Pakistan Spy Case: कुलभूषण जाधव की फांसी मामले में भारत पाकिस्तान की कोर्ट में नहीं पहुंचा
दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan Spy Case) के बहुचर्चित जासूस कुलभूषण जाधव मामले में वहां की सुप्रीम कोर्ट अदालत ने भारत के लिए तल्ख टिप्पणी की है। अदालत ने जाधव की तरफ से सुनवाई में हाजिर नहीं होने पर ऐतराज जताया है। पाकिस्तान की शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि यह उसके संप्रभुता पर दखल जैसा है। फांसी के फैसले को लेकर भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। जिसमें पाकिस्तान की तीन सदस्यीय बैंच में सुनवाई की जा रही है।
वकील नियुक्त नहीं
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की कोर्ट ने भारत से कहा है कि वह कानूनी कार्रवाई में उसका सहयोग करे। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि कोर्ट में हाजिर होने का मतलब यह नहीं है संप्रभुत्ता में छूट नहीं है। पाकिस्तान सरकार के कानून एवं न्याय मंत्रालय की तरफ से दाखिल एक याचिका पर इस्लामाबाद की सुप्रीम कोर्ट में तीन सदस्यीय बैंच सुनवाई कर रही है। जाधव की तरफ से अभी कोई वकील वहां नियुक्त नहीं हुआ है। पाकिस्तान सरकार में अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान (Atorny Genral Khalid Javed Khan) ने बैंच को बताया है कि भारत की तरफ से इंटरनेशनल कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसके फैसले के संबंध में सरकार ने 2020 में अध्यादेश लाकर कुलभूषण जाधव को कानूनी वैधानिक उपाय दिलाने का फैसला लिया गया था।
पाकिस्तानी सैन्य अदालत का है फैसला
पाकिस्तान से प्रकाशित डॉन में प्रकाशित इस मीडिया रिपोर्ट की जानकारी भारत सरकार को भी लगी है। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया भारत ने जारी नहीं की है। पाकिस्तान की तीन सदस्यीय बैंच ने सुनवाई 15 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना से रिटायर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप लगाकर अप्रैल, 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी।