फंदे पर लटकाने के लिए जल्लाद और रस्सी की तलाश हुई तेज, दिल्ली गैंग रेप के दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति ने की खारिज, दिल्ली सरकार ले रही फांसी दिए जाने से संबंधित नियमों के जानकारों की मदद
दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) के दिए गए फांसी के फैसले के बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने निर्भया गैंग रेप और हत्या (Nirbhya Gang Rape & Murder) के दोषियों की दया याचिका खारिज (Mercy Petition Dismissed) कर दी है। यह मालूम होते ही तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रबंधन ने फांसी पर चढ़ाने वाले जल्लाद (Jallad) और फांसी की रस्सी तलाशने का काम शुरू कर दिया है। फांसी कब और कहा दी जाएगी अभी यह तय नहीं हो सका है। देश का यह बहुचर्चित कांड 2012 में हुआ था। दोषियों ने दिल्ली (Delhi Gang Rape And Murder) की सड़कों पर चलती बस में गैंग रेप की इस घटना के बाद देश में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था।
जानकारी के अनुसार दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए तिहाड़ जेल (#Tihar Jail) प्रबंधन उन जेलों से संपर्क कर रहा हैं जहां फांसी दी जा सकती है। फिलहाल तिहाड़ जेल (@Tihar Jail) में अभी जल्लाद नहीं हैं। जल्लाद की नियुक्ति नहीं होती है। इसलिए फांसी पर चढ़ाने वाले को तलाशा जाता है। उसका नाम और उसकी पहचान गुप्त रखी जाती है। इसलिए तिहाड़ जेल (@Tihar Jail) प्रबंधन यह सारी कवायद गुपचुप तरीके से कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो तिहाड़ जेल प्रबंधन (*Tihar Jail) इस मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Jail) जेल मुख्यालय से संपर्क बनाए हुए हैं। इससे पहले दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (#President Ramnath kovind) से दया याचिका की अपील की थी। जिसके बाद उसने अगले दिन दया याचिका देने से इनकार कर दिया था।
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दोषी विनय शर्मा और उसके तीन अन्य साथियों ने 16 दिसंबर, 2012 की रात को दरिंदगी की थी। इस मामले के एक आरोपी राम सिंह पहले ही जेल के भीतर आत्महत्या (Nirbhaya Rapist Suicide) कर चुका है। यह दरिंदगी 23 वर्षीय पैरामेडिकल स्टाफ महिला कर्मचारी के साथ की गई थी। उस वक्त बस पर उसका दोस्त भी सवार था। एक आरोपी नाबालिग था जो बाल सुधार गृह से तीन साल की सजा पाने के बाद रिहा कर दिया गया है। यह आरोपी देश में कहा छुपा है यह लोगों को नहीं मालूम हैं।
उसी दिन फांसी की योजना
सुप्रीम कोर्ट (#Supreme Court) ने इस मामले के चार आरोपियों को 12 दिसंबर, 2018 को फांसी की सजा सुनाई थी। इस मामले में दोषी मुकेश, पवन, विनय और अक्षय हैं। ऐसा नहीं है कि तिहाड़ जेल ($Tihar Jail) में पहली बार फांसी दी जा रही हो। लेकिन, यह फांसी एक साथ चार लोगों को दी जाना है। इसलिए तिहाड़ (^Tihar Jail) जेल पसोपेश में हैं। इसी तिहाड़ जेल में आखिरी बार फरवरी, 2013 को अफजल गुरु (Afzal Guru) को फांसी पर लटकाया गया था। अफजल गुरु (#Afzal Guru) पर देश के संसद भवन में शामिल होने का आरोप साबित हुआ था। निर्भया के साथ घटना 16 दिसंबर को हुई थी। इसलिए कई मीडिया रिपोर्ट में यह कहा जा रहा है कि चारों दोषियों को उसी दिन सुबह फंदे पर लटकाया जाएगा।
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फंदे के लिए विशेष रस्सी
निर्भया गैंग रेप (#Nirbhaya Gang Rape) की दरिंदगी के बाद जीवन और मौत से जूझती रही थी। लेकिन, बाद में उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस बात को लेकर देश में काफी आक्रोश था। अब इसी महीने में निर्भया गैंग रेप (@Nirbhaya Gang Rape) जैसी ही दरिंदगी की दो घटनाएं सामने आई है। पहली घटना हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर (Hyderabad Dr Gang Rape) के साथ हुई थी। उसके कुछ दिन बाद ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Crime) के उन्नाव (Unnao Gang Rape) जिले में दरिंदगी हुई थी। दोनों ही घटनाओं में आरोपियों ने पीड़िता को जलाकर मार डाला था। फांसी पर चढ़ाने के नियम होते हैं। उन नियमों को एक बार फिर तिहाड़ जेल प्रबंधन खंगाल रहा है।
जानकारी के अनुसार तिहाड़ जेल (#Tihar Jail) ने फंदा बनाने का आदेश दे दिया है। यह फंदा बिहार (Bihar Jail) के बक्सर (Baksar Jail) जिले में बनाया जा रहा है। यह फंदा विशेष रस्सी से बनता हैं। बताया जा रहा है कि इस फंदे के लिए मनीला रस्सी (Manila Rope) का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह रस्सी बक्सर की जेल में ही तैयार की जाती है। अंग्रेजों के जमाने में यह रस्सी फिलीपींस के मनीला शहर में बनती थी। इसी रस्सी की मदद से आतंकी कसाब (Ajmal Kasab) और अफजल गुरु (Afzal Guru) का फंदा बना था।