MP Political Analysis: यदि भीड़ वोट में तब्दील हुई तो किस राजनीतिक पार्टी का बिगड़ेगा गणित   

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MP Political Analysis: आम आदमी पार्टी की सभा के बाद भाजपा—कांग्रेस दोनों ही दलों में बैचेनी, सभा के पहले और बाद में आए कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद मैदानी हकीकत

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। जिसके चलते भाजपा—कांग्रेस के भीतर तैयारियां शुरू हो गई है। वहीं मध्यप्रदेश में दूसरी बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में ताल ठोंकने जा रही है। एमपी में चुनाव के पहले दौर में आप ने नेटवर्क नहीं खड़ा किया था। अब उसके पास कार्यकर्ताओं की टोली है। वहीं दिल्ली में तीसरी बार और पंजाब में मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने के बाद इस पार्टी को लेकर एमपी समेत दूसरे प्रदेशों (MP Political Analysis) में भी क्रेज देखा जा रहा है। एमपी में यह पार्टी अब नई नहीं है। क्योंकि सिंगरौली जिले में आप पार्टी का महापौर रानी अग्रवाल और वहां पांच पार्षद भी है। आम आदमी पार्टी ने 14 मार्च को भेल स्थित दशहरा मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया था। जिसके बाद भाजपा—कांग्रेस की सांसे आगे—पीछे हो रही है। हमने इस रैली में शामिल होने आए कई कार्यकर्ताओं से बातचीत की। जिसके बाद एमपी में उभरते राजनीतिक समीकरण की सुगबुगाहट मिली।

कार्यकर्ताओं को जासूसी कराने का झांसा देकर उकसाते रहे नेता

आम आदमी पार्टी की तरफ से सुनियोजित तरीके से इंतजाम किया गया था। हर लाइन में निगरानी के लिए स्वयं सेवक तैनात किए गए थे। वे कार्यक्रम की पूरी गतिविधियों की निगरानी कर रहे थे। इसके अलावा निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे। जिसको दिल्ली से आई टीम बारीकी से मॉनिटर कर रही थी। इसी दौरान कार्यकर्ताओं से अनुशासन बनाए रखने के लिए बोला जा रहा था कि दूसरे दल के नेता कार्यकर्ता बनकर बैठे होंगे। हमारी निगरानी करने वाले नेताओं तक यह संदेश जाए कि हम अनुशासित पार्टी हैं। यही बात पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Maan) ने भी बोली थी। इसी कार्यक्रम में पन्ना से आए बाला साहू (Bala Sahu) ने बताया कि यह बुलाए गए कार्यकर्ता नहीं हैं। यह अपने निजी खर्चो पर यहां पहुंचे है। साहू जैसी बात लगभग एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने बोली। उन्होंने कहा कि अभी आप पार्टी में नेतृत्व नहीं हैं। इसलिए संख्या जरूर कम है, लेकिन, नाम तय होने के बाद यह ज्यादा हो जाएगी।

भाजपा—कांग्रेस को कोसते रहे लेकिन मंच पर पुरानी भाजपाई

भोपाल के आशिमा मॉल के नजदीक से आए सजन लाल हरियाले (Sajan Lal Hariyale) ने चुनावी भाषण के बाद कहा कि दोनों पार्टियों को काफी अवसर दिया गया। अब तक एक सामान्य नागरिक के रहन—सहन में कोई बदलाव नहीं आया। इसी तरह राम अहिरवार ने बताया कि उनके पास चार गाय है। जिनको रखने के लिए सरकार ने मुझे कोई जगह मुहैया नहीं कराई। दोनों ही पार्टियों ने मुझे सिर्फ भरोसा दिया। यह बोलकर दोनों कार्यकर्ताओं ने भाजपा—कांग्रेस को जमकर कोसा। कुछ ऐसा ही तेज करंट भाषण देते वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) में भी दिखाई दिया। जिन्होंने भाजपा—कांग्रेस को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब वे कोस रहे थे तभी सिंगरोली से महापौर रानी अग्रवाल (Mayor Rani Agrawal) भी मंच पर बैठी हुई थी। आपको बता दे कि आप से पहले रानी अग्रवाल भाजपा पार्टी की सदस्य थी। वे पार्टी के लिए चुनाव भी जीत चुकी थी। उन्होंने 2018 में ही भाजपा का दामन थामा था। इसके अलावा होशंगाबाद जिले से आए आप पार्टी के कार्यकर्ता जिनकी कार में केजरीवाल की थीम वाली तस्वीर ‘एक मौका केजरीवाल को’ लगी थी। लेकिन, उनके वाहन के नंबर प्लेट पर कांग्रेस का स्टीकर लगा था।

आकर्षण के केंद्र में रहे रिटायर टीचर

भेल के दशहरा मैदान में सर्वाधिक वाहन चंबल, भिंड, मुरैना के दिखाई दिए। वहीं जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, पन्ना, सागर जिले से भी वाहन आए थे। किन वाहनों से कितने लोग आए इस बात की भी मॉनिटरिंग की जा रही थी। कार्यकर्ताओं (MP Political Analysis) के लिए भोजन की भी व्यवस्था मैदान पर की गई थी। इसमें आकर्षण का केंद्र थे इबादत खान। वे खंडवा से आए थे और रिटायर टीचर है। उन्होंने बताया कि 2018 में केजरीवाल की यात्रा भोपाल के ही छोला दशहरा मैदान में हुई थी। उस वक्त भी वे भोपाल आए थे। इसके अलावा वे केजरीवाल के समर्थन में दिल्ली, पंजाब में भी रैली में शिरकत कर चुके थे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर तंज वाले चेहरे बनाकर भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे थे। इबादत खान (Ibadat Khan) ने बताया कि उन्हें राष्ट्रपति का रजत पदक भी मिल चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में परिवर्तन होना चाहिए। देश में 28 लोग भारत का खजाना लूट रहे हैं।

मीडिया प्रबंधन का इंतजाम दिल्ली के रास्ते

कार्यकर्ताओं को भोपाल बुलाने के लिए आप पार्टी की सोशल मीडिया सेल ने लगभग एक सप्ताह जमकर प्रचार किया। पूरे कार्यक्रम स्थल पर ड्रोन के जरिए भी रिकॉर्डिग की जा रही थी। कार्यक्रम स्थल पर ही एक निजी चैनल की तरफ से कार्यकर्ताओं से की जा रही बातचीत को लेकर आपत्ति जताई गई। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि वे एक विशेष पार्टी के इशारों पर सवाल—जवाब कार्यकर्ता से कर रहे हैं। उस चैनल के रिपोर्टर और कैमरामेन को अकेले नहीं छोड़ा गया। वह जिनके पास भी बयान लेने पहुंचा तो उसकी रिकॉर्डिंग की जाती रही। इधर, मैन स्ट्रीम समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में पंजाब सरकार के रास्ते एक—एक पेज के विज्ञापन दिए गए थे। यह विज्ञापन रैली समाप्त होने के बाद पंजाब सरकार ने ही सरकार के एक साल पूरा होने पर भी जारी किए थे। मंच में इंदौर से आए कलाकर कमल गुप्ता (Kamal Gupta) ने देशभक्ति गीतों का प्रस्तुतीकरण किया था।

इन मुद्दों पर सरकार को मिलेगी चुनौती

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भेल के दशहरा मैदान में आयोजित आप पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में आए कार्यकर्ता। File Photo

कार्यक्रम में दोपहर एक बजे तक 35 फीसदी हिस्सा भरा था। मंच और पूरे आयोजन स्थल पर केवल दो तस्वीरें थी। यह तस्वीरें अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की थी। सीहोर जिले से आए कलाकार बड़ा ढ़ोल बजाकर लोगों को आकर्षित कर रहे थे। वहीं बातचीत करते हुए जबलपुर से आए भानू शुक्ला (Bhanu Shukla) ने बताया कि मौजूदा सरकार गरीबों की नहीं व्यापारियों की रह गई है। खाद्य सामग्री की कीमत और उसकी गुणवत्ता पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया। उन्होंने जबलपुर के अंदाज में कहा कि बाटला 1100 रूपए का हो गया है। बाटला का मतलब पूछा तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां गैस की टंकी को बाटला कहते हैं। भानू शुक्ला ने कहा कि यह सही है कि इस साल हमारी सरकार पूरी ताकत से नहीं बन सकेगी। लेकिन, दूसरी पार्टी को सरकार बनाने का भी मौका यूं ही नहीं देंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के कार्यकाल में जनता महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हो चुकी है। यह बात उन्होंने केजरीवाल के भाषण होने से पूर्व बोली।

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मोदी और शिवराज को लेकर कार्यकर्ताओं में यह गणित

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अरविंद केजरीवाल की एमपी में चुनाव को लेकर एक मौका केजरीवाल को थीम— फाइल फोटो

आम आदमी पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ताओं ने लाडली बहना योजना को छलावा बोला। उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है यह चुनावी साल है। लॉलीपाप से काम नहीं चलेगा। एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि प्रदेश में कुछ जिले ऐसे हैं जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव है। वहीं कुछ जिले ऐसे भी है जहां सिर्फ शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) का प्रभाव है। इसके अलावा कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां भाजपा के क्षत्रपों का गढ़ है। इन्हीं सारी परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व सौंपा जाएगा। इसमें इस बात का भी ध्यान दिया जाएगा कि भोपाल में महापौर प्रत्याशी जैसा हाल न बन जाए। पार्टी के भीतर जनाधार या फिर जनता के बीच चर्चित चेहरा ही नेतृत्व कर सकेगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पंकज सिंह (Pankaj Singh) आप आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। उनकी कार्यकारिणी को पिछले महीने ही भंग कर दिया गया था। केजरीवाल और भगवंत मान ने नई कार्यकारिणी के लिए चेहरे को लेकर सांसद संदीप पाठक को जिम्मेदारी सौंपी है। सूत्र बताते हैं कि उनकी रिपोर्ट बंद लिफाफे में केजरीवाल के पास पहुंच गई है। उसके खुलते ही अगले सप्ताह नाम पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का नाम सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

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