एक ही गांव के 8 युवक हुए शिकार, स्मैक की लत ने बना दिया लाइलाज
श्योपुर। मुख्यमंत्री कमलनाथ के आदेश पर पुलिस ने ऑपरेशन प्रहार (Operation Prahar) नाम की मुहिम छेड़ रखी है। यह मुहिम नशे के सौदागरों और उसके लत में फंसे युवकों को बाहर निकालने के लिए शुरू की गई है। इसी मुहिम के दौरान MP के एक गांव की बिगड़ी और भयावह तस्वीर सामने आई है। आप सुनकर और जानकर हैरान हो जाएंगे। लेकिन, यह सच है कि उस गांव के आठ लोग नशे के कारण एक ऐसे रोग की गिरफ्त में आ गए जिसकी कल्पना उन्होंने भी नहीं की थी।
जानकारी के अनुसार मामला मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले का है। बेहद सामान्य और पिछड़ा जिला इसे माना जाता है। लेकिन, समाज की बुराई कहा जाने वाला रोग शहर छोड़िए गांव के भीतर तक पहुंच गया। आप सोच रहे होंगे कि मामला आखिर ऐसा क्या है। तो जनाब थोड़ा ध्यान से सुनिए और इस मामले को समझिए। कहानी (Operation Prahar) श्योपुर के एक देहात थाने से शुरू होती है। देहात थाने की कार्रवाई के बाद जो परिणाम सामने आया उसने थाने के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को भी कठघरे में डाल दिया। अब पुलिस के अफसर भी मामले से ऐसे किनारा कर रहे हैं जैसे कोई बड़ी बात नहीं है। जो अपराध गांव में हुआ वह ऐसा हो ही नहीं सकता कि उसमें पुलिस संरक्षण न मिला हो। अब इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
ऐसे सामने आया मामला
दरअसल, देहात थानेे ने एक युवक को सार्वजनिक जगह पर नशा (Operation Prahar) करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उसे अदालत ने जेल भेजने के आदेश दे दिए। जब उसे जेल भेजा गया तो वहां उसका आचरण आम बंदियों से अलग पाया गया। इसी बीच जेल के भीतर एक स्वास्थ्य शिविर लगा जिसमें चिकित्सकों ने देहात क्षेत्र से गिरफ्तार युवक का भी मेडिकल किया। उसकी रिपोर्ट में मालूम हुआ कि उसे एड्स का रोग है। उसकी दिनचर्या काउसलर चंद्रशेखर दुबे ने पूछी तो वह भी हैरान रह गए। युवक रोज स्मैक (Drug Addict) का सेवन करता था। इसके लिए वह इंजेक्शन की मदद लेता था।
माता—पिता को मालूम बेटा मर जाएगा
चंद्रशेखर ने विस्तृत पूछताछ की तो उसने गांव का खुलासा कर दिया। मामला बड़ोदा तहसील का है। चंद्रशेखर उस गांव में पहुंचे। यहां उन्होंने देहात थाने में गिरफ्तार युवक के साथ उठने—बैठने वाले दोस्तों का पता लगाकर उनका भी मेडिकल कराया। रिपोर्ट में पता चला कि उसके साथ 7 अन्य दोस्तों को भी एड्स की बीमारी लग गई है। यह पता चलने के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। चंद्रशेखर ने इस रिपोर्ट के बारे में मेडिकल अधिकारी के अलावा पुलिस को भी बता दिया है। इसमें पुलिस इसलिए बच रही है क्योंकि इतनी भारी मात्रा में स्मैक आ रहा था तो थाना पुलिस क्या कर रही थी। अब उसकी चौखट पर जांच की आंच आ रही है तो वह बौखलाहट में आ गई।