Bhopal News: दस महीने की लंबी जांच के बाद पुलिस ने दर्ज किया जालसाजी का प्रकरण, अदालत ने भेजा था जांच करने के लिए प्रतिवेदन
भोपाल। मारपीट के एक मामले में लगाई गई ऋण पुस्तिका फर्जी निकली। जमानत अर्जी भोपाल जिला अदालत में लगाई गई थी। संदेह होने पर कोर्ट ने भोपाल (Bhopal News) शहर की एमपी नगर थाना पुलिस को जांच के लिए प्रतिवेदन भेजा था। जिसकी जांच करने में पुलिस को दस महीने लग गए। हालांकि पुलिस का दावा है कि रिपोर्ट प्रशासन की तरफ से देरी से मिली। अब पुलिस महिला के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
यह है वह मामला जिसकी जमानत लेने गई थी महिला
एमपी नगर (MP Nagar) थाना पुलिस के अनुसार प्रतिवेदन जांच के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमर सिंह सिसोदिया की अदालत से आया था। यह प्रतिवेदन पुलिस को जुलाई, 2022 में दिया गया था। अदालत में हुजूर तहसील के फंदा हल्का में खजूरी कला पटवारी की ऋण पुस्तिका 318733 दी गई थी। यह जमानत के लिए आसिया (Asiya) पति राजेंद्र मीणा उम्र 35 साल ने लगाई थी। मामले की जांच एसआई अमर सिंह सिसोदिया (SI Amar Singh Sisodiya) ने की थी। जिसमें पुलिस ने अब 236/23 धारा 420 जालसाजी का प्रकरण दर्ज कर लिया है। अब पुलिस आसिया के अस्तित्व की जानकारी जुटा रही है। उल्लेखनीय है कि जनवरी, 2022 में जहांगीराबाद पुलिस लाइन निवासी अनस बादशाह (Anas Badshah) पिता जफर बादशाह उम्र 24 साल ने प्रकरण दर्ज कराया था। जिसमें 49/22 धारा 294/323/506/34 (गाली—गलौज, मारपीट, धमकाना और एक से अधिक आरोपी) का मामला था। पीड़ित मदरसे की पढ़ाई करता था। अनस बादशाह ने मारपीट का आरोप जावेद, इरफान और अभिषेक पर लगाया था। विवाद जोहरी होटल (Johri Hotel) के चौथी मंजिल पर डीजे जोर से बजाने के विवाद पर हुआ था। इसी मामले में आसिया ने जमानत लेने का प्रयास किया था।
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