सत्ता में आते ही राफेल डील की जांच कराएगी कांग्रेस 

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भगौड़ों को वापस लाकर की जाएगी कार्रवाई, गरीबी का मिटेगा नामोनिशान

कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र

दिल्ली.  राफेल डील पर राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। डील में घोटाले का आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने इसे लोकसभा चुनाव के लिए जारी किए गए घोषणा पत्र में भी जगह दी है। मेनिफेस्टो के मुताबिक देश में कांग्रेस की सरकार बनी तो राफेल डील की जांच कराई जाएगी। बता दें कि इस डील के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सीधे तौर पर प्रधानमंत्री को राफेल डील में घोटाले का आरोपी बताते आए है। राहुल गांधी लगातार कह रहे है कि इस डील में ‘चौकीदार’ ने चोरी की है।

भगौड़ों के खिलाफ होगी कार्रवाई

कांग्रेस ने 52 बिंदुओं को घोषणा पत्र में शामिल किया है। 25 बिंदु में कहा गया है कि कांग्रेस बिना भेदभाव के भ्रष्टाचार विरोधी कानून को लागू करेगी। राफेल सहित पिछले पांच सालों में भाजपा सरकार द्वारा किए गए सौदों की जांच की जाएगी। कांग्रेस उन कारकों और परिस्थितियों की भी जांच करेगी जिसके तहत पिछले पांच वर्ष में अनेक भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों को देश छोड़ने की इजाजत दी गई है। उन्हें वापस लाकर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। मतलब साफ है कि देश का पैसा लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या, हीरा कारोबार मेहुल चौकसी, नीरव मोदी जैसे भगौड़ों को वापस लाने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।

मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के तमाम मुख्यमंत्रियों और पदाधिकारियों के साथ आगामी लोकसभा चुनाव का घोषणापत्र जारी किया। इससे पहले घोषणापत्र समिति के सदस्य कांग्रेस नेता बालचंद्र मुंगेकर ने मीडिया को बताया था कि सत्ता में आते ही राफेल डील की जांच कराई जाएगी।

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गरीबी हटाने का वादा

कांग्रेस ने घोषणापत्र में न्यूनतम आय योजना का जिक्र भी किया है। वादा किया है कि 2030 तक गरीबी का नामोनिशान मिटाने के लिए कांग्रेस न्यूनतम आय योजना की शुरुआत करेगी, भारत की 20 फीसदी सबसे गरीब आबादी को हर साल 72 हजार रुपए दिए जाएंगे। कांग्रेस का लक्ष्य होगा कि कोई भी भारतीय परिवार पीछे न छूट जाए।

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