Hamidia Hospital Mishap: हादसे की जानकारी लीक न हो जाए इसके लिए गेट के बाहर सरकारी फिर प्रायवेट पहरा, गृहमंत्री ने थाने का फीता काटने से किया इंकार
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital Mishap) में स्थित कमला नेहरु अस्पताल के बच्चा वार्ड में हुए सनसनीखेज घटना को लेकर सरकार घिर गई है। इस घटना में चार नवजात बच्चों की मौत हुई थी। मीडिया में मामले के तूल पकड़ने के बाद सिस्टम ने हमीदिया अस्पताल में पहरा बढ़ा दिया। आलम यह था कि कोई भी सामान्य व्यक्ति अपने साथ मोबाइल भीतर नहीं ले जा सकता था। इसके अलावा मीडिया को भी रोकने का पूरा इंतजाम किया गया। अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर लोकेंद्र दवे भी सवाल—जवाब से बचने के लिए अधीनस्थों के पहरे में ही रहे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के हमीदिया अस्पताल पहुंचने के बाद मानो सभी को सांप सूंघ गया।
तीन बच्चों की मौत पर सस्पेंस
हमीदिया अस्पताल में मंगलवार को तीन अन्य बच्चों के शव पीएम के लिए भेजे गए थे। हालांकि इन्हें आज हुई मौत का हवाला देकर प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया। जबकि सीएसपी नागेन्द्र पटैरिया (CSP Nagendra Pateriya) ने बताया कि नए मौत की कोई आधिकारिक जानकारी हमें अभी नहीं मिली है। वहीं अस्पताल प्रबंधन का दावा था जिन बच्चों के पीएम कराए गए उनकी दूसरी वजहों से मौत हुई है। इन बच्चों की मौत का एसएनसीयू वार्ड में हुए हादसे से कोई लेना—देना नहीं है। इधर, हमीदिया अस्पताल के कमला नेहरु अस्पताल के मेन गार्ड में सिक्योरिटी गार्ड की संख्या बढ़ा दी गई। इसके अलावा शाहजहांनाबाद और कोहेफिजा थाने से पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस और अस्पताल प्रबंधन ने एसएनसीयू वार्ड में द क्राइम इंफो को प्रवेश करने नहीं दिया।
यह है सरकार का दावा
कमला नेहरु अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में हुई चार बच्चों की मौत की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने ट्वीटर के जरिए दी थी। वहीं भोपाल के बड़े मीडिया हाउस में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बयानों के आधार पर बताई गई। मीडिया रिपोर्टिंग की तफ्तीश घटना रात में होने की वजह से नहीं हो सकी थी। इसलिए मंगलवार को कई मीडिया हाउस ने सच्चाई का पता लगाने का प्रयास किया। इस पूरे मामले में जिला प्रशासन की तरफ से सोमवार को भी कोई सामने नहीं आया था। सरकार ने दावा किया है कि मामले की जांच एसीएस हेल्थ मोहम्मद सुलेमान (ACS Mohmmed Suleman) के नेतृत्व में की जाएगी। सरकार की तरफ से सोमवार को ही मृत बच्चों के अभिभावकों को चार—चार लाख रुपए के आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया था।
देरी से कायम हुआ मर्ग
कमला नेहरु चिकित्सालय में हुए हादसे को लेकर (Hamidia Hospital Mishap) सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। इस हादसे में बेबी आफ शिवानी उम्र 3 दिन, बेबी आफ इरफाना दो दिन, बेबी आफ शाजमा नौ दिन और बेबी आफ रचना एक दिन की मौत हुई है। इस मामले में सरकार ने सुबह मीडिया रिपोर्टिंग के बाद गंभीरता दिखाई। यह हम नहीं कह रहे। दरअसल, कोहेफिजा थाने में चार नवजातों की मौत के मामले में मर्ग कायम किया गया। यह मर्ग सुबह 08 बजकर 10 मिनट से कायम होना शुुरु हुआ। देरी की वजह पर पुलिस का दावा है कि वह रेस्क्यू अभियान की ड्यूटी में तैनात थी। जबकि वहां रेस्क्यू अभियान में फायर ब्रिगेड, हमीदिया अस्पताल का स्टाफ, जूनियर डॉक्टर समेत परिजन जुटे हुए थे।
थाने का उदघाटन टाला
देरी से दर्ज हुए मर्ग के चलते हमीदिया अस्पताल में उनके पोस्टमार्टम भी देरी से हुए। तब तक बच्चों को लेकर उनके अभिभावक परेशान होते रहे। इसके अलावा हमीदिया अस्पताल के हादसे के कारण बरती जा रही सख्ती के चलते दूसरे मरीजों के परिजन भी परेशान हुए। इधर, हमीदिया अस्पताल में हुए हादसे (Hamidia Hospital Mishap) के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने कार्यक्रमों में फेरबदल कर दिया। दरअसल, मंगलवार अपरान्ह चार बजे गोविंदपुरा थाने के नवनिर्मित भवन का उदघाटन कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम को आनन—फानन में निरस्त कर दिया गया। भवन उदघाटन की तैयारियां सोमवार से जोर—शोर से चल रही थी। इसके बाद पीएम विजीट का कार्यक्रम है इसलिए अभी इस भवन के उदघाटन पर सवाल बना हुआ है।
संवेदना के साथ सम्मान का ऐलान
इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को मीडिया के सामने आए। उन्होंने बयान दिया कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने इसे गंभीरता से लिया है। एसीएस हेल्थ जांच के बाद रिपोर्ट देंगे। सीएम ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। हमें तकलीफ देने वाली यह घटना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी जान हथेली पर रखकर 36 बच्चों को बचाने में कामयाब भी रहे। इसके लिए दीवारें और खिड़की तोड़ी गई। ऐसे लोगों को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की भी तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो इसकी चिंता हमें करनी है। इसके लिए सिक्योरिटी के लिए प्रपोजल मांगा गया है।
पीएम की तैयारियों की फिक्र!
इस घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी हमीदिया अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि घटना राजनीति का विषय नहीं है। लेकिन, सिस्टम की लापरवाही सामने आ रही है। छह महीने के भीतर यह तीसरी घटना है। भाजपा हर मामले को दबाने और छुपाने का काम करती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा इस मामले में भी मौत के आंकड़े छुपाए जा रहे है। कोरोना में मौत के आंकड़े भी छुपाए गए। अस्पताल में फायर सिस्टम बंद था। इस प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जांच से कराई जानी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि परिजनों को उनके बच्चों को नहीं मिलाया जा रहा। उन्होंने भी मेडिकल स्टाफ के कार्य की सराहना की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने मंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है। इसके अलावा दोषी व्यक्ति पर हत्या का केस चलाने की मांग की है। कमल नाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा को को इस हादसे की चिंता नहीं है। वह 15 नवंबर को होने वाले मेगा इवेंट की तैयारियों में जुटी है।
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