MP IPS Transfer: मध्यप्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की फिर से सुगबुगाहट

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पिछले साल लागू करने की थी तैयारी, राज्य सरकार ने जारी किए तबादला आदेश

Police Commissioner System
आईपीएस लोगो

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Police) में पुलिस कमिश्नर प्रणाली (MP Police Commissioner System) की एक बार फिर सुगबुगाहट है। यह प्रणाली पिछले साल स्वतंत्रता दिवस से शुरु होने वाली थी। लेकिन, उसे अचानक टाल दिया गया था। इधर, राज्य सरकार ने शनिवार को भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) में मध्यप्रदेश कैडर (MP Cadre) के 9 पुलिस अफसरों के तबादला आदेश (MP IPS Transfer) जारी किए हैं। जिसमें जबलपुर (Jabalpur) रेंज आईजी को इंदौर (Indore) शहर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। यहां के तत्कालीन आईजी एमपी हनी ट्रेप (MP Honey Trap) मामले में हटा दिए गए थे। कुछ अफसर पदोन्नत के बाद रेंज में तैनात किए गए हैं।

जानकारी के अनुसार प्रदेश में कैडर व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पुलिस कमिश्नर प्रणाली की तैयारी सरकार करने जा रही है। सरकार पुलिस अफसरों पर भरोसा जताते हुए यह प्रणाली शुरू करने जा रही है। इस प्रणाली की घोषणा 26 जनवरी तक की जा सकती है। इस संबंध में भीतर ही भीतर पुलिस मुख्यालय (MP Police Head Quarter) में कवायद शुरू कर दी गई है। इस बात की घोषणा मुख्यमंत्री कमल नाथ (CM Kamal Nath) कर सकते हैं। घोषणा की तारीख और उसकी तैयारियों को बेहद गोपनीय रखा जा रहा है। दरअसल, पिछले साल 15 अगस्त को इस प्रणाली को शुरू करने का ऐलान करने की तैयारी थी। पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अचानक मुख्यमंत्री के भाषण से वह अंश हटाया गया था। इस प्रणाली को लागू करने के लिए मध्यप्रदेश में आईएएस लॉबी तैयार नहीं हैं। प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन (MP Home Minister Bala Bachhan) भी विपक्ष में रहते हुए इस मुद्दे को लेकर पूर्व में विधानसभा सत्र में उठा चुके हैं। गृहमंत्री बनने के बाद बाला बच्चन ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में भी कहा था कि मुख्यमंत्री कमल नाथ से चर्चा के बाद इस मामले में फैसला लिया जाएगा।

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पुलिस अफसरों की प्रशासनिक सर्जरी
इधर, सरकार ने शनिवार को पुलिस अफसरों की प्रशासनिक सर्जरी (MP Administrative Surgery) कर दी है। पहली सूची में एडीजी और आईजी रैंक के अफसरों को इधर—उधर किया गया है। सूची के अनुसार 1991 बैच के आईपीएस एडीजी वरुण कपूर (ADG Varun Kapur) को पुलिस मुख्यालय से आरएपीटीसी (RAPTC) इंदौर भेजा गया है। इससे पहले वरुण कपूर आईजी इंदौर ही थे। उन्हें एमपी हनी ट्रेप केस में हटा दिया गया था। उस वक्त आदेश को लेकर कई मायने भी निकाले गए थे। आईजी सागर (Sagar) 1996 बैच के पुलिस अफसर एसके सक्सेना (SK Saxena) को आईजी एसएएफ भोपाल रेंज बनाया गया है। आईजी जबलपुर और 1998 बैच के आईपीएस विवेक शर्मा (IG Vivek Sharma) को इंदौर रैंज का आईजी बनाया गया है। आईजी शहडोल (Shahdol) 2000 बैच के आईपीएस एसपी सिंह (IG SP Singh) को पुलिस मुख्यालय आईजी भेजा गया है। डीआईजी उज्जैन और 2002 बैच के पुलिस अफसर अनिल कुमार शर्मा (IG Anil Kumar Sharma) को आईजी सागर बनाया गया है।
इसके अलावा 2002 बैच के आईपीएस बीएस चौहान (IG BS Chouhan) को जबलपुर से आईजी जबलपुर रेंज बनाया गया है। इसी तरह काउंटर इंटेलीजेंस में 2002 बैच के डीआईजी मनोज शर्मा (IG Manoj Sharma) को आईजी पुलिस मुख्यालय में तैनात किया गया है। मंडला एसपी 2006 बैच के आईपीएस आरआरएस परिहार को पुलिस मुख्यालय में डीआईजी बनाया गया है। पुलिस मुख्यालय में प्रबंध शाखा में तैनात एआईजी 2006 बैच के आईपीएस मनीष कपूरिया को उज्जैन रेंज में डीआईजी बनाया गया है। राज्य सरकार ने 1989 बैच के आईपीएस एडीजी मिलिंद कानस्कर को इंदौर रेंज आईजी के अतिरिक्त प्रभार से कार्यमुक्त कर दिया है। कानस्कर तत्कालीन आईजी वरुण कपूर का कार्य देख रहे थे।
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