लगाए हैं जिसकी जांच के लिए पुलिस की तरफ से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। हालांकि मंगलवार को यह प्रकरण मैन स्ट्रीम मीडिया में भी सामने आ गया। जिसके बाद मैदानी अफसर सक्रिय हुए हैं।

घटना सुनेंगे तो दिल और दिमाग सन्न हो जाएगा

पीड़िता का आरोप है कि अच्छेलाल 2014 में एसोसिएट प्रोफेसर बनकर आया था। उसे 2018 में एचओडी बना दिया गया था। उसे कुछ दिन बाद एचओडी से हटाया गया। फिर उसे 2022 में फिर एचओडी बनाया गया। तब उसने एक दिन उसे रोक लिया था। वह कैबिन में बेटी हुई थी। तभी आरोपी उसके पास आया। उसने पहले कंधे पर अपना दाहिना हाथ रखा फिर उसे नीचे सरका दिया। इतना ही नहीं उसने अपने बाएं हाथ से जिप खोलकर गंदा काम कर दिया। जिसके बाद पीड़िता शोर मचाकर बाहर की तरफ भागी। दूसरे फैकल्टी ने यह जानकारी उस वक्त विरोध किया। लेकिन, एचओडी ने षडयंत्र करके उसको गेस्ट फैकल्टी की सूची से बाहर कर दिया। उसका कहना था कि वह एचओडी की पॉवर दिखाकर रहेगा। इसके बाद कुलपति ने जुलाई, 2023 में फिर गेस्ट फैकल्टी के रुप में उसका चयन कर लिया। इतना ही नहीं उसने पुरानी घटना भी कुलपति को बता दी। जिसकी जांच कुलपति कार्यालय ने शुुरु कर दी। यह पता चलने पर आरोपी अच्छेलाल गेस्ट फैकल्टी को फरवरी, 2024 में धमकाने भी पहुंचा था।

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