Fisheries Company Scam: फिश फॉरच्यून के बाद एडीसी निधि कंपनी पर शिकंजा

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Fisheries Company Scam: राजनीतिक रसूखदारों की पहुंच भी नहीं बचा सकी किसानों को ठगने वाले नटवरलाल को, किए थे कई लोगों ने फोन

Fisheries Company Scam
भोपाल में मानसरोवर स्थित देवेन्द्र जायसवाल की कंपनी जो पहले खुद नौकरी करते थे

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज किसानों से जुड़ी हुई है। इस विषय पर द क्राइम इंफो की तरफ से जून में फिशरीज कंपनी स्कैम (Fisheries Company Scam) नाम से मुहिम चलाई गई थी। चार किस्त में जारी समाचारों की कड़ी में शामिल दूसरी कंपनी के संचालक को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसको बचाने के लिए गुरुवार रात कई राजनीतिक रसूखदारों के फोन थाने और पुलिस के अफसरों को पहुंचे भी थे।

फंसाने के लिए थी दो स्कीम

एमपी नगर थाना पुलिस के अनुसार 29 जुलाई की रात लगभग 10 बजे धारा 409/420 (गबन और जालसाजी) का केस दर्ज किया गया है। घटना मानसरोवर काम्पलेक्स में स्थित एडीसी फिश फॉर्मिंग कंपनी की है। जिसकी शिकायत बैतूल (Betul) निवासी 22 वर्षीय कन्हैयालाल डामोर ने की है। इस मामले का आरोपी कटारा हिल्स निवासी देवेन्द्र जायसवाल (Devendra Jaisawal) है। एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि आरोपी गांव में किसानों को मछली पालन के लिए तालाब खुदवाने के लिए कहते थे। आधा एकड़ के तालाब में पांच लाख रुपए और एक एकड़ में 11 लाख रुपए भुगतान का दावा करते थे। तीन लाख रुपए नकद और ढ़ाई लाख रुपए का फायनेंस कराते थे। यह सबकुछ बकायदा एग्रीमेंट के जरिए किया जाता था।

कई किसानों ने दिया था आवेदन

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कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

देवेन्द्र जायसवाल 11 महीने तक किस्त में 54 हजार रुपए किस्त में देने का करार था। इसके अलावा 19 महीने में किसानों को मछली मुहैया कराने से लेकर देखरेख की जिम्मेदारी कंपनी करती थी। कंपनी इस मुहिम को नील क्रांति कहते थे। यह फर्जीवाड़ा करने के लिए देवेन्द्र जायसवाल ने कंपनी में अपने एजेंट भी रखे थे। जिसके जरिए वह किसानों तक पहुंचता था। पुलिस का दावा है कि इस मामले में कई अन्य आरोपी बनाए जाएंगे। इस संबंध में कई किसानों ने मिलकर भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों से दिसंबर, 2021 में शिकायत की थी। जिसकी जांच के बाद यह मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने देवेंद्र जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया है।

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एमपी में कई ऐसी कंपनियां

मध्य प्रदेश में फिश फार्मिंग की आड़ में किसानों के साथ कई कंपनियां फर्जीवाड़ा कर रही है। अब तक भोपाल में दो कंपनियों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। एडीसी इंडिया फिश फार्मिंग से पहले पुलिस ने गुड़गांव की कंपनी फिश फॉरच्यून के खिलाफ क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज हुआ था। क्राइम ब्रांच को शिकायत मत्स्य विभाग से मिली थी। पहले तो कंपनियों को पुलिस ने क्लीन चिट दे दिया था। लेकिन, यह जानकारी हमें पता चली तो हमारी तरफ से चार किस्त में बकायदा मुहिम चलाई गई थी। इस तरह की अभी दो अन्य कंपनियां संचालित है जिसकी जानकारी किसानों से मिली है।

देवेन्द्र जायसवाल की गिरफ्तारी पर बयान देते एएसपी राजेश सिंह भदौरिया

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