MP News : लॉकडाउन की मार, 2 दिन में दो व्यापारियों ने की आत्महत्या

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Businessman Suicide : इकलौता बेटा फांसी पर झूला, नवंबर में हुई थी शादी

Businessman Suicide
सांकेतिक फोटो

खंडवा। (Khandwa News) कोरोना महामारी की वजह से लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। मध्यप्रदेश में तो अब व्यापारी आत्मघाती (Businessman Suicide) कदम उठाने लगे है। खंडवा (Khandwa) में दो दिन में दो व्यापारियों ने आत्महत्या (Suicide) कर ली। एक ही शहर में दो कारोबारियों के सुसाइड करने से सनसनी फैल गई। इतने लंबे लॉकडाउन ने आम आदमी तो क्या व्यापारियों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है।

दो दिन में दो सुसाइड

खंडवा में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात को ही एक व्यापारी बालचंद झामवानी ने आत्महत्या (Balchand Jhamwani Suicide) की थी। मंगलवार को दूसरे व्यापारी आशीष डाबर (Ashish Dabar) ने आत्मघाती कदम उठा लिया। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से आशीष का धंधा डूब गया था। वो लोन चुकाने में असमर्थ था और आर्थिक संकट गहराता जा रहा था।

31 वर्षीय आशीष डाबर ने अपने गोदाम में छत से लटककर जान दे दी (Ashish Dabar Suicide)। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट बरामद किया था। जिसमें लिखा है कि आशीष कर्ज चुका नहीं पा रहा था। उसने टेंट हाउस का धंधा करने के लिए कर्ज लिया था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से धंधा ही चौपट हो गया।

इकलौता बेटा था, नवंबर में हुई थी शादी

कोतवाली थाना प्रभारी बीएल मंडलोई ने सुसाइड नोट के आधार पर बताया कि आशीष ने टेंट का धंधा शुरु किया था। लेकिन लॉकडाउन ने उसके सपने तोड़ दिए। सुसाइड करने वाले आशीष डाबर की नवंबर में ही शादी हुई थी। वो अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सौंप दिया।

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पत्नी के इलाज के पैसे भी नहीं थे

रविवार-सोमवार की दरमियानी रात ही टैगोर कॉलोनी में रहने वाले 47 वर्षीय व्यापारी बालचंद झामवानी ने आत्महत्या कर ली थी। उनकी दुकान कंटेंटमेंट इलाके में थी। लिहाजा बाजार खुलने के बाद भी वो दुकान नहीं खोल पा रहे थे। लॉकडाउन में इतने लंबे समय से दुकान बंद होने की वजह से बालचंद की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी।

जिला प्रशासन पर आरोप

बालचंद के भाई सुभाष झामवानी ने मीडिया को बताया कि दुकान बंद होने की वजह से बालचंद के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। उनके पास पत्नी के इलाज के लिए पैसा नहीं था, बच्चियों की परवरिश में दिक्कत आ रही थी। कंटेंटमेंट इलाका होने की वजह से प्रशासन की सख्ती ने बालचंद को पूरी तरह तोड़ दिया था।

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इलाके के पार्षद सागर आरतानी ने बालचंद की मौत के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मरीज ठीक हो जाने के बाद भी इलाके को कंटेंटमेंट जोन में रखा गया है। साथ ही बेवजह में बड़ा कंटेंटमेंट जोन बनाया गया। जबकि बाकि इलाकों में छोटे-छोटे जोन बनाए गए है। आरतानी ने मांग की है कि जिला प्रशासन पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करें।

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