Gujrat CM News: उत्तराखंड़, गुजरात के बाद अब किस राज्य के मुख्यमंत्री देंगे इस्तीफा
दिल्ली/भोपाल। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Gujrat CM News) ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी किसी समाचार एजेंसी या संस्थान ने ब्रेक नहीं की। बल्कि स्वयं गुजरात के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देने के बाद यह सार्वजनिक किया। दो महीने के भीतर भाजपा शासित दो राज्यों में हुए बदलाव के बाद कई अन्य राज्यों की राजनीति में भीतर ही भीतर हलचल पैदा कर दी है। मतलब साफ है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व 2022 से पहले बहुत कुछ बदलने वाला है। दरअसल, अगले साल एक—एक करके पांच राज्यों में चुनाव होना है। जिसमें से दो राज्यों के सीएम भाजपा ने अभी से बदल दिए हैं।
पीएम और गृहमंत्री का आभार
राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Governor Acharya Devvrat) को अपना इस्तीफा सौंपा है। जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi), गृहमंत्री अमित शाह (HM Amit Shah) के प्रति आभार जताते हुए कहा कि राज्य का विकास नए नेतृत्व के साथ होना चाहिए। यह ध्यान में रखते हुए मैंने इस्तीफा सौंपा है। गुजरात में दिसंबर, 2022 में राज्यों के चुनाव होना है। इस्तीफे के बाद ही नए सीएम को लेकर चर्चाएं भी चल पड़ी है। आज तक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक इसमें मनसुख मंडाविया का नाम आगे चल रहा है। हालांकि वे केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री कुछ दिन पहले ही बनाए गए हैं। इसके अलावा गोरदन जदाफिया, सीआर पाटील और पुरषोत्तम रुपाला का भी नाम सुर्खियों में हैं। न्यूज वेबसाइट ने संकेत में बताया है कि गुजरात में आप पार्टी का जनाधार बढ़ रहा है। इसलिए नए नेतृत्व के साथ पार्टी मोर्चा बना रही है।
गुजरात क्यों है मॉडल
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के ही मुख्यमंत्री थे। उनके 2014 में पीएम बनने के बाद आनंदी बेन पटेल को सीएम की कुर्सी दी गई थी। सीएम के पद से हटाने के बाद आनंदी बेन पटेल को राज्यपाल बनाया गया। जिसके बाद विजय रुपाणी को राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई। देश के प्रधानमंत्री की पूर्व राजनीतिक कर्म भूमि होने के चलते यहां के विकास मॉडल पर हमेशा चर्चा होती रहती है। गुजरात के प्रति पीएम का सॉफ्ट नजरिया भी रहता है। इसलिए वहां देश के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम, सबसे लंबी सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा, बुलेट ट्रेन से लेकर कई ऐसे प्रयोगों के लिए गुजरात राज्य का चुनाव केंद्र सरकार ने किया है।
एमपी के लिए मायने
गुजरात के राजनीतिक घटनाक्रम (Gujrat CM News) के बाद फिर से मध्य प्रदेश में भाजपा के भीतर खलबली पैदा कर दी है। खुलकर तो नहीं लेकिन, दबी जुबान में कुछ भी होने की बात बोलकर भाजपा नेता बच रहे हैं। दरअसल, पिछले तीन दिनों से मध्यप्रदेश के प्रभारी पी.मुरलीधर राव सुर्खियों में हैं। उन्होंने कई बार के विधायक और सांसदों को को लेकर नालायक शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके राजनीतिक जानकार मायने निकालकर मंथन करने में जुट गए हैं। राव ने कहा था कि 15 से 17 साल से चार—पांच बार विधायक सांसद बनने पर भी बोलते हैं कि मौका नहीं मिल रहा। इसके बाद रोने के लिए कोई जगह नहीं है कि ये नहीं मिला, वो नहीं मिला।
हाशिए पर कई नेता
प्रदेश में कभी पॉवर का केंद्र रहे कई नेता इन दिनों हाशिए पर हैं। इसमें सुमित्रा महाजन, सीतासरन शर्मा, राजेन्द्र शुक्ला, अजय विश्नोई, पारस जैन, राजेंद्र पांडे के नाम हैं। कई मौकों पर सच बोलकर इन नेताओं ने नेतृत्व के लिए संकट भी खड़ा किया है। एमपी में इससे पहले पूर्व मंत्री और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भुट्टा पार्टी वाले दिन भी कहा था कि वे जब भी समाचार देंगे वह पूरा पेज भर देगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान बहुत अच्छा काम कर रहे है। बाढ़ में रात—रात जागकर उन्होंने रेस्क्यू की रिपोर्ट ली थी। प्रदेश में इसी साल नए राज्यपाल मंगुभाई छगनभाई पटेल बने हैं। वे गुजरात के पूर्व मंत्री भी रहे हैं। इससे पहले आनंदी बेन पटेल के पास राज्य में राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी था। यहां की वे पूर्व राज्यपाल भी रही हैं।