Bhopal News: नौ घंटे तक चला ड्रामा, डेरा डालकर बैठे हिंदू संगठन के कार्यकर्ता एफआईआर दर्ज कराकर ही माने, सीडब्ल्यूसी के सामने दो बार हुई काउंसलिंग
भोपाल। मासूम से दरिंदगी के मामले में नौ घंटे बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। यह घटना भोपाल (Bhopal News) शहर के बागसेवनिया इलाके में हुई है। मासूम की उम्र साढ़े तीन साल है। इस मामले में थाना प्रभारी अमित सोनी ने एक बार फिर भोपाल पुलिस की किरकिरी करा दी है। उनके संज्ञान में सुबह 11 बजे मामला आ गया था। जिस पर वे सीधे कार्रवाई करने की बजाय सीडब्ल्यूसी की आड़ में प्रकरण को हल्का करने का प्रयास करते रहे। लेकिन, विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, भगवा पार्टी समेत अन्य हिंदू संगठन के नेता थाने पर डटे रहे।
थाने से हटने के लिए नहीं हुए तैयार
थाना प्रभारी ने एक नहीं दो बार मासूम बच्ची की काउंसलिंग कराई। जिस कारण बुधवार रात इसमें छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज किया गया। बागसेवनिया थाना प्रभारी की इस लचर निर्णय के कारण भोपाल पुलिस की दिनभर इंटरनेट मीडिया, सोशल साइट के अलावा अन्य मीडिया में बहुत बुरी तरह से किरकिरी हुई। थाने में मीडिया के अलावा हिंदू संगठनों के नेताओं का दिनभर जमावड़ा रहा। पीड़ित बच्ची आरोपी के घर उसकी मां से ट्यूशन पढ़ने जाती थी। आरोपी मुस्लिम समाज का लड़का होने के चलते हिंदू संगठन के नेताओं ने जमकर हंगामा मचाया। थाना प्रभारी दोपहर में मीडिया से सीधे बातचीत करने की बजाय डीसीपी डॉक्टर संजय कुमार अग्रवाल (DCP Dr Sanjay Kumar Agrawal) के कैबिन में पहुंचा दिया। यहां डीसीपी कथित आरोपी का नाम बोलकर घटनाक्रम बताते रहे। यह बात हिंदू संगठन के नेताओं को पता चल गई। जिसके बाद वे थाने से यहां—वहां हटने के लिए तैयार नहीं हुए। नतीजतन, दूसरे थाने के प्रभारी और अतिरिक्त बल को बुलाकर वहां तैनात किया गया।
मामलों को दबाने में एक्सपर्ट हैं थाना प्रभारी
उल्लेखनीय है कि थाना प्रभारी सामान्य हो या गंभीर हर मामले को अक्सर लटकाने के चलते विवादों में रहे हैं। इससे पहले उन्होंने आर्यन माखीजा (Aryan Makhija) के दुकान में हुई चोरी को भी लटकाया था। फटकार के बाद एफआईआर दर्ज की थी। तीन महीने बाद दोबारा उसी दुकान में चोरी हुई तो अब तक उसका प्रकरण थाना प्रभारी दर्ज नहीं कर सके हैं। वहीं इस मामले में पुलिस कमिश्नर और डीसीपी से शिकायत होने के एक सप्ताह बीतने के बावजूद भी कारोबारी अभी भी थाने के चक्कर काटने को मजबूर हैं। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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