दंगे में हेड कांस्टेबल समेत 10 की मौत
नई दिल्ली। Delhi Riots देश की राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भड़के दंगों के बाद चार इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए है। पुलिस घूम-घूमकर एलाउंसमेंट कर रही है। उपद्रवियों को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी जा रही है। दूसरी तरफ इस दंगे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। सोमवार को उत्तर पूर्वि दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाकों में हुई हिंसा में हेड कांस्टेबल रतन लाल समेत 10 लोगों की मौत हुई है। हालातों के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक, कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा और भाजपा नेता मनोज तिवारी शामिल हुए। बता दें कि दिल्ली में सीएए का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले आमने-सामने आ गए है। जिसके कारण ही हिंसा भड़की और दंगे हुए। इस घटनाक्रम के पीछे भाजपा नेता कपिल मिश्रा के बयान को जिम्मेदार बताया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ ओवैसी की पार्टी के नेता वारिस पठान के बयान को लेकर भी लोगों में गुस्सा है। मंगलवार शाम जाफराबाद इलाके से प्रदर्शनकारियों को पूरी तरह हटा दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजूपुर, करावल नगर और बाबरपुर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सोमवार को भड़की हिंसा में जाफराबाद और मौजपुर में प्रदर्शनकारियों के घरों, दुकानों और वाहनों को आग लगा दी और एक दूसरे पर पत्थर फेंके । चंदबाग और भजनपुरा इलाकों में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) का समर्थन करने और विरोध करने वाले समूहों के बीच हिंसा हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया। एसीपी गोकलपुरी के कार्यालय से जुड़े एक हेड कांस्टेबल रतन लाल मारे गए। विरोध प्रदर्शन को रोकने की कोशिश के दौरान पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), शाहदरा, अमित शर्मा सहित कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। मौजपुर में भारी पथराव हुआ, जबकि पुलिस ने जफराबाद में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। मौजपुर और भजनपुरा में दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। हिंसा में 150 से ज्यादा लोग घायल हुए है, इनमें 50 पुलिसकर्मी शामिल है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था बहाल करने का आग्रह किया। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को निर्देश दिया है कि स्थिति को नियंत्रण में लाना सुनिश्चित किया जाए। केजरीवाल ने ट्वीट किया “दिल्ली के कुछ हिस्सों में शांति और सद्भाव की गड़बड़ी के बारे में बहुत परेशान करने वाली खबर। मैं ईमानदारी से एलजी और माननीय केंद्रीय गृह मंत्री से कानून और व्यवस्था को बहाल करने का आग्रह करता हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शांति और सद्भाव बनाए रखा जाए।”
ट्विटर पर लेते हुए बैजल ने कहा, “@DelhiPolice और @CPDelhi को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में कानून और व्यवस्था बनी रहे। स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है। मैं सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए संयम बरतने का आग्रह करता हूं।” दिल्ली के मंत्री और बाबरपुर के विधायक गोपाल राय ने भी इलाके के लोगों से नागरिकता कानून को लेकर हुई झड़पों के मद्देनजर शांति बनाए रखने का आग्रह किया, कुछ लोग जानबूझकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे है।
ऐसे भड़की हिंसा
दिल्ली में हिंसा भड़कने का सिलसिला शनिवार रात से शुरु हुआ, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास कुछ महिलाएं सीएए के खिलाफ धरने पर बैठ गई। धरना-प्रदर्शन की वजह से मौजपुर और यमुना विहार जाने वाला रास्ता बंद हो गया। जिसके बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया कि जाफराबाद के जवाब में सड़क पर उतरना जरूरी हो गया है। रविवार को कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ मौजपुर चौराहे पर पहुंचे और सीएए के समर्थन में धरने पर बैठ गए। इस मौके पर कपिल मिश्रा ने दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया। जानकारों का कहना है कि इस अल्टीमेटम की वजह से ही हिंसा भड़की।
कपिल मिश्रा ने ये कहा था
कपिल मिश्रा ने कहा, ‘ये यही चाहते हैं कि दिल्ली में आग लगी रहे। इसीलिए इन्होंने रास्ते बंद किए और इसीलिए ये दंगे जैसा माहौल बना रहे हैं। हमारी तरफ से एक भी पत्थर नहीं चला है। डीसीपी साहब, आप सबके सामने खड़े हैं। मैं आप सबकी ओर से ये बात कह रहा हूं कि ट्रंप के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं। लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे अगर रास्ते खाली नहीं हुए तो. ठीक है?
कपिल मिश्रा ने कहा था, ‘ट्रंप के जाने तक आप (डीसीपी) जाफराबाद और चांद बाग खाली करा लीजिए, ऐसी आपसे विनती कर रहे हैं, उसके बाद हमें रोड पर आना पड़ेगा। भारत माता की जय. वंदे मातरम्. इसी के बाद दिल्ली में जाफराबाद समेत कई जगह हिंसा भड़क गई।