City Hospital News: साफ्टवेयर से कई मरीजों का रिकॉर्ड डिलीट किया गया, सबूत मिटाने के लिए 200 शीशी तोड़ी गई
जबलपुर। मध्य प्रदेश का बहुचर्चित सिटी अस्पताल (City Hospital News) का मामला सनसनीखेज बन गया है। इस मामले में ताजा खुलासा शनिवार को जबलपुर एसपी सिद्दार्थ बहुगुणा ने किया है। उन्होंने कहा है कि अस्पताल के साफ्टवेयर से कई सबूत मिटाए भी गए है। इन सबूतों को सायबर सेल की मदद से रिकवर किया जा रहा है। इसके अलावा छानबीन में यह भी पता चला है कि 200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी तोड़ी गई है।
15 लाख के आए थे इंजेक्शन
जानकारी के अनुसार सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा अभी पुलिस अभिरक्षा में है। उसका बेटा हरकरण सिंह मोखा अभी फरार है। उसकी ताजा लोकेशन दिल्ली में मिली है। यहां उसकी ससुराल भी बताई जा रही है। सरबजीत मोखा विहिप के नर्मदा मंडल का अध्यक्ष भी था। उसकी भाजपा के कई नेताओं के साथ तस्वीरें भी वायरल हो रही है। पुलिस को जांच में पता चला है कि आरोपी सरबजीत मोखा ने सूरत से 15 लाख रुपए के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे। इसमें मेडिकल संचालक सपन जैन ने मदद की थी। उससे गुजरात पुलिस ने पूछताछ की थी। जिसके बाद मोखा पर दबिश देने और गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई थी।
पत्नी भी हिरासत में
पुलिस को रिकॉर्ड में पता चला है कि कोरोना की दूसरी लहर में अप्रैल से अब तक अस्पताल में 468 मरीजों का इलाज हुआ था। इसमें 209 नकली इंजेक्शन 171 मरीजों को लगाए गए थे। इन मरीजों में से नौ की मौत होने की जानकारी पुलिस के हाथ लगी है। इसके अलावा पुलिस की एक टीम ने सरबजीत मोखा के करीबी राकेश शर्मा के घर पर भी छापा मारा था। पुलिस ने सरबजीत मोखा के अलावा अस्पताल में फार्मासिस्ट देवेश चौरसिया, प्रशासक सोनिया खत्री, मोखा की पत्नी जसमीत मोखा से भी पुलिस ने पूछताछ की है। दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
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