MP MCU Scam News: ईओडब्ल्यू की अदालत में रिपोर्ट को लेकर होगी पेशियां, देने होंगे जांच अफसर को जवाब
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में खुले पत्रकारिता (MP MCU Scam News) के पहले विश्वविद्यालय के कुलपति रहे प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला (Professor Brij Kishore Kuthiyala) के आरोपों की क्लोजर रिपोर्ट आर्थिक अपराध अन्वेष्ण ब्यूरो (Bhopal EOW News) ने अदालत में पेश कर दी है। बेहद गुपचुप तरीके से पेश हुई इस रिपोर्ट को लेकर ईओडब्ल्यू के अफसर कठघरे में हैं। हालांकि क्लोजर रिपोर्ट (Kuthiyala Closer Report) पर अंतिम मुहर लगना अभी बाकी है। इस रिपोर्ट को हाईकोर्ट में भी चुनौती दी जा सकती है। इससे पहले ईओडब्ल्यू की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट की पेशियां होना बाकी है। संतुष्ट होने पर ही कोर्ट ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करेगा।
संघ के बेहद करीबी रहे कुठियाला
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (Makhanlal Chaturvedi University Ghotala) में प्रोफेसर बीके कुठियाला दो बार कुलपति रहे हैं। उस वक्त प्रदेश में भाजपा सरकार हुआ करती थी। कुठियाला आरएसएस के बेहद करीबी रहे हैं। प्रोफेसर कुठियाला मूलत: कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। पत्नी मधु है जबकि बेटा अमेरिका में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। वे हिसार की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। हरियाणा पहुंचने के बाद उन्हें काफी सफलता मिलती चली गई। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा।
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कांग्रेस सरकार के समय हुई एफआईआर
प्रोफेसर कुठियाला के खिलाफ कांग्रेस सरकार आते ही शिकंजा कसना शुरु हुआ था। माखनलाल डिप्टी रजिस्ट्रार दीपेन्द्र सिंह बघेल (Deependra Singh Baghel) के जरिए पूरे अनियमितता को लेकर रिपोर्ट बनाई गई थी। यह रिपोर्ट तत्कालीन जनसंपर्क में आयुक्त रहे पी नरहरि (P.Narhari) के रहते बनी थी। यह रिपोर्ट एफआईआर के लिए ईओडब्ल्यू को भेजी गई थी। एफआईआर में आरोप था कि कुठियाला ने मनमाफिक तरीके से नियुक्ति, यूटीडी सेंटर अलॉटमेंट, भवन निर्माण से लेकर पुस्तक खरीदने और लिखने में वित्तीय अनियमितता की। उस वक्त प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) की सरकार हुआ करती थी।
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समय के साथ अफसर भी बदले
कांग्रेस सरकार जाते ही कुलपति दीपक तिवारी (Deepak Tiwari) को इस्तीफा देना पड़ा था। इतना ही नहीं स्पेशल डीजी ईओडब्ल्यू केएन तिवारी (Former DG KN Tiwari) का तबादला हुआ। केएन तिवारी फिलहाल मार्च, 2020 में सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने कुठियाला की फरारी की उदघोषणा भी कराई थी। इसके अलावा जांच रिपोर्ट बनाकर देने वाले माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार दीपेन्द्र सिंह बघेल का रीवा स्थित माखनलाल में तबादला हो गया है। एसपी अरुण मिश्रा (SP Arun Mishra) का भी भोपाल ईओडब्ल्यू से तबादला हो गया है। उनकी जगह अब राजेश मिश्रा (Rajesh Mishra) एसपी हैं।
यह है तकनीकी पेंच जिसमें रियायत नहीं
प्रोफेसर कुठियाला (Kuthiyala Scam) को लेकर ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में कहा है कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। ऐसा कहने पर कोर्ट मानेगा नहीं। बल्कि वह तकनीकी बिंदुओं की पड़ताल करेगा। इसके लिए वह अदालत में सुनवाई भी होगी। प्रकरण में क्लोजर रिपोर्ट या फिर चार्जशीट दाखिल दंप्रसं 173 के तहत दाखिल होती है। कोर्ट ही क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला देता है। यदि पक्ष संतुष्ट नहीं है तो उसके लिए हाईकोर्ट में जाकर चुनौती देने का भी विकल्प होता है। यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा कि क्लोजर रिपोर्ट कितनी सही है अथवा दबाव में तैयार की गई है।
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