Bhopal Sandal Smuggling: संगठित अपराधों पर काम करने वाली क्राइम ब्रांच के अफसरों ने जवाब ही नहीं दिया, एक सप्ताह के भीतर चोरी की तीसरी वारदात
भोपाल। हमें जो कड़वे अनुभव हुए हैं वह जानने के बाद आपको यह यकीन कतई नहीं होगा कि यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Sandal Smuggling) है। शहर में एक सप्ताह से चंदन चोर खुलेआम घूम रहे हैं। वे सामान्य नहीं बल्कि मंत्री, पूर्व मंत्री और बड़े अफसरों की रिहायशी कॉलोनी को टारगेट कर रहे हैं। इन जगहों से वे केवल चंदन (Bhopal Chandan Chori) के पेड़ काट ले जा रहे हैं। जिम्मेदार एजेंसियां भोपाल पुलिस और वन विभाग के अफसर मौन है। दोनों ही एजेंसियां एक—दूसरे की जिम्मेदारी बताकर मामले से पल्ला झाड़ रही है।
क्राइम ब्रांच के एएसपी ने मुलाकात ही नहीं की
शहर में एक सप्ताह से सक्रिय इन चोरों पर प्रतिक्रिया के लिए क्राइम ब्रांच के एएसपी गोपाल धाकड़ (ASP Gopal Dhakad) से बातचीत के लिए समय मांगा गया। उन्होंने गुरुवार शाम 4 बजे कार्यालय बुलाया। वे टीवी चैनल को चैंबर में बुलाकर बाइट देते रहे। लेकिन, उन्होंने क्राइम इंफो के सवाल का सामना करने से पहले ही सरेंडर कर दिया। एएसपी कार्यालय के कर्मचारी ने बताया साहब अभी व्यस्त है। जबकि संगठित अपराधों में क्राइम ब्रांच (Bhopal Crime Branch News) ही चौकसी और निगरानी करता है। इसी विषय पर एएसपी से प्रतिक्रिया ली जानी थी।
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थाने ने बोला कोई आया ही नहीं
इस मामले में हबीबगंज थाने से प्रतिक्रिया और एफआईआर के लिए संपर्क किया गया तो बताया गया कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। थाना प्रभारी राकेश श्रीवास्तव (TI Rakesh Shrivastav) ने बताया कि जहां चोरी हुई है वह वन विभाग के अधीन जमीन में वृक्षारोपण किया गया है। इस संबंध में वन विभाग से कोई शिकायत करने नहीं आया। इस सिलसिले में डीएफओ हरीशंकर मिश्रा (DFO Harishankar Mishra) से प्रतिक्रिया के प्रयास किया गया। लेकिन, उन्होंने फोन नहीं उठाया। हैरानी वाली बात यह है कि यह सबकुछ उस शहर में हो रहा है जहां मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन के सारा आला अधिकारी मौजूद हैं।
यह हुई वारदात
चोरी की सबसे पहले वारदात चौहत्तर बंगले में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) के खाली बंगले पर हुई थी। इसके बाद दूसरी वारदात मंत्री गोपाल भार्गव (Minister Gopal Bhargav) के बंगले पर हुई। दोनों ही घटनाओं में टीटी नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। लेकिन, इनका अब तक कोई खुलासा ही नहीं हुआ। बताया जाता है कि बुधवार रात जहां वारदात हुई वहां उसके सामने मुख्यमंत्री के ओएसडी मकरंद देउस्कर (IPS Makrand Deuskar) का सरकारी निवास है। इसके बावजूद भोपाल क्राइम ब्रांच खामोश है। वह उस गिरोह का पता नहीं लगा पा रहा है जो एक—एक कर तीन वारदातों को अंजाम दे चुका है।
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