Galwan Valley : चीन के 43 जवानों के मारे जाने की भी सूचना
नई दिल्ली। सुबह तक खबर थी कि लद्दाख (Laddakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई झड़प में सेना के एक अधिकारी और 2 सैनिक शहीद हुए है। लेकिन मंगलवार रात तक शहीदों की संख्या बढ़ने की खबर आई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीन और भारत की सेना के बीच हुई झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद (20 Soldiers) हुए है। इस झड़प में चीन के 43 सैनिकों के मारे जाने की सूचना है।
लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ हुआ था। खास बात ये है कि इस झड़प में गोलीबारी नहीं हुई थी। पत्थर, रॉड और अन्य हथियारों के जरिए सैनिकों में झड़प हुई थी।
चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई।
सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया।भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलतबेग ओल्डी में तनाव चल रहा है।
बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वास्तविक सीमा पर पैंगोंग झील सहित कई भारतीय क्षेत्रों में घुस आए थे। भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को इलाके में शांति बहाल करने के लिये तुरंत पीछे हटने के लिये कहा। दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिये बीते कुछ दिनों में कई बार बातचीत हो चुकी है।
इस विवाद को खत्म करने के लिये पहली बार गंभीरता से प्रयास करते हुए लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिले के मेजर जनरल लीयू लिन ने छह जून को करीब सात घंटे तक बैठक की थी।