‘कोरोना वायरस नहीं, फर्जी वेंटिलेटर्स की वजह से 300 पार पहुंचा मौत का आंकड़ा’

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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी पर गंभीर आरोप-  ‘दोस्ती निभाने के लिए ली मौत देने वाली मशीनें’

2000 करोड़ रुपए में 50 हजार फर्जी वेंटिलेटर खरीदने जा रही मोदी सरकार !

धमन-1 को लॉन्च करते सीएम विजय रूपाणी

अहमदाबाद। गुजरात (Gujarat) में फर्जी वेंटिलेटर (Fake Ventilator) की वजह से मौत का मामला गर्मा गया है। गुजरात की विजय रूपाणी (Vijay Rupani) सरकार को राजकोट की ज्योति सीएनसी ऑटोमेशन लिमिटेड (Jyoti CNC) नाम की कंपनी ने 1 हजार वेंटिलेटर गिफ्ट किए थे। धमन-1 नाम के इस कथित वेंटिलेटर को गुजरात सरकार ने मेक इन इंडिया (Make in India) के तहत बड़ी उपलब्धि करार देते हुए तारीफों के पुल बांध दिए थे। बताया गया था कि कंपनी ने महज 10 दिन में स्वदेशी वेंटिलेटर बना दिया, जिसका टेस्ट पर कर लिया गया है। जिसके बाद गुजरात के विभिन्न अस्पतालों में करीब 900 धमन-1 मशीनें लगा भी दी गई। इनमें से 230 मशीनें अकेले अहमदाबाद के सिविल अस्पताल (Civil Hospital Ahmedabad) में लगाई गई। ये वहीं सिविल अस्पताल है जहां कोरोना संक्रमित 300 मरीजों की मौत हुई है। धमन-1 वेंटिलेटर्स पर अहमदाबाद मिरर के सनसनीखेज खुलासे के बाद कांग्रेस ने इन मौतों के लिए फर्जी वेंटिलेटर्स को जिम्मेदार बताया है। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़े ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी पर गंभीर आरोप लगाए। बता दें कि कोरोना वायरस से मौत के मामलों में अहमदाबाद देश में दूसरे नंबर पर है। जिले में मौत का आंकड़ा 600 पार पहुंच गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धमन-1 मशीन को केवल एक मरीज पर टेस्ट किया गया था।

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़े (Amit Chavde) ने कहा कि- ‘गुजरात के मुख्यमंत्री ने अपने दोस्त को फायदा पहुंचाने के लिए, उसकी कंपनी की पब्लिसिटी के लिए एक धमन-1 नाम के वेंटिलेटर की वाहवाही की। 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने इस वेंटिलेटर को लॉन्च किया। इससे पहले इस वेंटिलेटर का कोई भी मेडिकल ट्रायल नहीं हुआ था। वेंटिलेटर को डीजीसीआई की मंजूरी भी नहीं थी। तब भी मुख्यमंत्री ने अपने दोस्त के फायदे के लिए ऐसे वेंटिलेटर को प्रदेश की जनता पर थोपा था। अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में 300 से ज्यादा मरीजों की मौत हुई है। वहां के डॉक्टरों का कहना है कि धमन-1 वेंटिलेटर काम करने के लायक नहीं है। इतनी बड़ी संख्या में जो लोग मर रहे है। उसकी वजह यहीं है कि मरीजों को धमन-1 के भरोसे छोड़ दिया गया था। मुख्यमंत्री ने वाहवाही के लिए गुजरात के लोगों की जिंदगी को दांव पर लगाया। मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।’

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ऐसे हुआ खुलासा

अहमदाबाद मिरर में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पर्याप्त मात्रा में धमन-1 वेंटिलेटर्स होने के बावजूद जब सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स ने दूसरे वेंटिलेटर्स खरीदने की मांग की तो शक पैदा हुआ। जिसके बाद पड़ताल में पता चला कि धमन-1 मशीन वेंटिलेटर नहीं है, जबकि वो एक आर्टिफिशियल मैनूअल ब्रिदिंग बैग है। इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद गुजरात में हड़कंप मच गया।

सिविल अस्पताल के एनेस्थेसिया विभाग के प्रमुख डॉ. शैलेश शाह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया था कि अब तक धमन-1 का इस्तेमाल बेहद कम मौकों पर किया गया क्योंकि हाई-एंड वेंटिलेटर्स पर्याप्त संख्या में थे।

उन्होंने आगे कहा था, ‘धमन-1 हाई एंड वेंटिलेटर्स का अच्छा विकल्प नहीं है, लेकिन बेहद इमरजेंसी के समय अगर आपके पास कुछ न हो तो इसे इस्तेमाल किया जा सकता है.’ डॉ. शाह का यह भी कहना था कि जिस तरह से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में इन पर निर्भर रहना सही नहीं होगा।

50 हजार फर्जी वेंटिलेटर खरीद रही मोदी सरकार !

न्यूज वेबसाइट द वायर की रिपोर्ट में बताया कि- 20 मई को ही गुजरात की स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि ने इन मशीनों की पैरवी करते हुए कहा कि इन्हें गुजरात सरकार की प्रयोगशाला से प्रमाणित किया गया है और यह केंद्र की उच्चाधिकार प्राप्त प्रोक्योरमेंट (खरीद) कमेटी के सभी मानकों को पूरा करती हैं। रवि ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार के उपक्रम एचएलएल लाइफकेयर द्वारा ज्योति सीएनसी को पांच हजार मशीनों का ऑर्डर दिया गया है।

यह ऑर्डर संभवतया उस टेंडर प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है, जो मार्च 2020 के आखिर में एचएलएल द्वारा शुरू की गई थी और इसका आर्थिक स्रोत पीएम केयर्स फंड हो सकता है, जिसने ने मई 2020 में  50 हजार वेंटिलेटर खरीदने के लिए दो हजार करोड़ रुपये अलग रखने की बात कही गई थी।

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पीएम मोदी के सूट तक पहुंच गई फर्जी वेंटिलेटर की आंच

ज्योति सीेएनसी कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से लिया गया चित्र

धमन-1 नाम के इस वेंटिलेटर को बनाने वाली कंपनी ज्योति सीएनसी ऑटोमेशन लिमिटेड के मालिक पराक्रम सिंह जडेजा के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से घनिष्ठ संबंध है। अहमदाबाद मिरर के अनुसार कंपनी के प्रमुख और सीएमडी पराक्रम सिंह जडेजा ने बताया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री उन्हें रोज कॉल करके प्रोत्साहित किया करते थे। धमन-1 की लॉन्चिंग के दौरान भी पराक्रम सिंह मौजूद थे और कार्यक्रम में विजय रूपाणी ने उनकी जमकर तारीफ भी की थी।

अब द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक जडेजा की कंपनी ज्योति सीएनसी में हीरा कारोबारी रमेशभाई भीखाभाई विरानी के परिवार का बड़ा हिस्सा है। विरानी परिवार इस कंपनी के बड़े शेयर होल्डर्स में से एक है। ये वहीं विरानी परिवार है जिसने साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्ही के नाम का छाप 10 लाख का शूट उपहार में दिया था। वहीं सूट जिसे लेकर राहुल गांधी ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये सूट-बूट की सरकार है।

इसे लेकर गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़े ने भी ट्वीट किया कि-

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