जिला अस्पताल में इलाज कराने आई थी लाली, सहेली से प्रभावित होकर किया सरेंडर
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ने के लिए बनाई गई महिला कमांडो की टीम से नक्सली भी प्रभावित होने लगे है। नक्सलियों (Naxal) की गैंग में शामिल हुई महिलाएं अब दंतेश्वरी लड़ाका बनना चाहती है। जी हां ये खबर चौंकाने वाली है। लेकिन आत्मसमर्पण (surrender) करने वाली 5 लाख की इनामी नक्सली लाली ने इस बात का खुलासा किया है। शनिवार को लाली ने दंतेवाड़ा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।
बता दें कि दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खात्मे के लिए महिला कमांडो की टीम बनाई गई है। डीआरजी की 6 वीं प्लाटून में शामिल की गई महिला कमांडो में पूर्व नक्सली भी शामिल है। इस प्लाटून को मां दंतेश्वरी के नाम पर दंतेश्वरी लड़ाके नाम दिया गया है। आत्मसमर्पण के बाद लाली ने बताया कि वो दंतेश्वरी लड़ाका बनना चाहती है। अब तक नक्सलियों के लिए काम करने वाली लाली ने एसपी से कहा कि वो दंतेश्वरी लड़ाकों की टीम से प्रभावित है। वो मुख्य धारा में लौटना चाहती है और कमांडो बनना चाहती है।
दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सली नंदे मंडावी उर्फ लाली, माओवादियों के केरलापाल एरिया कमेटी की सदस्य थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि लाली शनिवार को जिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंचेगी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की योजना बना ली थी। लेकिन जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही लाली ने अपनी एक सहेली को फोन लगाकर बताया कि वो सरेंडर करना चाहती है। लाली की सहेली सुंदरी चरण भी नक्सली थी उसने 2017 में सरेंडर किया था।
सरेंडर कर चुकी लाली का कहना है कि वो नक्सलियों की खोखली विचारधारा से निराश है। लाली 2004 में प्रतिबंधित नाट्य मंडली), माओवादियों की सांस्कृतिक शाखा, पामेड क्षेत्र समिति में सदस्य के रूप में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हो गई थीं, जहाँ उन्होंने 2011 तक काम किया था। 2012 में, मांडवी को सुकमा में केरलपाल क्षेत्र समिति के सदस्य के रूप में पदोन्नत किया गया था। वह 2014 में सुकमा के चिंतागुफा इलाके में हुए जानलेवा कासलपैड हमले में शामिल थी, जिसमें सीआरपीएफ के 14 जवान मारे गए थे, और दक्षिण बस्तर में चार अन्य बड़ी माओवादी घटनाओं में वह शामिल थी।