मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 का खुलेआम उल्लंघन, भोपाल एम्स में खरीदी, नौकरी में चल रही बंदरबाट, एम्स डायरेक्टर विदेश यात्रा पर
भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) पर (Women Harassment) महिला विरोधी होने के आरोप लगे हैं। इस मामले में भोपाल के अजाक थाने में भी शिकायत हुई थी। लेकिन, एम्स अफसरों के दबाव में वह शिकायत दबा दी गई। जबकि नियमों के अनुसार शिकायत प्रमाणित थी और उसके पर्याप्त सबूत भी थे।
इस फर्जीवाड़े का (Women Harassment) खुलासा कर्मचारी संगठनों की तरफ से उजागर किया गया है। यह कर्मचारी एम्स प्रबंधन की तरफ से आउटसौर्स और संविदा कर्मचारियों को निकाले पर जाने पर सड़क पर आकर विरोध कर रहे हैं। इसी मामले को लेकर एक कर्मचारी कविराज पांडे 16 जून से पैदल मार्च करके दिल्ली के लिए निकला है। वह फिलहाल मथुरा पहुंच गया है। एम्स डायरेक्टर सरमन सिंह पर जबरिया आदेश थोपने और मनमानी करने के भी आरोप पहले लग चुके हैं। मनमानी के लिए मैन पॉवर फर्म बदलकर नियम विरूद्ध ठेका देने का भी आरोप लगा है। डायरेक्टर सरमन सिंह फिलहाल विदेश यात्रा पर हैं। उनके खिलाफ भोपाल एम्स में जमकर कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
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कैसे नियमों की अवहेलना की
कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि एम्स प्रबंधन अगस्त, 2018 से दमनकारी नीतियां लागू की गई थी। जिसके क्रम में प्रबंधन ने भोपाल के साकेत नगर निवासी (Women Harassment) विंध्येश्वरी दुहारे के घर 29 सितंबर, 2018 को घर पर नोटिस देकर नौकरी से बेदखली का आदेश थमा दिया। जबकि विंध्येश्वरी 1 अगस्त से मातृत्व अवकाश पर थी। यह अवकाश 26 सप्ताह का होता है। कर्मचारी संगठन में सचिव विजय वाल्दे ने बताया कि मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 में केन्द्र में मोदी सरकार ने 2017 में संशोधन किया था। इस संशोधन में 12 सप्ताह से मातृत्व अवकाश बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया।
इसके खिलाफ दुहारे ने अजाक एसपी से लिखित में शिकायत की थी। उसका आरोप था कि नोटिस को लेकर वह प्रशासन में (Women Harassment) उप निदेशक डॉक्टर संतोष सोहगौरा से मुलाकात करने पहुंची थी। उस दौरान उससे अभद्र भाषा में बातचीत करते हुए घर जाने के लिए कहा गया। अजाक थाने ने बताया कि शिकायत एसपी ऑफिस में हुई थी जांच उनके थाने से नहीं की गई। मूलत: छिंदवाड़ा निवासी दुहारे का आरोप है कि पुलिस अफसरों पर दबाव डालकर मामले को आगे बढ़ाया ही नहीं गया।
सरकार के खंडन में घिरा विभाग
मातृत्व अवकाश को लेकर तमाम मीडिया रिपोर्ट सामने आई है। जिसकी जांच करने की बजाय विभाग की तरफ से खंडन किया गया था। यह खंडन (Women Harassment) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की तरफ से 16 नवंबर, 2018 को जरी हुआ था। इसमें कहा गया था कि मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के दायरे में वे कारखाने, खदानें, बागान, दुकानें एवं प्रतिष्ठान और अन्य निकाय आते हैं, जहां 10 अथवा उससे अधिक कर्मचारी होते हैं। इस परिधि में एम्स भोपाल आता है। महिलाओं को शिशुओं के लिए लाभ दिलाने के उद्देश्य से कुछ संशोधन मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनिय%