पांच साल की बच्ची को अगवा करके किया था बलात्कार, सात महीने के भीतर आया फैसला
नीमच। बलात्कार के मामले में बटालियन के तत्कालीन आरक्षक को अदालत ने फांसी की सजा (Madhya Pradesh Sentence To Death Case) सुनाई है। मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime) की राजधानी नरसिंहपुर (Narsingpur Crime) जिले का है। दोषी ने पांच साल की बच्ची को अगवा करके घटना को अंजाम दिया था। अदालत ने इस मामले में सात महीने के भीतर में अपना फैसला सुनाया है।
जानकारी के अनुसार दोषी 06 वीं वाहिनी विसबल की कंपनी नरसिंहपुर जिले में तैनात था। दोषी संतोष मरकाम (Santosh Markam) हैं जो ट्रेडमेन आरक्षक था। घटना जून, 2019 की है। पीड़ित परिवार ग्राम धमधा जबलपुर (Jabalpur) का रहने वाला है। परिवार मांगकर जीवन जीता है। परिवार नरसिंहपुर में एक महीने पहले ही आया था। परिवार यहां जेल के सामने के मैदान में डेरे में रहता था। बच्ची जेल के पीछे इमली के पेड़ के नीचे मिली थी। वह घबराई हुई थी और उसके गुप्तांग से खून निकल रहा था। बच्ची ने बताया कि उसके मुंह में कपड़ा ठूंसकर बलात्कार किया गया था। उसे सरकार की मदद से जबलपुर मेडीकल में भर्ती कर उपचार कराया गया था। इसके अलावा पौने दो लाख रुपए की मदद भी दिलाई गई।
इस मामले में एसपी डाॅ. गुरकरन सिंह (SP Dr Gurkaran Singh) ने टीम बनाई थी। आरोपी की गिरफ्तारी पर 10 हजार रूपये का ईनाम भी रखा गया था। सीसीटीवी कैमरे की मदद से कुक ट्रेडमेन आरक्षक संतोष मरकाम को गिरफ्तार किया गया। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर जस्टिस अनीता सिंह ने फैसला सुनाया। अदालत ने संतोष मरकाम को फांसी, दूसरी धाराओं में 20 हजार रुपए का अर्थदंड और 13 साल की सजा सुनाई गई।
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