Footwear Merchant Protest: कपड़े के बाद एमपी से फुटवियर कारोबारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
भोपाल। मेरा जूता है जापानी… नाम से बना यह गाना राजकुमार पर फिल्माया गया था। आपको यह गाना जरुर याद होगा। लेकिन, भारत में जूता कारोबारी इसी नाम से विरोध कर रहे हैं। यह विरोध (Footwear Merchant Protest) केंद्र के फुटवियर पर बढ़ाए गए जीएसटी को लेकर किया जा रहा है। भोपाल समेत प्रदेश कई बड़े महानगरों में फुटवियर कारोबारियों ने अपनी दुकानें बुधवार को बंद रखी थी। इतना ही नहीं व्यापारियों ने बकायदा रैली निकालकर विरोध भी जताया। व्यापारियों का दावा है कि सरकार के इस फैसले से गरीब वर्ग और किसान को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके लिए व्यापारियों ने एक रास्ता भी बताया है। जिसको सुनने के लिए केंद्र सरकार तैयार नहीं है।
गरीब और किसानों पर होगा असर
उल्लेखनीय है कि फुटवियर कारोबारियों की तरफ से एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (FM Jagdish Devda) से मुलाकात करने भी पहुंचा था। यह मुलाकात भाजपा प्रवक्ता डॉक्टर दुर्गेश केसवानी (Dr Durgesh Keswani) की मदद से कराई गई थी। कारोबारियों की मांग है कि कपड़ा व्यापारियों की तरह ही उनकी भी जीएसटी पांच फीसदी रखी जाए। यह मुलाकात कराने का उद्देश्य बंद को टालने का था। हालांकि वित्त मंत्री की तरफ से इस विषय को केंद्र का बताकर बैठक में रखने का वादा किया। इस कारण बात नहीं बनी और बुधवार को कारोबारी सड़क पर उतर आए। प्रदेश में 30 हजार से अधिक फुटवियर कारोबार से जुड़े व्यापारी है। व्यापारियों ने बताया कि 500 रुपए कीमत के जूते— चप्पल को 5% जीएसटी तक रखा जाए। क्योंकि प्लास्टिक के जूते एवं रबड़ की चप्पल गरीब किसानों—मजदूरों की चीज है। अगर इस पर जीएसटी बढ़ता है तो गरीब किसान और मजदूर पर सीधा इसका असर पड़ेगा।
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