Bhopal News: एमपी और यूपी में गौवंश की रक्षा को लेकर करोड़ों रूपए का बजट फूंकने वाली सरकार की सच्चाई बेनकाब, कंटेनर के भीतर मिले 77 बैल और बछड़े, सींग और पैर बांधकर बुरी तरह से कैद कर रखा था, दुर्घटना के बाद चालक वाहन को छोड़कर भागा, कंटेनर से 16 बैल मृत हालत में मिले, 61 गौवंश को गौशाला पहुंचाया गया
भोपाल। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में गौवंश को लेकर जमकर राजनीति होती है। यह काम भाजपा—कांग्रेस दोनों ही समान रूप से करती है। लेकिन, मैदानी सच्चाई क्या है यह बुधवार को उजागर हो गई। यह पूरा मामला मीडिया से छुपाकर रखा गया। सरकार बेनकाब सड़क दुर्घटना की वजह से हो गई। जिसके बाद भारतीय समाज में गौवंश को लेकर उसका कुरूप चेहरा सामने आ गया। यह घटना भोपाल (Bhopal News) शहर के गांधी नगर थाना क्षेत्र की है। यहां रिवर्स हो रहा एक कंटेनर नाले में जाकर फंस गया था। जिसमें कारें रखी होनी थी उसके भीतर 77 गौवंश भरे हुए थे। बेतरतीब तरीके से रखे गए अधिकांश गौवंश बैल थे। इन्हें दो पाटों में अलग—अलग बुरी तरह से बांधकर रखा गया था। पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पोल खुल जाती इसलिए ट्राला छोड़कर भागा चालक
गांधी नगर थाना पुलिस ने 30 मार्च को 59/23 धारा 279/429/4/6/9/11—क—113/194 लापरवाही से वाहन चलाकर कंटेनर से दुर्घटना, गौवंश की मौत, एमपी गौवंश प्रतिशेध अधिनियम, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अलावा मोटर व्हीकल एक्ट का प्रकरण) दर्ज किया गया है। घटना पवन गुर्जर (Pawan Gurjar) के पास मेनरोड पर हुई थी। इस मामले में आरोपी यूपी—11—सीटी—2953 कंटेनर चालक को बनाया गया है। चालक कंटेनर को डिवायडर से टकराने के बाद रिवर्स ले रहा था। तभी उसके दो पहिए फुटपाथ पर बनी नाली में फंस गए थे। जिसके बाद कंटनेर का ड्रायवर मौके से भाग गया था। कंटेनर से मवेशियों के कराहने की आवाजे आ रही थी। कंटेनर यूपी आरटीओ से रजिस्टर्ड है। जिसके मालिक के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।
इस गौशाला से उस गौशाला में भटकते रहे
यह जानकारी मिलने के बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था। क्रेन की मदद से कंटेनर को सीधा किया गया। कंटेनर में अधिकांश बैल थे जिनके पैर और सींग बुरी तरह से बांधे गए थे। कंटेनर को तुरंत परवलिया गौशाला ले जाया गया। लेकिन उसमें पर्याप्त गौवंश रखने की क्षमता नहीं थी। इसके अलावा कंटेनर वहां तक जा नहीं पा रहा था। कंटेनर के मवेशी भूख—प्यास से कराह भी रहे थे। इसलिए नीलबड रोड पर कंटेनर को रोककर कुछ गौवंश को पानी पिलाया गया। इसी दौरान एक मृत बैल बाहर आ गया। जबकि पांच बैल जख्मी होने के कारण बुरी हालत में दिखे। इस कारण उन्हें बाहर निकालने का फैसला किया गया। इसके बाद पुलिस ने नगर निगम की पशु शाखा से संपर्क किया। उन्हें जीव दया गौशाला पहुंचाने का प्रबंध पुलिस ने निगम की मदद से कराया।
इतनी दरिंदगी से लोड किए गए थे गौवंश
कंटेनर के दो हिस्से होते हैं। निचले हिस्से में पुलिस (Bhopal News) को 28 जीवित बैल मिले। जबकि 15 बैल मृत हालत में थे। इसी तरह उपरी मंजिल में भी 28 बछड़े पुलिस को मिले। निगम कर्मचारी जख्मी पांच जीवित बैल और एक मृत बैल को गौशाला में पहुंचाया। पुलिस ने इस मामले में बलवीर यादव (Balveer Yadav) पिता हीरालाल यादव उम्र 42 साल की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया है। वे सुखी सेवनिया में भदभदा गांव में रहते हैं। बलवीर यादव ने पुलिस को बताया कि घटना 29 मार्च की दोपहर एक बजे हुई थी। वे उस वक्त अपनी होटल में बैठे हुए थे। मामले की जांच हवलदार आशीष पाराशर (HC Ashish Parashar) कर रहे हैं। कंटेनर मुबारकपुर से गांधी नगर की तरफ जा रहा था। तभी वह डिवायडर से टकराया था।
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