Jharkhand News: यदि यह मामला विपक्ष का होता तो पिंजरे के तोते बुलडोजर के साथ जमीन खोद निकाल लेते, लेकिन सत्तारूढ़ सरकार के एक विधायक के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियां हुई मूक—बधिर, भाजपा विधायक की संपत्ति उजागर करने का मामला, आयकर के बाद अब सीबीआई को आ गया पसीना, हाईकोर्ट के सामने गिड़गिड़ाई सीबीआई बोली एसबीआई नहीं दे रही कोई जानकारी
रांची। पिछले दिनों आपने ईडी—सीबीआई की कई उपलब्धियां सुनी ही होगी। जैसे राहुल गांधी को नोटिस देकर तलब किया। सोनिया गांधी से घंटों पूछताछ। ऐसा नहीं है कि यह केवल गांधी परिवार तक सीमित रहा हो। ऐसा ही मामला ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव का भी रहा। इतना ही नहीं शिवसेना प्रवक्ता रहे संजय राउत तो आज भी जेल में बंद है। उसी तरह दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में बंद है। यह सभी विपक्षी नेता (Jharkhand News) केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी, सीबीआई की रडार पर आए। लेकिन, इन्हीं एजेंसियों से जुड़ा झारखंड का मामला आपको हैरान कर देगा। इसमें सीबीआई ने जिस तरह का जवाब हाईकोर्ट में दिया है वह तो काफी चौका देने वाला है। मामला भारतीय जनता पार्टी के विधायक की आय से अधिक संपत्ति का है। जिसमें हाईकोर्ट ने आयकर फिर सीबीआई से संपत्ति का पता लगाने का आदेश दिया था।
इसलिए बैंक मुश्किल में घिर आई
झारखंड राज्य के बाघमारा से भाजपा विधायक ढुलू महतो (MLA Dhulu Mahto) ने चुनाव के वक्त जो आय और संपत्ति दिखाई थी उसको चुनौती दी गई थी। जिसमें झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। इसी सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश दिया है कि पटना (Jharkhand News) स्थित एसबीआई को इस मामले में प्रतिवादी बनाया जाए। प्रकरण की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक को जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है। सुनवाई के दौरान आयकर विभाग ने अदालत को बताया कि ढुलू महतो की संपत्ति के बारे में पटना स्थित एसबीआई कोई जानकारी नहीं दे रही है। सीबीआई ने बैंक से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसके बाद अदालत ने एसबीआई को प्रतिवादी बना दिया।
भाजपा विधायक की आय से अधिक संपत्ति के मामले में सोमनाथ चटर्जी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है। इस मामले में अदालत ने 30 मार्च 2016 को विधायक की आय से अधिक संपत्ति की जांच को लेकर इनकम टैक्स व ईडी को निर्देश दिया था, लेकिन कोई जांच नहीं की गई। इसके बाद वर्ष 2018 में फिर याचिका दाखिल कर इनकम टैक्स व ईडी की ओर से जांच किए गए प्रतिवेदन को अदालत में प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया। अदालत के निर्देश पर 10 फरवरी 2020 को ईडी और आयकर विभाग ने शपथपत्र दाखिल किया। आयकर विभाग की ओर से बताया गया था कि आरोपी विधायक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की जा रही है, लेकिन इसके बाद की जानकारी अदालत को नहीं दी गई है। विधायक पर आरोप है कि उनकी झारखंड, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में बेनामी संपत्ति है। जबकि उन्होंने अपने नामांकन में सिर्फ 1.63 करोड़ की संपत्ति का ब्योरा दिया है।