PM Narendra Modi Sppech: सरकारी दफ्तरों से आम नागरिकों के उलझन भरे वाले कानूनों की समीक्षा करने के लिए आह्वान
दिल्ली। भारत में रविवार को 71वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित (PM Narendra Modi Speech) किया। उन्होंने सात साल के भीतर रेल, वित्त, विज्ञान, चिकित्सा, खेल से लेकर तमाम सेक्टरों में सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों को देशवासियों को बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वपटल पर छाने के लिए प्रतियोगी होने के तमाम प्रयासों को बताते हुए उन्होंने कहा कि देश इस वक्त टर्निंग पाइंट पर है। जब देश का 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। तब इसी समय को याद किया जाएगा।
छाने का मन होना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना काल में आक्सीजन की कमी हुई। इससे सबक लेते हुए देशभर के कई अस्पतालों में उनके आक्सीजन प्लांट लगा दिए। उन्होंने कहा कि तीन बिलियन के मोबाइल एक्सपोर्ट कर रहे हैं। पहले हम सात करोड़ मोबाइल आयात करते थे। भारत में उत्पादन के क्षेत्र की गति मिल रही है। भारतीय उत्पादकों से उन्होंने कहा कि गुणवत्ता अच्छी रखें। ताकि वह दूसरी कंपनियों के सामने मुकाबला कर सके। आपके मन में दुनिया के बाजार में छाने का मन होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा करने में जो भी सहयोग चाहिए वह सरकार देगी।
इस तरह के कानून रद्द किए
कोरोना के कठिन काल में हजारों नए स्टार्ट अप उभरकर आए है। वे बड़ी सफलता के साथ चल भी रहे हैं। उनकी मार्केेट वैल्यू भी बढ़ रही है। यूनिक आईडिया के साथ वे काम कर रहे है। मोदी ने कहा कि बड़े बदलाव के लिए बड़ी राजनीतिक इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है। सात साल में अनावश्यक प्रक्रियाओं की बाधा को दूर किया है। इसके लिए सरकार ने 15 हजार से ज्यादा कम्पालाइंज को समाप्त किया। एक ही जानकारी कई बार मांगी जाती थी। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 1857 से यह कानून चला आ रहा है। नक्शा बनाने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है। जबकि बाजार सैटेलाइट मैपिंग पर काम कर रहा है। ऐसे ही कई कानूनों को समाप्त कर दिया।
गरीबी के खिलाफ जंग
इज आफ लिविंग और इज आफ डूइंग के चलते कई कारोबारियों को राहत पहुंचा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार के सरकारी कार्यालयों के अफसर अपने यहां के नियमों और प्रक्रियाओं की समीक्षा की जाए। ताकि जनता को आसानी से उसका काम हो सके। मोदी ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी में पारदर्शिता के लिए कई प्रयोग किए हैं। देश में शिक्षा के पास 21वीं सदी के हिसाब की नीति भी है। इसमें कौशल और भाषा का बंधन नहीं होगा। मातृभाषा में पढ़े हुए लोग अब प्रोफेशनल बनेंगे। इस नीति में गरीबी के खिलाफ लड़ाई का एक बड़ी जंग जीती जा सकती है।
सैनिकों स्कूलों में अब महिलाओं को प्रवेश
खेल के मैदान में भाषा रुकावट नहीं बनी। ऐसा ही जीवन के अन्य मैदानों में भी होगा। शिक्षा नीति में इस विषय पर ध्यान दिया गया। जीवन में खेलकूद की मुख्यधारा को नहीं समझा जाता था। अब देश में फिटनेस और खेल को लेकर जागरुकता आई है। यह बदलाव हमारे देश के लिए टर्निंग पाइंट है। भारत की बेटियां हर क्षेत्र में सक्रिय है। इसलिए हर जगह महिला को सुरक्षा का अहसास और सम्मान का भाव वाला वातावरण पैदा करना है। इसके लिए सभी पुलिस समेत दूसरी एजेंसियों को समन्वय बनाकर काम करना चाहिए। देश में पहली बार सभी सैनिक स्कूलों में अब बेटियों को भी पढ़ने का मौका मिलेगा।
इन फैसलों से मिली पहचान
पर्यावरण सुरक्षा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कई सेक्टर में हम प्रयोग कर रहे हैं। भारत में वन क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है। उर्जा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर नहीं है। इसके लिए समय की मांग है कि जनता को संकल्प लेना होगा कि आजादी के 100 साल होने तक यह मुकाम हासिल कर ले। देश मिशन सर्कुलर इकोनामी पर बल दे रहा है। देश ने 450 गीगा वॉट का लक्ष्य रखा है। यह 2030 तक हमें पूरा करना है। ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत मिशन शुरु करने जा रहा है। उर्जा के क्षेत्र में भारत की नई प्रगति को प्रेरणा देगा। ग्रीन ग्रोथ से ग्रीन जॉब के रास्ते भी खुलेंगे। भारत में आर्टिकल—370, टैक्स के जाल से मुक्ति, राम जन्म भूमि, ओबीसी कमीशना को संवैधानिक दर्जा समेत कई फैसलों ने उसको अलग पहचान दी है।
लोकल ही लो
यह सभी बातें बताती है कि भारत कठिन से कठिन फैसले ले सकता है। यह सोचकर दुश्मन भी घबराने लगा है। दुनिया ने भारत के प्रयासों को सराहा है। दुनिया नई दृष्टि से भारत को देखरही है। आतंकवाद और विस्तारवाद की चुनौतियों से लड़ा है। इन बातों का भारत जवाब भी दे रहा है। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास निरंतर जारी है। मोदी (PM Narendra Modi Speech) ने कहा कि देश की रक्षा करने वाले हाथों को मजबूत करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें नागरिक के तौर पर जिम्मेदार बनाती है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर पर अपना श्रेष्ठ देना होगा। देश में लोकल फोर वोकल का अभियान शुरु किया है। स्थानीय उत्पादों को खरीदने की अपील करते हुए इसको अपनाने के लिए कहा।
देश के नागारिकों को उठने का वक्त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं कर्म पर ज्यादा भरोसा रखता हूं। मेरा विश्वास देश की जनता पर है। वह देश हित में पूरा करना होगा। देश जब 100वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा तब इस वक्त को याद किया जाएगा। यह समय साझा स्वप्न देखने और उसके प्रयत्न करने का। उन्होंने कहा कि यही समय है सही समय है भारत का अनमोल समय है। असंख्या भुजाओं की शक्ति है हर तरफ देश की भक्ति है। तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो। कुछ ऐसा नहीं जो करना सको… यह कविता बोलते हुए प्रधानमंत्री ने अपना भाषण समाप्त किया।