पीके ने किया था दावा तीन अंकों में भी अगर भाजपा के आंकड़े आ गए तो वे अपना काम छोड़ देंगे
दिल्ली। भारत के पांच राज्यों में हुए चुनावों के परिणाम लगभग साफ हो गए हैं। परिणामों के रुझानों में पश्चिम बंगाल (West Bengal Election Result) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी सत्ता बचाने में कामयाब हो गई है। वे प्रदेश की तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रही है। हालांकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में संघर्ष कर रही है। इसके अलावा चार अन्य राज्य केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडू और असम के भी परिणाम लगभग सामने आ गए हैं। इन राज्यों में सर्वाधिक चर्चित पश्चिम बंगाल का चुनाव था। यहां भारतीय जनता पाटी ने अपनी पूरी ताकत ममता बनर्जी को रोकने के लिए झोंक दी थी।
दल भी बदले थे
चुनाव आयोग से मिल रही जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीट थी। इनमें से 292 सीटों के रुझान आ गए हैं। इनमें अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस को 216 सीटें मिलती नजर आ रही है। वहीं भाजपा को 75 सीटें मिल रही है। यह अभी भी रुझान है पूरे परिणाम आना अभी बाकी है। चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने खेला होबे का स्लोगन देकर भाजपा को पहले ही पटखनी दे दी थी। चुनाव में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी हावी रहा। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने के लिए टीएमसी के बहुत सारे नेताओं को तोड़ने में भी कामयाब रही थी। जिसमें शुभेंदु अधिकारी के सामने ममता बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी थी।
प्रशांत किशोर फिर बने हीरो
ममता बनर्जी की वापसी के लिए चुनावी प्रबंधन का काम देखने वाले प्रशांत किशोर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही। प्रशांत किशोर इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव जिताने के बाद सुर्खियों में आए थे। इसके बाद उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को भी जीत दिलाई थी। पीके की सेवाएं ममता बनर्जी ने भी ली थी। पीके की टीम पिछले तीन साल से पश्चिम बंगाल में काम कर रही थी। चुनाव से पहले पीके ने ऐलान किया था कि भाजपा तीन अंकों की सीट पर भी नहीं पहुंच पाएगी। अगर ऐसा हुआ तो वे चुनावी प्रबंधन और अभियान का काम करना ही छोड़ देंगें।
भाजपा की जीत नहीं पर उसे अफसोस भी नहीं
पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने के लिए भाजपा की पार्टी पांच साल से रणनीति बना रही थी। यह एकमात्र राज्य था जहां भाजपा सत्ता से काफी दूर थी। हालांकि उसकी इस कवायद के चलते वह मजबूत विपक्ष के रुप में ममता बनर्जी के सामने रहेगी। यहां से कांग्रेस और वामपंथी पार्टी का लगभग सूपड़ा साफ ही हो गया है। यहां 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211, वामपंथी पार्टी को 33, कांग्रेस को 44 सीट मिली थी। जबकि भाजपा को तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था। लेकिन, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से 18 सीटें जीतकर ममता बनर्जी के लिए चुनौती का इशारा कर दिया था।
असम में सरकार की वापसी
पश्चिम बंगाल के अलावा चार अन्य राज्यों असम, पुडुचेरी, तमिलनाडू और केरल के भी परिणाम सामने आ गए हैं। असम में भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। यहां भाजपा को 76 सीट मिल रही है। जबकि कांग्रेस 48 सीट से संतोष करना पड़ रहा है। असम में 126 सीटों पर चुनाव हुए थे। तमिलनाडू की 234 सीटों में हुए चुनाव में डीएमके को 143 सीट मिल गई है। एडीएमके को 89 पर संतोष करना पड़ रहा है। केरल के 140 सीटों में हुए चुनाव में एलडीएफ 95 तो कांग्रेस को 44 सीट मिली है। पुडुचेरी की 30 सीटों में से 23 के परिणाम आने लगे है। इसमें एनआरसी को 14 तो कांग्रेस को 7 सीट मिलती दिख रही है।