मुख्य आरोपी समेत दो गिरफ्तार, एक व्यक्ति की तलाश जारी, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कानून व्यवस्था को लेकर सरकार के खिलाफ ट्वीट
सतना। संपत्ति में बंटवारा हो तो हिस्से में ज्यादा भाग मिले इसके लिए एक योजना बनाकर निर्मम तरीके से हत्या करने का मामला सामने आया है। यह घटना (Madhya Pradesh Crime) सतना जिले के अमरपाटन थाना क्षेत्र की है। घटना को अंजाम देने वाला आरोपी पुलिस दल के साथ ही था और वह तलाश करने में मदद कर रहा था। लेकिन, इससे पहले उसके पिता को फोन करके आरोपी ने 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी।
यह जानकारी देते हुए एसपी सतना रियाज इकबाल ने बताया कि अमरपाटन थाना क्षेत्र के चोरहटा निवासी 13 वर्षीय विकास प्रजापति कुछ दिन पहले अचानक लापता हो गया था। परिवार अपने स्तर पर बच्चे की तलाश कर रहा था। परिवार शनिवार को थाने तब आया जब उन्हें 10 लाख रुपए की फिरौती (Ransom) का फोन आया। विकास के पिता अमित जिले में मावा व्यापारी हैं। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करके मामले की जांच की गई।
इसमें उस नंबर की पड़ताल की गई जिससे विकास के पिता को फोन आया था। उसे पैसों का इंतजाम करके जंगल में हनुमान मंदिर के पीछे आने के लिए कहा गया था। यह समाचार जब एसपी रियाज इकबाल को मिला तो वह स्वयं अमरपाटन थाने में जांच की निगरानी के लिए पहुंच गए। आधा दर्जन टीम ने पूरे मामले का कुछ घंटों में पर्दाफाश कर दिया।
मरा या नहीं तस्दीक भी किया
एसपी के मुताबिक हत्या के इस मामले में पुलिस ने आरोपी 19 तेजबली पिता दुली प्रजापति और तेजबली के साले 24 वर्षीय धनीलाल को गिरफ्तार किया गया है। दुली प्रजापति और अमित रिश्ते में सगे भाई है। दोनों परिवारों के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों परिवारों की महिलाएं भी अक्सर एक—दूसरे से लड़ा करती थी। आरोपी तेजबली ने बताया कि उसने विकास की 16 अगस्त को ही हत्या कर दी थी।
इससे पहले वह उसे झांसा देकर गढ़ी ले गया था जो मैहर देहात इलाके में पड़ता है। यहां विकास के हाथ—पैर बांधकर उसने कुएं में उसे फेंक दिया। ऐसा करने के पीछे तेजबली ने बताया कि वह इकलौता था। यदि वह मर जाता तो संपत्ति के बंटवारें में उसे हिस्सा नहीं बांटना पड़ता। मौत हुई या नहीं इस बात की तस्दीक करने के लिए आरोपी उसी दिन शाम को कुएं में झांककर देखने के बाद वापस आया था।
पुलिस को भ्रम में डाला
एसपी ने बताया कि आरोपी बेहद शातिर है। वह वारदात के बाद परिवार के साथ और पुलिस की मदद के लिए घुमता भी रहा। मामले में तब मोड़ आया जब उस सिम का पता चला जिससे फोन आया था। सिम (Fake Sim) फर्जी नाम—पते पर खरीदी गई थी। जिसमें दुकानदार ने भी मदद की थी। पुलिस ने उस व्यापारी को भी आरोपी बनाया है। लेकिन, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टॉवर लोकेशन की वजह से आरोपी तेजबली का राज उजागर हो गया।
प्रदेश में राजनीति शुरू
इस मामले को लेकर एक तरफ आधा दर्जन टीमें सरगर्मी से जुटी थी। इसमें एसटीएफ ने भी मदद की। लेकिन, मामला साफ होते—होते रात 11 बज गए। जब खुलासा हुआ तब तक फिरौती के लिए अपहरण की कहानी (Madhya Pradesh Crime) पूरे प्रदेश में फैल गई। यह जानने के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट किया। उन्होंने प्रियांश और श्रेयांश के अपहरण की बात याद दिलाते हुए प्रदेश के (Madhya Pradesh Crime) कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।