पहली बार किसी पादरी पर चलेगा दुष्कर्म का मुकदमा, कोर्ट में किया गया पेश 

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आरोपी पूर्व बिशप

कैथोलिक चर्च के पूर्व बिशप को कोर्ट में किया गया पेश

तिरुवनंतपुरम। कैथोलिक चर्च के इतिहास में ये पहली बार है कि दुष्कर्म के मामले में किसी शीर्ष पादरी को कोर्ट में पेश किया गया। केरल पुलिस ने मंगलवार को जालंधर सूबा के पूर्व बिशप फ्रैंको मुल्क्कल के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, जिस पर दो साल के दौरान कई मौकों पर नन के साथ बलात्कार करने का आरोप है। बिशप मुलक्कल को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया था। रेप के आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल ने केरल के पाला की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया। बिशप मुलक्कल पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें बलात्कार, आपराधिक धमकी, अप्राकृतिक सेक्स और गलत तरीके से कैद करना शामिल है।

अन्य ननों पर भी बनाया गया दवाब

केरल की चार ननों ने पिछले महीने कोट्टायम के एसपी से मुलाकात कर बिशप मुलक्कल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में देरी की शिकायत की थी। शिकायत की थी कि उन पर दवाब बनाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट दिसंबर में ही तैयार कर ली गई थी। ननों ने आरोप लगाया कि वे पिछले कुछ महीनों से अत्यधिक दबाव में हैं, चर्च ने उन्हें शिकायतकर्ता नन से अलग करने का प्रयास किया और यहां तक ​​कि मामले को कमजोर करने के लिए कथित नोटिस में चेतावनी नोटिस भी दिए। चार्जशीट दायर किए जाने पर पीड़ित नन का समर्थन कर रहे फादर ऑगस्टाइन वतोली ने कहा कि “यह एक जीत नहीं है। हमारी बहनों को बचाना है। हमेशा माना गया है कि हर आरोपी को एक आरोपी के रूप में माना जाना चाहिए, न कि धर्म द्वारा परिरक्षित होना चाहिए,” “यह चार्जशीट केरल के लोगों के समर्थन के कारण आती है, जो नन के साथ खड़े थे और न्याय की मांग कर रहे थे।” बिशप मुलक्कल पर 2014 से 2016 तक 14 मौकों पर नन के साथ बलात्कार करने का आरोप है। पादरी के एक अन्य सदस्य फादर कुरीकोज कट्टुथरा को पिछले साल अक्टूबर में होशियारपुर के दसुया के एक चर्च में मृत पाया गया था।

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