Bhopal News: स्वास्थ्य विभाग ने भी माना उप स्वास्थ्य केंद्र में पहली बार होने वाली प्रसूता की डिलीवरी हाई रिस्क, केस रैफर करने की बजाय इलाज करने पर हुई कार्रवाई
भोपाल। एमपी में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर एक पोल सोमवार को उजागर हो गई। दरअसल, भोपाल (Bhopal News) देहात क्षेत्र में स्थित एक नव विवाहिता की मौत हो गई थी। वह गर्भवती थी और उसको डिलीवरी के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। इसी मामले में स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस को रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें कहा गया है कि उप स्वास्थ्य केंद्र में वह महिला जिसकी पहली बार डिलीवरी हो रही है वह हाई रिस्क श्रेणी में रखा गया है। इसका मतलब साफ है कि प्रदेश में सैंकड़ों ग्रामीण अंचलों में चल रहे स्वास्थ्य केंद्र पहली बार प्रसूताओं के लिए हाई रिस्क है। इनका भार बड़े—बड़े शहरों के जिला अस्पतालों में पड़ता है।
यह है पूरा मामला जिसमें पुलिस ने दर्ज किया है प्रकरण
एमपी के अधिकांश उप स्वास्थ्य केंद्र आउटसोर्स या संविदा कर्मचारियों के भरोसे चल रहे हैं। ऐसा ही एक उप स्वास्थ्य केंद्र बैरसिया (Bairasia) थाना क्षेत्र में स्थित ग्राम सोहाया (Village Sohaya) में है। इसमें इलाज के लिए 20 सितंबर को शिवानी केवट (Shivani Kewat) पति नेपाल सिंह केवट उम्र 21 साल को लाया गया था। वह ग्राम दोहाया की रहने वाली थी। स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया कि यहां तैनात एएनएम तब्बसुम अख्तर (ANM Tabbasum Akhtar) को उसे भोपाल जिला अस्पताल रैफर करना था। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया। जबकि सरकारी नियमों के अनुसार उप स्वास्थ्य केंद्र (Sub Health Centre) पहली बार प्रसव के लिए आई महिला के लिए काफी खतरनाक श्रेणी में हैं। वहां पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में प्रसूता को खतरा हो सकता है। यह जानते हए भी शिवानी केवट को भोपाल शहर नहीं भेजा गया। पुलिस ने इसी रिपोर्ट के आधार पर 04 नवंबर की शाम लगभग सवा छह बजे प्रकरण 691/24 दर्ज कर लिया गया। जिसमें आरोपी तत्कालीन एएनएम तब्बसुम अख्तर को बनाया गया। वह उप स्वास्थ्य केंद्र में बने स्टाफ क्वार्टर में रहती थी। हालांकि उसका ससुराल भोपाल में भी है। मामले की जांच एसआई हेमंत सिंह (SI Hemant Singh) कर रहे थे। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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