NEET-JEE Exam: 6 राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया हलफनामा, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ ‘स्पीक अप फार स्टूडेंट सेफ्टी’
नई दिल्ली। नीट और जेईई की परीक्षा (Neet-JEE Exam) को लेकर शुरु हुई राजनीति आखिरकार अदालती दंगल में पहुंच गई है। इन परीक्षाओं को आयोजित करने के खिलाफ 6 राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हलफनामा (Supreme Court Writ Petition Exam News) दाखिल कर दिया है। इनमें पश्चिम बंगाल, झारखंड (Jharkhand), राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री शामिल है। याचिका में 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा करने और सितंबर में होने वाली जेईई-नीट (NEET-JEE Exam News) परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई है। इधर, इस मुद्दे पर ट्वीटर वॉर भी हुआ। दिनभर विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए ‘स्पीक अप फार स्टूडेंट सेफ्टी’ (#speakupforstudentsafety) ट्रेंड पर रहा।
ग्रेटा थनबर्ग ने परीक्षा टालने का समर्थन किया
स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने कोरोना वायरस के चलते उत्पन्न स्थिति को देखते हुए भारत में नीट और जेईई की परीक्षाएं टालने का समर्थन किया है। ग्रेटा ने कहा कि यह ‘बहुत अनुचित’ है। छात्रों को महामारी के समय परीक्षाओं में बैठने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए। सरकार के लिए उनकी सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इधर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को साफ कर दिया था कि सरकार परीक्षाएं रद्द नहीं करेगी। यह बात उन्होंने मीडिया को दिए बयान में बोली थी।
7 राज्यों के सीएम में हुई थी बात
पोखरियाल का बयान तब आया था जब बुधवार को इस फैसले के खिलाफ गैर भाजपा वाले राज्यों में वेबिनार हुआ था। इसमें सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अगुवाई की थी। 7 गैर एनडीए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। जिसमें यह मांग उठी थी कि स्थिति ठीक नहीं होने तक नीट—जेईई परीक्षा को टाला जाए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी थी। वेबिनार में ममता बनर्जी ने इसका समर्थन भी किया था। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमररिंदर सिंह ने कहा था कि इस सिलसिले में वह पांच बार चिट्ठी पीएम नरेन्द्र मोदी को लिख चुके हैं।
किस राज्य ने किया किनारा
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल,पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद थीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जगह प्रतिनिधि पहुंचे थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में पुडुचेरी साथ नहीं आया है।
अमेरिका की रिपोर्ट रखी सामने
‘राज्य सरकारों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं जहां पर सिर्फ एक ही व्यक्ति सबकुछ कंट्रोल कर रहा है। हमें इसके खिलाफ एक साथ आना होगा। हमें तय करना होगा कि केंद्र सरकार से डरना है या लड़ना है। यह बात बैठक के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बोली थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वहां जब स्कूल खोले गए थे तो लगभग 97 हजार बच्चे कोरोना से संक्रमित थे। अगर यहां ऐसी स्थिति बनती है तो हम क्या करेंगे?’
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