CM Rise School में अगले साल प्रवेश के लिए इन कारणों से मचेगी होड़, मध्यमवर्गीय परिवार के लिए बेहतर विकल्प बनेगी सरकारी व्यवस्था, निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगी रोक, स्कूल माफिया से निपटने सीएम राइज स्कूलों को लेकर बनाई जा रही विशेष रणनीति, बच्चे के खाते में हर तीन महीने बाद 75 फीसदी उपस्थिति होने पर ट्रांसपोर्ट के लिए दिए जाएंगे एक हजार रूपए महीना
भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के सीएम राइज स्कूल (CM Rise School) प्रोजेक्ट को लेकर बहुत व्यापक कार्य किया जा रहा है। जिसमें स्कूल आने—जाने वाले बच्चों को ट्रांसपोर्ट सुविधा भी दी जाएगी। इसका भुगतान सरकार अपने व्यय पर करेगी। वहीं सीएम राइज स्कूल की अलग—अलग ड्रेस भी होगी। यह ड्रेस दूसरे स्कूलों से अलग होगी। इसकी आम सहमति लगभग बन गई है। यह नियम 15 जून से प्रभावी हो सकते हैं। सीएम राइज स्कूल में प्रायवेट स्कूल की तर्ज पर पीटीएम भी होगी। जिसमें स्कूल टीचर की कमी और बच्चों के विकास में आ रही परेशानियों को दूर करने की योजना बनाई जाएगी।
नर्सरी से माध्यमिक तो हाई स्कूल की अलग—अलग होगी ड्रेस
गोविंदपुरा स्थित भेल में दो सीएम राइज स्कूल बनाए गए हैं। यहां अभिभावकों के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय सार्वजनिक किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अलग—अलग क्षेत्रों से आने वाले बच्चों को राज्य सरकार ट्रांसपोर्ट इंतजाम भी करेगी। इसके लिए एक शर्त यह है कि बच्चे की उपस्थिति 75 फीसदी होना अनिवार्य होगी। ट्रांसपोर्ट का पैसा सरकार तीन महीने यानि क्वार्टरली खाते में दिया जाएगा। सरकार इसके लिए टेंडर भी निकालने जा रही है। तब तक अभिभावक चाहे तो अपने रिस्क पर वैन या बस वाला हायर कर सकते हैं। इसके अलावा नर्सरी से कक्षा आठवीं के बच्चों की ड्रेस कोड अलग होगा। इसी तरह कक्षा नौंवी से लेकर बारहवीं तक के बच्चों का ड्रेस कोड अलग रहेगा। इस संबंध में रंग और कपड़े का चुनाव नहीं किया गया। लेकिन, ड्रेस कोड अलग होगा यह तय कर लिया गया है। सीएम राइज स्कूल में 17 अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच प्रोजेक्ट सेशन शुरू किया जा रहा है। इसमें सुबह 10 बजे से चार बजे तक कक्षाएं लगाई जा रही है।
सीएम राईज के लिए क्यों चुना गया स्कूल, अभिभावकों को बताया
सीएम राईज स्कूल (CM Rise School) जिन्हें बनाया गया है वहां प्रबंधन यह उपलब्धि हासिल करने की वजह अभिभावकों को बता रहा है। इसी तरह भेल स्थित महात्मा गांधी स्कूल में प्राचार्य हेमलता परिहार (Hemlata Parihar) ने राइज का तात्पर्य बताया।उन्होंने कहा कि आर मतलब रिसपेक्ट, आई का अर्थ है इंटीग्रिटी, एस से स्ट्रेन्थ और ई से तात्पर्य है कि एक्सीलेंसी। यह अवसर समाज के हर तबके को मिलेगा। स्कूल में आयोजित ओरियन्टेशन प्रोग्राम में टीचर डॉक्टर अर्चना शुक्ला, अर्चना भारद्वाज, तृप्ति चौबे, एमएल विश्वकर्मा, नीता खरे, बृजेश शर्मा, सपना भगत (Sapna Bhagat), रेणुका पवार, नीरजा सोनी, दिनेश तैलंग, रेखा पाटीदार (Rekha Patidar) और इंदिरा रानी दुबे (Indira Rani Dubey) ने स्कूल की गतिविधियों पर विस्तार से आगामी सत्र की चुनौतियों को लेकर किए जाने वाले प्रयासों के बारे में बताया। यहां विज्ञान, गणित, संस्कृत, हिंदी, स्पोर्ट टीचर के अलावा एनसीसी टीचर ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से महात्मा गांधी स्कूल के बच्चों के जरिए प्रयोग किए जाते हैं। जिस कारण कैब्रिंज स्कूल, सेना के बिग्रेडियर और वन विभाग की तरफ से अवार्ड यह स्कूल हासिल कर चुका है।
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