Nepal News: नेपाली मीडिया में लीक हुआ पत्र, भारतीय विदेश मंत्रालय ने घटना पर शोक जताते हुए कंपनी से मुआवजा दिलाने के नाम पर चुप्पी साध ली
दिल्ली। भारत—नेपाल के बीच लिपुलेक को लेकर लंबे अरसे से विवाद चल रहा है। इसी क्षेत्र में एक महीने पहले हुई घटना के बाद यह तनाव ज्यादा गहरा गया है। इसको लेकर नेपाल सरकार (Nepal News) ने भारतीय विदेश मंत्रालय को पत्र भेजकर नाराजगी जताई थी। दरअसल, लिपुलेक क्षेत्र में भारत की तरफ से सड़क निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिए किए गए विस्फोट के दौरान उछले पत्थर लगने से एक नेपाली बालक की मौत हो गई थी। इसी घटना पर नेपाल ने भारत के समक्ष नाराजगी जताई थी।
यह भी पढ़िएः तीन सौ रूपए का बिल जमा नहीं करने पर बिजली काटने के लिए आने वाला अमला, लेकिन करोड़ों रूपए के लोन पर खामोश सिस्टम और सरकार का कड़वा सच
आर्थिक राहत पर भारत ने चुप्पी साधी
नेपाली मीडिया के अनुसार महाकाली नदी पर तवा घाट—लिपुलेक सड़क निर्माण चल रहा है। हादसे में दार्चुला में रहने वाले नौ वर्षीय बालक पवन मेहरा (Pawan Mehra) की मौत हुई थी। इसी मौत को लेकर नेपाल विदेश मंत्रालय ने भारतीय विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा था। नेपाल सरकार ने मांग रखी थी कि दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके अलावा पीड़ित परिवार को राहत भारतीय सरकार पहुंचाए। इस पत्र के जवाब में विदेश मंत्रालय ने जवाब भेजा है। जिसमें कहा गया है कि सड़क निर्माण का काम गर्ग एंड गर्ग कंपनी (Garg And Garg Company) को दिया गया है। भारतीय सरकार ने भरोसा दिलाया है कि कभी भी सीमा पर नजदीक निर्माण के दौरान नेपाल सरकार को इस बात की जानकारी दी जाएगी। उसके बाद कंपनी कोई काम शुरू करेगी। पवन मेहरा के परिजनों को 10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने की मांग नेपाल ने भारत से की थी।
दार्चुला में हुआ पथराव
लेकिन, इसका कोई सीधा जवाब भारत की तरफ से नहीं दिया गया है। खबर है कि उक्त घटना में एक बच्ची भी जख्मी है। इसके अलावा 33 वर्षीय जयसिंह धामी (Jaisingh Dhami) के भी चोटिल होने पर अब तक भारत की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है। इस घटना (Nepal News) के बाद दो दिन पहले फिर विवाद की स्थिति बन गई है। नेपाली पक्ष के एक गुट ने भारतीय पर पथराव कर दिया। इस कारण प्रस्तावित ब्रिज के निर्माण का काम रोक दिया गया है।