25 साल की युवती से 12 दरिंदों ने किया था बलात्कार, एक किशोर का केस जुवेनाइल कोर्ट में विचाराधीन
रांची। Law Student Gang Rape Case Ranchi झारखंड के रांची (Ranchi) में कानून की छात्रा (Law Student) से सामूहिक बलात्कार (Gang Rape) के मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। रांची के ज्यूडिशियल कमिश्नर नवनीत कुमार की कोर्ट ने 11 आरोपियों को दोषी करार दिया है। आरोपी कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुंडा और ऋषि उरांव दोषी करार दिए गए हैं। दोषियों की सजा का ऐलान 2 मार्च को किया जाएगा। घटना को अंजाम देने वालों में एक बाल अपचारी है, जिसका केस जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में चल रहा है। दोषियों ने 26 नवंबर 2019 को वारदात को अंजाम दिया था। दोषी छात्रा का अपहरण कर ईंट भट्टे पर ले गए थे, जहां बारी-बारी से उसे हवस का शिकार बनाया था। छात्रा को तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। उसके दोस्त के सामने दोषियों उसकी अस्मत लूटी थी।
ये है मामला
घटना रांची के कांके थाना इलाके के संग्रामपुर गांव के पास की है। घटना वाले दिन शाम साढ़े पांच बजे नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (Ranchi Law University) में 25 साल की छात्रा अपने एक दोस्त के साथ बात कर रही थी। तभी दो बाईक सवार युवकों ने दोनों के पास गाड़ी लगा दी। जिसके बाद दोनों ने बंदूक निकालकर धमकाते हुए एक युवक ने लड़की को अपनी बाईक पर बैठाया और दूसरे युवक ने छात्रा के दोस्त को बाईक पर बैठा लिया। इसके बाद उन्होंने अपने अन्य साथियों को घटना वाली जगह बुलाना शुरू किया। यहां छात्रा के साथ वहां पहुंचने वाला हर आदमी बलात्कार करने लगा। दोषी तीन घंटे बंधक बनाकर उससे ज्यादती करते रहे। दोनों आरोपियों ने गैंग रेप के लिए फोन लगाकर अपने दूसरे साथियों को बुलाया था। दोषी गैंग रेप के बाद बदहाल छात्रा को घटनास्थल पर ही छोड़कर फरार हो गए थे। पुलिस ने एक—एक करके सारे दोषियों को दबोच लिया था।
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ऐसे मिला सुराग
पीड़िता के दोस्त की मदद से छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दूसरे दिन बुधवार को थाने में जाकर पीड़िता ने गैंग रेप की कहानी पुलिस को बताई। पुलिस ने गैंग रेप के मामले में आरोपी सुनील मुंडा, कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, अमन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव और ऋषि उरांव को गिरफ्तार किया । सभी आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था। दोषियों के कब्जे से से चोरी की गई कार, बाइक, पिस्तौल, कटृा गोलियां, आठ मोबाइल फोन भी मिले थे। पुलिस ने बताया था कि आरोपियों की गिरफ्तारी में सहयोग पीड़िता के दोस्त ने किया। दरअसल, एक आरोपी जो अपने दोस्त को फोन लगा रहा था उससे नंबर नहीं लगा। नंबर नहीं लगने पर उसने अपने दूसरे साथी से उसका नंबर मांगा। जब यह नंबर दिया जा रहा था तो पीड़ित छात्रा के दोस्त ने सुन लिया। यही जानकारी पुलिस को आरोपियों को दबोचने में संजीवनी बनी।
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