Bhopal News: मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन की बर्खास्त सहायक यंत्री ने लगाया आरोप, थाने में दर्ज कराई शिकायत, पुलिस ने मीडिया से छुपाई जानकारी
भोपाल। एमपी पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन की बर्खास्त चल रही सहायक यंत्री एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनके खिलाफ लगभग तीन महीने पहले भोपाल लोकायुक्त पुलिस (Bhopal News) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी। सहायक यंत्री के बंगले में 65 विदेश नस्ल के कुत्ते के अलावा 50 गाय के चारागाह को लेकर वे चर्चा में आई थी। अब उन्होंने एक मासिक पत्रिका के संपादक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। उनका दावा है कि उन्हें बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जा रहा था। जिन संपादक के खिलाफ एफआईआर हुई उनके खिलाफ गोविंदपुरा थाने में भी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को लेकर असभ्य भाषा के इस्तेमाल करने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
इस कारण सुर्खियों में थी शिकायत दर्ज कराने वाली पीड़िता
भोपाल लोकायुक्त पुलिस संगठन ने 11 मई को बिलखिरिया (Bilkhiriya) इलाके में स्थित एक आलीशान फार्म हाउस में छापा मारा था। यह कार्रवाई फार्म हाउस एमपी पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में संविदा में तैनात सहायक यंत्री पर की गई थी। एई 2016 से तैनात थी। उनकी 98 एकड़ जमीन के दस्तावेज मिले थे। इसके अलावा घ्ज्ञर पर 30 लाख रूपए की टीवी मिली थी। जबकि उनकी मासिक तनख्वाह 30 हजार रूपए महीना थी। वह 2016 के पहले कोच्चि में तैनात थी। लोकायुक्त पुलिस का दावा था कि उनके यहां से करीब 7 करोड़ की अघोषित संपत्ति का पता चला था। मूलत: रायसेन की रहने वाली बर्खास्त महिला अधिकारी ने बयान दिया था कि यह संपत्ति उसकी पुश्तैनी है। उनके घर छापा मारने के बाद पूरे एमपी में यह चर्चा में आई थी। अब उसके बाद फिर यह बर्खास्त महिला अधिकारी सुर्खियों में हैंं। हालांकि यह एफआईआर पुलिस ने मीडिया से छुपाई है।
इसलिए चुप है पुलिस पूरे मामले में
पुलिस सूत्रों के अनुसार यह एफआईआर पिपलानी (Piplani) थाने में 09 अगस्त को दर्ज की गई है। इस मामले (Bhopal News) में आरोपी तुलसी सिंह (Tulsi Singh) और नरेंद्र सिंह (Narendra Singh) को बनाया गया है। तुलसी सिंह ने 2022 में पुलिस अग्निशमन कॉलोनी में सीवेज लाइन का काम किया था। जिसकी गुणवत्ता खराब होने पर उसका नौ लाख रूपए की रकम अटक गई थी। इस बात को लेकर तुलसी सिंह और नरेंद्र सिंह के साथ पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में तैनाती के दौरान भी विवाद हुआ था। जिस कारण कमला नगर थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज कराया था। उसी प्रकरण में झूठी गवाही देने के लिए आरोपी उसे धमका रहे थे। उनका कहना था कि हेमा मीणा (Hema Meena) की वजह से उसका नौ लाख रूपए का नुकसान हुआ है। जिसके लिए उसे रकम चुकानी होगी। यह घटना 5 जुलाई को हुई थी। पूरा वाक्या विक्रम स्कूल (Vikram School) के सामने हुआ था। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने 506/23 धारा 195—ए/341/384/509 (प्रकरण वापस लेने की धमकी, रास्ते में रोकना, ब्लैकमेल करना और अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करने का प्रकरण) दर्ज किया है।
एक साल के भीतर में संपादक के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज
पीड़िता की उम्र 39 साल है जो बिलखिरिया इलाके में रहती है। उन्होंने बताया कि नरेंद्र सिंह पाइंट मीडिया (Point Media) के संपादक बता रहे हैं। जिन्होंने बदनाम करने की धमकी देकर उन्हें धमकाया गया। दोनों आरोपी घटना के वक्त अपने वाहन पर थे। जिन्होंने पीड़िता की कार जबरिया रोकी थी। उल्लेखनीय है कि नरेंद्र सिंह के खिलाफ गोविंदपुरा थाना पुलिस ने पिछले महीने ही प्रकरण दर्ज किया है। इसके अलावा कमला नगर थाने में भी ठेकेदार के भुगतान को लेकर हुए विवाद के बाद प्रकरण दर्ज किया गया था।
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