2010 में हुए ताड़मटेला की घटना में था शामिल, 76 जवान हुए थे शहीद
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में आठ लाख रूपए के इनामी नक्सली ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण (Naxal Surrender) कर दिया है। बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को भाषा को दूरभाष पर बताया कि जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने आज नक्सली सुधीर कोरसा (31 वर्ष) ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
सुधीर कोरसा पिपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के बटालियन नंबर एक के कंपनी नंबर दो का प्लाटून कमांडर है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कोरसा ने नक्सली जीवन शैली से त्रस्त होकर तथा नक्सलियों की खोखली विचारधारा से क्षुब्ध होकर नक्सलवाद छोडने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि कोरसा वर्ष 2005 में संगठन में भर्ती हुआ था। वह वर्ष 2006 में मुरकीनार की घटना में, वर्ष 2007 में रानीबोदली की घटना में, वर्ष 2009 में कोरापुट (दमनजोडी) उड़ीसा में बारूद मैग्जीन लूटने की घटना में तथा वर्ष 2010 में ताड़मेटला (सुकमा) की घटना में शामिल था। ताड़मेटला की घटना में नक्सलियों ने 76 पुलिस जवानों की हत्या कर दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कोरसा के समर्पण में कोबरा बटालियन के निरी़क्षक सोमदेव आर्य का विशेष योगदान रहा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि माओवादी के आत्मसमर्पण करने पर उसे 10 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। वहीं उसे पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।