फाइलों के साथ एमसीयू के पूर्व कुलपति कुठियाला से जांच अधिकारी ने किए सवाल
11 सितंबर को दोबारा हाजिर होने के दिए निर्देश, नोटिस जारी
भोपाल। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की लंबी कार्रवाई के बाद आखिरकार माखनलाल पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU) के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला (BK Kuthiyala) हाजिर हो गए। शुक्रवार सुबह 10.30 बजे कुठिलाया वकीलों और समर्थकों को साथ लेकर ईओडब्ल्यू के दफ्तर पहुंचे। कुठियाला पर कुलपति रहते हुए आर्थिक अनियमितता और नियम विरुद्ध नियुक्तियां (MCU Scam) करने के आरोप है। ईओडब्ल्यू (EOW) में 5 अधिकारियों ने उनसे करीब 6 घंटे तक पूछताछ की।
जानकारी के मुताबिक सरकारी नियमों को लेकर कुठियाला से सवाल पूछे गए। जिसके संबंध में उन्होंने विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए मोहलत मांगी। ईओडब्ल्यू ने उन्हें 5 सितंबर की तारीख दी। लेकिन कुठियाला असहमत नजर आए, उन्होंने ज्यादा वक्त दिए जाने की मांग की। जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने उन्हें 11 सितंबर को हाजिर होने का नोटिस जारी किया। कुठियाला से ईओडब्ल्यू की बिल्डिंग के दूसरे माले पर एयर कंडीशनर हॉल में पूछताछ की गई। इस हॉल में वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा उपलब्ध थी। एसी होने के बावजूद कई सवालों का जवाब देते हुए कुठियाला पसीने-पसीने हो गए।
ईओडब्ल्यू के दफ्तर से बाहर आते समय कुठियाला ने मीडिया से बचने के लिए अफसरों से गुहार लगाई। जिसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा में कार से रवाना किया गया।
बीके कुठियाला के खिलाफ ईओडब्ल्यू (EOW) ने अप्रैल 2019 में एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद जांच से बचने के लिए 4 महीने से ज्यादा का वक्त कुठियाला तिकड़मे लगाने में गुजार दिया था।
ईओडब्लू ने एमसीयू के रजिस्ट्रार दीपेंद्र सिंह बघेल को भी तलब किया। आर्थिक अनियमितता की जांच कर रहे अधिकारियों ने बघेल से करीब 2 दर्जन से ज्यादा सवाल पूछे। कई सवालों के बीच बघेल और कुठियाला का आमना-सामना भी कराया गया। वहीं बीके कुठियाला के सामने विवि में हुई वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी फाइले रखी गई। जांच अधिकारी ने कुठियाला से कंफर्म किया कि फाइलों पर उनके हस्ताक्षर असली है या नहीं।
डीजी ईओडब्लू केएन तिवारी के मुताबिक मामला (MCU Scam) बहुत गंभीर है लिहाजा बीके कुठियाला से लंबी पूछताछ चलेगी। बता दें कि कुठिलाया की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर तक रोक लगा रखी है।
कुठियाला के रिश्तेदारों तक पहुंची ईओडब्ल्यू
पूछताछ के दौरान बीके कुठिलाया से उनके रिश्तेदारों के बारे में भी पूछताछ की गई। बता दें कि ईओडब्ल्यू के पास कुठियाला के उन रिश्तेदारों की जानकारी भी है, जिन लोगों को उन्होंने कुलपति रहते फायदा पहुंचाया। कुछ रिश्तेदारों को कुठियाला ने विवि के सेंटर अलॉट किए थे। इस प्रक्रिया में भी नियमों की अनदेखी की गई थी।
कुठियाला के साथ आया फर्जी अफसर
कुठियाला अपने साथ वकीलों और समर्थकों की टीम लेकर आए है। इस टीम में भी फर्जी लोग शामिल है। कुठियाला से पूछताछ के दौरान ईओडब्ल्यू के दफ्तर के बाहर पत्रकारों का जमावड़ा लगा रहा। इसी दौरान कुठिलाया के साथ आए एक शख्स ने पत्रकारों की ही वीडियो रिकॉर्डिंग करना शुरु कर दी। जब उससे परिचय पूछा गया तो उसने बताया कि वो सीआईडी का अफसर है। परिचय पत्र मांगे जाने पर वो शख्स मौके से भाग निकला।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू (EOW) ने इस गड़बड़ी के मामले में (MCU Scam) अप्रैल, 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें 20 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जिसमें पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला, डॉक्टर अनुराग सीठा, डॉक्टर पी शशिकला, डॉक्टर पवित्र श्रीवास्तव, डॉक्टर अविनाश बाजपेयी, डॉक्टर अरूण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉक्टर मोनिका वर्मा, डॉक्टर कंचन भाटिया, डॉक्टर मनोज कुमार पचारिया, डॉक्टर आरती सारंग, डॉक्टर रंजन सिंह, सुरेन्द्र पाल, डॉक्टर सौरभ मालवीय, सूर्य प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, उसका भाई सत्येन्द्र कुमार डहेरिया, गजेन्द्र सिंह, डॉक्टर कपिल राज चंदौरिया और रजनी नागपाल समेत अन्य के नाम थे। इसमें आरती सारंग प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की बहन हैं। वहीं प्रोफेसर संजय द्विवेदी बघेलखंड के एक कद्दावर नेता के रिश्तेदार हैं।
ईओडब्ल्यू के यह है आरोप
ईओडब्ल्यू (EOW) का आरोप है कि घोटाला लगभग 25 लाख रूपए का है। कुठियाला के कार्यकाल में हुई वित्तीय गड़बडिय़ों (MCU Scam) की फेहरिस्त लंबी हैं। हालांकि प्राथमिक जांच में जो बातें सामने आई है उसके अनुसार कुठियाला ने विवि के बजट से आठ लाख रुपए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को भुगतान किए। यह भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई है। इसके अलावा राष्ट्रीय ज्ञान संगम के लिए विवि से ही साढ़े नौ लाख रुपए का भुगतान किया गया। वहीं जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र की तरफ से श्रीश्री रविशंकर के आश्रम में आयोजित राष्ट्रीय विद्वत संगम के लिए तीन लाख रुपए का (MCU Scam) भुगतान किया गया। नागपुर में भारतीय शिक्षण मंडल नाम की संस्था को आठ हजार रुपए दिए गए। यह संस्था भी आरएसएस से जुड़ी है।
कौन है कुठियाला
कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में डेढ़ दर्जन से अधिक नियुक्तियां (MCU Scam) यूजीसी के मापदंड़ों के अनुसार नहीं की। सरकारी पैसों पर यात्रा, शराब से लेकर कई अनाप-शनाप बिल लगाकर भुगतान लिया गया। ईओडब्ल्यू ने जालसाजी, गबन, साजिश समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत प्रकरण दर्ज किया है। कुठियाला को पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का करीबी माना जाता है। ईओडब्ल्यू (EOW) ने बताया कि वित्तीय अनियमितता 2010 से 2018 के बीच की गई। इस वक्त कुलपति बीके कुठियाला थे। उन्होंने विवि में दो बार का कार्यकाल पूरा किया था। माखनलाल से पहले कुठियाला हिसार, कुरूक्षेत्र, दिल्ली के आईआईएमसी समेत कई अन्य शिक्षण संस्थानों में रहे थे। माखनलाल से हटने के बाद कुठियाला को हरियाणा में स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल का चेयरमेन बनाया गया। उन्हें यह कुर्सी खटï्टर सरकार ने विरोध के बावजूद थमाई।