MP में इलेक्शन से पहले फिर Honey Trap Scandal की दस्तक

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MP Honey Trap Scandal: विधायकों, सांसदों, पूर्व मंत्रियों के रिश्तदारों की कॉलोनी में गेस्ट हाउस बोलकर बना रखा था सफेदपोशों को फंसाने के लिए अड्डा, आईटी—सीबीआई की रडार पर रहे प्रदेश के कथित लाइजनर ने गिरफ्तार करने पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम से भिड़कर मुख्य आरोपी को भगाने में मदद पहुंचाने का लगा आरोप, गेस्ट हाउस की टीवी में लगे हिडन कैमरे में कई लोगों की बनाई गई सीडी, पुलिस की तरफ से दर्ज दो अलग—अलग एफआईआर में कई पेंच

MP Honey Trap Scandal
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भोपाल। प्रदेश में तीन महीने बाद राजनीतिक दलों (MP Election) के शोर का मौसम आने वाला है। इससे पहले एमपी (MP Honey Trap Scandal) के सफेदपोश लोगों की एक घटना ने नींद उड़ा दी है। वारदात का मुखिया एक शातिर बदमाश है। लेकिन, उसके तार एक ऐसे व्यक्ति से जुड़े हैं जो राजनीतिक दलों के बीच लाइजनर के रूप में जाना जाता है। यह घटना भोपाल शहर की है। लेकिन, उसकी धमक राजधानी भोपाल (Bhopal Honey Trap New Episode) से लेकर दिल्ली तक अभी से गूंजने लगी है। मामला बेहद सनसनीखेज हैं, जिसमें पुलिस के अफसरों की भी नींद उड़ी हुई है। इस मामले में अलग—अलग दो एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें कई तरह के तकनीकी पेंच भी है। यह बातें निकट भविष्य में पुलिस के लिए सिरदर्द जरूर बनेंगी।

पुलिस अफसरों के पास दो दिन पहले ऐसे पहुंची थी कहानी

पुलिस सूत्रों के अनुसार इस सनसनीखेज कांड (MP Sex Scandal & Politics) की खबर दो दिन पहले यानि 3 अगस्त को पहुंची थी। शिकायत शाहपुरा स्थित बावडिया कला की सेज हेरिटेज (Sage Heritage) कॉलोनी में रहने वाले व्यक्ति ने की थी। पीड़ित की उम्र 41 साल है जो टेलीकॉम सेक्टर का बड़ा कारोबारी है। उसने क्राइम ब्रांच को अपनी दर्द भरी दास्तां बताई थी। व्यापारी की बताई कहानी पर यकीन करें तो उसका दावा है कि उसे हनी ट्रैप में फंसाकर एक्सटॉर्शन (Bhopal Honey Trap Extortion) किया जा रहा था। यह करने वाला मुख्य आरोपी सोनू पचौरी है। उसकी मदद सट्टा चलाने वाले अमित सोनी (Amit Soni) और उसका भाई अनुराग सोनी करते थे। इन सब बातों से बेखबर सोनू पचौरी (Sonu Pachori) से उसकी मुलाकात दो साल पहले हुई थी। पीड़ित का सिविल कांट्रैक्टर और मोबाइल टॉवर इंस्टॉलेशन का काम है। जिसका ऑफिस अयोध्या नगर बायपास पर है। उसके ही बाजू में सोनू पचौरी का कॉल सेंटर (Bhopal Call Center) था। यह वन एक्स नाम से संचालित था। इसी कारण उससे सामान्य मुलाकात हुई थी। तब उसने कहा था कि उसका नेटवर्क भोपाल, दिल्ली (Delhi) के अलावा मुंबई, दुबई (Dubai) और इंग्लैंड में हैं। यहां पर उसके गेस्ट हाउस भी बने हुए हैं। उसने पीड़ित को यह भी प्रलोभन दिया कि वह एंजेल इंवेस्टर (Angel Investor) का काम करता है। वह कई प्रोजेक्ट में पैसा लगा चुका है।

भरोसा इतना जीत लिया कि साले की नौकरी भी छुड़वा दी

यह बात सुनकर पीड़ित ने क्रेशर प्रोजेक्ट को लेकर उससे बातचीत की थी। जिसमें साजिश के तहत सोनू पचौरी ने 40 लाख रूपए का निवेश कर दिया। उसने शर्त रखी कि रकम वह उधार देने की बजाय उसमें वह पार्टनर बनेगा। ऐसा करने पर वह अपने दुबई के पार्टनर अमित सोनी (Amit Soni) से बोलकर वह चार—छह करोड़ रूपए का बड़ा कांट्रैक्ट दिला देगा। इस दौरान उससे कई बार बातचीत हुई। मुलाकात के दौरान वह अपनी लग्जरी लाइफ दिखाकर पीड़ित को इप्रेस करता रहा। उसने रिवेयरा टाउन के गेस्ट हाउस (Rivera Town Scandal), पीपुल्स मॉल के पीछे बना आलीशान बंगला, होशंगाबाद रोड पर स्थित कोचिंग का ऑफिस दिखाया। उसका कहना था कि उसकी संपत्ति दिल्ली, मुंबई (Mumbai) में भी ऐसे ही संपत्तियों का वह मालिक है। उसकी रईसी देखकर पीड़ित झांसे में आ गया। उसने बिना सलाह सोनू पचौरी से 40 लाख रूपए ले लिए। इसके अलावा अमित सोनी के साथ निवेश कराने का झांसा देकर उससे एक करोड़ 70 लाख रूपए का चेक साइन करा लिया। इस चेक में पीड़ित ने तारीख नहीं लिखी थी। इसके अलावा दस्तावेज लगाने के लिए कोरे स्टांप पेपर पर साइन ले लिए। पीड़ित के पास सोनू पचौरी के पहले ही 40 लाख रूपए जमा थे। इसलिए वह उसकी बातों पर यकीन करता चला गया। आरोपी पर उसे इतना यकीन हो चला था कि पीड़ित ने अपने साले की गुजरात (Gujrat) में लगी जॉब छुड़वा दी। उससे पीड़ित ने यह बोला कि वह अमित सोनी के साथ मिलकर कारोबार को देखेगा।

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अपनी और रिश्तेदारों की अंतरंग वीडियो देखकर पैरों तले जमीन खिसकी

पीड़ित ने अपने अलावा पत्नी के नाम के भी चेक साइन कराकर उसे दे दिए थे। इसके अलावा साले से भी आठ लाख रूपए आरोपी ने ले लिए थे। रकम भविष्य में एडजस्ट करने का उसने झांसा दिया था। सोनू पचौरी की नीयत से बेखबर पीड़ित और उसके रिश्तेदार उसके रिवेयरा टाउन में स्थित गेस्ट हाउस में रूकने के अलावा पार्टी (Rivera Town Party) भी करने लगे। उसके गेस्ट हाउस में कई रिश्तेदारों को भी ठहराया। एक पखवाड़े पहले सोनू पचौरी से व्यापार को लेकर बातचीत की तो उसने पीड़ित के राज खोले। उसने कहा कि रिवेयरा टाउन में जो भी उसका रिश्तेदार ठहरा उसके वीडियो उसके पास रखे हैं। उसने बताया कि पीड़ित की भी वीडियो उसके पास है जो वह एनीवर्सरी वाले दिन बनाई गई थी। इसके बदले में वह दो करोड़ रूपए और क्रेशर अपने नाम करने की डिमांड उसके सामने रख दी। स्टांप पेपर के जरिए उसने फर्जी डीड भी तैयार कर ली थी। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर चैक बाउंस का केस लगाने की पीड़ित को धमकी दी जाने लगी।

दो पत्रकारों की भूमिका भी सामने आई

MP Honey Trap Scandal
भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा स्थित दाड़ी वाला अश्विनी शर्मा जो क्राइम ब्रांच की टीम से डंडा छीनने का प्रयास कर रहा है। यह चित्र वायरल वीडियो से लिया गया है।

सोनू पचौरी का कहना था कि पीड़ित अपने यहां काम करने वाले मजदूरों के नाम पर सिम अलॉट कराए। इसकेे अलावा मजदूरों के फर्जी खाते खोलकर उसे मुहैया कराने के लिए बोला जाने लगा। इसके अलावा उसकी तीसरी मांग थी कि वह उससे जुड़े राजनेताओं, ब्यूरोक्रेट को रिवेयरा टाउन में स्थित गेस्ट हाउस में पार्टी के लिए बुलाए। यह बात पता चलने के बाद मानसिक तनाव में आए पीड़ित ने अपने दो पत्रकार मित्रों से सोनू पचौरी के बारे में मालूम कराया। तब उसे पता चला कि वह व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार हो चुका है। उसकेे खिलाफ सीबीआई (Bhopal CBI Case) में भी केस चल रहा है। इसके अलावा अमित सोनी के खिलाफ भी सीबीआई में केस चल रहा है। यह दोनों आरोपी पूर्व नियोजित संगठित होकर टीवी में हिडन कैमरा लगाकर वीडियो (Hidden Camera Video Scandal) बनाकर ब्लैकमेल करने का काम कर रहे थे। इसके बाद सोनू पचौरी का साथी शशांक पोखरा उर्फ टिंकू (Shashank Pokhara@Tinku) फोन करके धमकाने लगा। उसका कहना था कि जैसे वीडियो उसके हैं वैसे ही कई विधि क्षेत्र से जुड़े लोगों और पुलिस अधिकारियों के भी वीडियो उसके पास हैं। इसलिए उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उसका कहना था कि सीबीआई केस से अमित सोनी बाहर आ चुका है। इसके अलावा सहारनपुर (Saharnpur News) का भी केस खत्म होने वाला है।

ऐसे सामने आया पूरा सच जब वीडियो वायरल हुआ

क्राइम ब्रांच (Bhopal Crime Branch News) ने इस मामले में 5 अगस्त को आरोपी भोपाल में रहने वाले सोनू पचौरी, इंदौर (Indore) निवासी अमित सोनी, उसके भाई अनुराग सोनी (Anurag Soni) और शशांक पोखरा उर्फ टिंकू के खिलाफ 420/384/120—बी/34 (जालसाजी, रंगदारी दिखाना, साजिश और एक से अधिक आरोपी) का मामला दर्ज कर लिया। इससे पहले क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी सोनू पचौरी की सारी गतिविधियों पर निगाह रखी हुई थी। वह गुरूवार को माता मंदिर के पास पहुंचा। फिर वहां से निकलकर लालघाटी, रेलवे स्टेशन होते हुए प्लेटिनम प्लॉजा में पहुंचा। यहां उसके कई अन्य साथी भी आ गए थे। प्लेटिनम प्लॉजा की पार्किग में पहुंचते ही क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी को दबोच लिया। उस वक्त हनी ट्रैप का शिकार पीड़ित भी था। जिसको देखकर आरोपी सोनू पचौरी फ्लैट में भागा। तब वहां क्राइम ब्रांच पुलिस टीम का सामना अश्विनी शर्मा (Ashwini Sharma) से हो गया। वह पुलिस को कार्रवाई करने से रोकने लगा। यहां काफी देर तक झूमाझटकी भी हुई। पुलिस टीम पर फायरिंग करने का भी आरोप लगा। इस मामले में टीटी नगर थाने में 04 अगस्त की सुबह लगभग साढ़े पांच बजे 307/147/148/149/294/323 (जानलेवा हमला करने की नीयत से फायर करना, हथियारों से लैस होकर बलवा करना और मारपीट) का प्रकरण दर्ज किया गया। जिसमें पुलिस ने आरोपी सोनू पचौरी, गौरव, अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी (Prateek Joshi) अन्य को आरोपी बनाया गया। ऐसा करने के कारण आरोपी सोनू पचौरी भागने में कामयाब रहा। जबकि अश्विन शर्मा और प्रतीक जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया।

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पुलिस अपनी ही बनाई स्टोरी में कई जगह खुद पार्टी बनी

इस मामले का एक अन्य आरोपी अश्विनी शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (EX CM Kamalnath) के समय सुर्खियों में आया था। अश्विनी शर्मा पर तबादला पोस्टिंग कराने के बदले में पैसा लेने का आरोप है। उसके घर पर सीबीआई भी दबिश दे चुकी है। उसके सीधे कनेक्शन पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे कक्कड (Former OSD Kakkar) से थे। कक्कड पूर्व में पुलिस अधिकारी भी रह चुके हैं। अश्विनी शर्मा के घर से पुलिस ने कई वन्य प्राणियों के सामान के अलावा विदेशी सामान बरामद किया था। अब एक बार फिर अश्विनी शर्मा सुर्खियों में हैं। वह पुलिस कर्मचारियों को बकायदा धमकाते हुए कैमरे में रिकॉर्ड भी किया गया है। हालांकि पुलिस की कहानी में कई पेंच भी है। जिसमें सबसे बड़ा पेंच यह है कि क्राइम ब्रांच ने आवेदन पर तुरंत मुकदमा दर्ज नहीं किया था। जिस कारण टीटी नगर की एफआईआर में जालसाज को फरारी में मदद करने की धारा नहीं जोड़ी जा सकी। वहीं क्राइम ब्रांच के रोजनामचे में भी तारीखों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, आवेदन 3 अगस्त को पीड़ित ने दिया था। लेकिन, एफआईआर की तारीख को गलत लिखा गया। हालांकि इसे पुलिस महकमा लिपिकीय त्रुटि बताकर हल्का करने का प्रयास कर रहा है। वहीं सोनू पचौरी के फरार होने के चलते कई सफेदपोश लोगों की सांसे उपर—नीचे हो रही है। जिस कारण भोपाल शहर के पुलिस अधिकारियों की भी नींद उड़ी हुई है।

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