Bhopal Brutal Murder: पूछे सवाल तो टीआई को जवाब देते नहीं बना, कानूनी जानकार हत्या के इस मामले में क्या कहते है पढ़िए
भोपाल। धारा की एक चूक में भोपाल (Bhopal Brutal Murder) पुलिस फंस गई हैं। थाना प्रभारी से जब सवाल पूछा गया तो उन्हें जवाब देते नहीं बना। कहने लगे कानूनी भाषा नहीं समझोगे। मामला मध्य प्रदेश (MP Murder Case) की राजधानी भोपाल (Bhopal Knife Stabbed Murder) का है। घटना छोटी भी नहीं है, हत्या का प्रकरण है। यहां शुक्रवार रात एक युवक की चाकू घोंपकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या के मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैंं। हत्या में शामिल दो आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं एक अन्य आरोपी की तलाश जारी है।
दो लोगों के बीच हुई थी झड़प
थाना प्रभारी डीपी सिंह (TI DP Singh) ने बताया कि तनवीर खान (Tanveer Khan) पिता इदरिस मोहम्मद उम्र 45 साल गोलू अपार्टमेंट टोल वाली मस्जिद के पास तलैया में रहता हैं। उसने बताया शुक्रवार रात टोल वाली मस्जिद के पास पान की गुमठी पर उसका भांजा आरीब खांन उम्र 24 साल और उसके तीन दोस्त अब्दुल वहाब, उजेफा, आरीब खान (Aarib Khan Murder Case) और तौहिद चारों शुक्रवार रात 10:30 बजे साथ बैठे थे। मामूली विवाद में चारों के बीच विवाद शुरु हो गया। चारों एक दूसरे से झूमाझटकी करने लगे। उजेफा ने आरीब की कॉलर पकड़ ली थी। अब्दुल वहाब (Abdul Vahab) ने पास में रखी छुरी निकालकर आरीब के हाथ में मार दी। वहीं तौहिद ने आरीब के दाएं तरफ पेट में छुरी मार दी। पेट में छुरी लगते ही आरीब बेसुध जमीन पर गिर गया।
अस्पताल में तोड़ा दम
थाना प्रभारी ने बताया आसपास के लोग आरीब को तुरंत चिरायु अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन, ज्यादा खून बहने के कारण डॉक्टरों ने आरीब को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। आरीब का शव मर्चूरी रूम में रख वा दिया था। तीनों आरोपियों की तलाश में पुलिस की दो टीमें भेजी गई थी। घटना के छह घंटे बाद की आरोपी अब्दुल बहाब पिता अब्दुल शहाब अली उम्र 22 साल निवासी सलमान खांन का मकान टोलवाली मस्जिद, मोहम्मद उजेफा पिता मोहम्मद शफकत उम्र 21 साल निवासी रथखाना वाली गली बुधवारा को एनसीसी ग्राउंड से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी तौहिद की पुलिस तलाश कर रही हैं।
एफआईआर में यह है चूक
थाना प्रभारी ने बताया मृतक का शव शनिवार सुबह पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 294/324/307/302/34 (गाली गलौज, धारदार हथियार से वार करना, जानलेवा हमला करना और एक से अधिक आरोपियों) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मौत के बाद धारा 307 के बाद 302 में बदल दी है। थाना प्रभारी डीपी सिंह से धारा 324 के साथ 307 के बारे में पूछने पर जवाब था कि यह कानूनी भाषा है। आप नहीं समझ सकते हैं। इस मामले में अधिवक्ता आकाश तेलंग (Advocate Akash Tailang) ने द क्राइम इंफो को बताया कि धारा 307 लगी है तो 324 लगाना अव्यवहारिक है।
यह हो सकता है नुकसान
अधिवक्ता आकाश तैलंग ने बताया कि यदि फरियादी के साथ अन्य कोई व्यक्ति जख्मी है तो धारा 324 लगाया जाना उचित प्रतीत है। लेकिन, एक ही व्यक्ति जख्मी है तो धारा 307 घटना की गंभीरता प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त है। उसकी एफआईआर में डॉक्टरों की रिपोर्ट शामिल करके शरीर की चोटें बताई जा सकती है। लेकिन, अतिरिक्त धारा लगाकर प्रकरण गंभीर नहीं बनता।
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