MP Coaching Mafia: एमपी में पेपर नकल कराने का नया पैटर्न एक्सपोज

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MP Coaching Mafia: कोचिंग सेंटर चलाने वाले वे व्यक्ति जो बोर्ड परीक्षाओं में पर्यवेक्षक बने वह अपने यहां ट्यूशन पढ़ने वालों को दे रहे थे परीक्षा से आधा घंटा पहले पेपर, कई संदेहियों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया

MP Coaching Mafia
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश शिक्षा जगत (MP Coaching Mafia) में काफी बदनाम रहा है। यहां व्यापमं (MP Vyapam Scam) के जरिए होने वाली भर्ती परीक्षाओं की धांधली पूरे देश में विख्यात है। अब माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं के पेपर लीक (MP Board Exam Paper Leak) होने के मामले सामने आ रहे हैं। वार्षिक परीक्षाओं के दौरान पूरे प्रदेश में सक्रिय ऐसे कई रैकेट सामने आ रहे हैं। ऐसा ही चौका देने वाला मामला भोपाल शहर के छोला मंदिर इलाके में उजागर हुआ है। इसमें बोर्ड परीक्षाओं के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए ऐसे शिक्षक जो अपने यहां कोचिंग चलाते थे वे फर्जीवाड़ा कर रहे थे। वे अपने ट्यूशन पढ़ने वाले छात्रों को पेपर होने से आधा घंटा पहले सोशल मीडिया के जरिए वायरल कर देते थे।

इस स्कूल में चल रहा था फर्जीवाड़ा

एमपी में बोर्ड की परीक्षाएं 3 मार्च से शुरू हुई थी। यह सिलसिला तभी से चल रहा है। इस घटना की पुष्टि करते हुए निशातपुरा एसीपी रिचा जैन (ACP Richa Jain) ने बताया कि भानपुर के पास स्थित विद्या विहार उत्तर माध्यमिक विद्यालय (Vidhya Vihar Higher Secondry School) के पर्यवेक्षक पवन सिंह हैं। वे नबीबाग थाना निशातपुरा में रहते हैं। वहीं चांदबड़ निवासी विश्वनाथ (Vishwnath) भी पर्यवेक्षक का काम कर रहे थे। दोनों के पास परीक्षा कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दोनों का काम परीक्षा शुरू होने से पहले करीब 8:00 बजे पेपर खोलने की जिम्मेदारी थी। इसके बाद अलग-अलग क्लासेस में जाकर पेपर बांटने का काम था।

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बारीकी से जांच हुई तो कई चेहरे होंगे बेनकाब

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यह है वह निजी स्कूल जिसको बोर्ड परीक्षा के लिए सेंटर बनाया गया था। यहां तैनात ही दोनों पर्यवेक्षक पेपर को कर रहे थे लीक।

इस मामले में दोनों संदेही पेपर बांटने के पहले उसका फोटो खींच लेते थे। फिर अपने कोचिंग सेंटर के व्हाट्स ग्रुप में उसे शेयर कर देते थे। फिर उनकी कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चे उस पेपर के सभी प्रश्नों को पूरी तरीके से पढ़कर केंद्र के अंदर प्रवेश करते थे। यह क्रम निरंतर 3 मार्च से चला आ रहा था। घटना की जानकारी शिक्षा विभाग की विजिलेंस टीम को मिली थी। शनिवार सुबह हुए केमिस्ट्री और बिजनेस एनालिसिस के पेपर मिले। इसकी सूचना शिक्षा विभाग ने गोविंदपुरा एसडीएम मनोज वर्मा (SDM Manoj Verma) को दी थी। इसके बाद छोला मंदिर थाना पुलिस की टीम के साथ दोनों ही पर्यवेक्षकों पवन सिंह (Pavan Singh) और विश्वनाथ को हिरासत में लिया। पुलिस की टीम दोनों संदेहियों से पूरे घटनाक्रम को लेकर पूछताछ कर रही है। शनिवार सुबह जहां क्राइम ब्रांच ने 12वीं परीक्षा में पेपर लीक मामले में एमपी के खंडवा (Khandwa) और राजस्थान (Rajasthan) में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उसी तरीके से यह मामला भी प्रदेश के अन्य जिलों से जुड़ा हो सकता है। क्योंकि जब वह अपने कोचिंग व्हाट्सएप ग्रुप में यहां पेपर डालते थे, उसी समय वह अन्य जिलों के व्हाट्सएप ग्रुप में भी पहुंचते थे।

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