MP Cop News: गुनगा थाने में तैनात थे पुलिसकर्मी जिन्हें किया गया लाइन अटैच, पूरे मामले की जांच दूसरे संभाग के सीएसपी को सौंपी गई
भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Cop News) की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज गुनगा इलाके से मिल रही है। यहां थाने के लापरवाह पुलिस कर्मचारियों की वजह से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। मृत महिला बिना अनुमति हलाली डैम से मछली निकालकर जा रही थी। तभी पुलिसकर्मी उनका पीछा कर रहे थे। पीछा करते वक्त पैर मारकर महिला को चलती बाईक से गिरा दिया गया। इस घटना में बैरसिया संभाग के कई अफसरों की भूमिका संदिग्ध पाई जा रही है। घटना की शिकायत पीड़ित परिवार ने सीएम हेल्पलाइन में भी की है।
ऐसे डाला जा रहा है पर्दा
गुनगा थाने के एसआई रमेश शर्मा, एचसीएम साहब सिंह (HCM Sahab Singh) और सिपाही मानवेंद्र सिंह को गुपचुप तरीके से 29 जून को लाइन अटैच किया गया था। अफसर इस कार्रवाई को प्रशासनिक चूक बताकर लाइन हाजिर करने की बात कर रहे थे। लेकिन, हकीकत अब पूरी तरह से उजागर हो गई है। द क्राइम इंफो ने इस संबंध में गुरुवार का एमपी पुलिस गॉसिप में भी इस समाचार की अटकल से संबंधित जानकारी दी थी। अब इस खबर पर मुहर लग गई है। सनसनीखेज इस मामले में पुलिस विभाग की काफी निंदा की जा रही है। दरअसल, दो पुलिस कर्मचारियों की वजह से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई है।
तीन थाना और दो संभाग में फैला दिया मामला
पुलिस विभाग के अफसर (MP Cop News) एक सनसनीखेज घटना को छुपाना चाहते हैं। इसलिए पूरे केस को चार जगहों पर फैला दिया है। यह घटना हलाली डैम इलाके की नजदीक की है। जहां वारदात हुई वह दूसरे जिले में आने वाला थाना है। जिसमें गुनगा थाने में घटनाक्रम की रिपोर्ट रोजनामचे में गलत तरीके से दर्शाई गई। वहीं बैरसिया थाने में ग्रीन सिटी अस्पताल (Green City Hospital) से दुर्घटना की सूचना पर अज्ञात मैजिक वाहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। अब इसी थाने में मर्ग भी कायम किया गया है। वहीं पूरे घटनाक्रम की जानकारी सीएम हेल्पलाइन में पहुंचने के बाद जांच शाहजहांनाबाद सीएसपी नागेन्द्र पटैरिया (CSP Nagendra Pateriya) को दे दी गई है।
बच्चों के बयान पर एफआईआर
इस सनसनीखेज मामले में पुलिस विभाग ने कई तरह की लीपापोती शुरु से ही कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लापरवाही के इस मामले की जानकारी आला अधिकारियों के पास घटना वाले दिन ही पहुंच गई थी। जिसके बाद सुनियोजित तरीके से केस को टालने की रणनीति के तहत काम किया गया। बैरसिया पुलिस ने 29 जून को ग्रीन सिटी अस्पताल से मिली सूचना के बाद सड़क दुर्घटना का मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें बयान महिला को अस्पताल ले जाने वाले एम्बुलेंस सवारों के दर्ज किए गए। इसके अलावा घटनास्थल पर मौजूद दो नाबालिग बच्चों के बयान लिए गए।
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सवालों पर ठोस जवाब नहीं दे सके
एम्बुलेंस वालों और बच्चों के बयान के आधार पर पुलिस ने अज्ञात मैजिक चालक के खिलाफ केस दर्ज किया। यह जांच करने बैरसिया थाने से एसआई साहब सिंह इवने (SI Sahab Singh Ivane) करने गए थे। इवने ने बताया कि पुलिस वाले हैं यह हमें बाद में पता चला। जबकि जब घटना हुई थी उसका प्रत्यक्षदर्शी मरने वाली महिला का बेटा था। पुलिस ने उसके बयान ही उस दिन दर्ज नहीं किए। जबकि उसी अस्पताल में महिला का बेटा अपना इलाज करा रहा था। वह पूरे घटना की सच्चाई खुलकर बता रहा है। मतलब साफ है कि इस लापरवाही के मामले को दबाने के लिए कई अधिकारी जुटे हुए थे। इतना ही नहीं पुलिस अफसरों ने मौत की जानकारी मीडिया से भी छुपाई।
यह था पूरा मामला
घटना 25 जून को हुई थी। यहां हलाली डैम में 45 वर्षीय गुड्डी बी (Guddi BI) और उसका नाबालिग बेटा शानू (Shanu) मछली पकड़ने गए थे। मछली पकड़ते हुए दो पुलिस कर्मियों ने देख लिया था। यह देखकर नाबालिग बेटा शानू स्प्लेंडर बाइक में मां को बैठाकर वहां से भागने लगा। पीछा करते हुए दो पुलिसकर्मियों ने बाइक पर पीछे से पैर मार दिया। जिससे शानू और गुड्डी बी गिरकर जख्मी हो गई। महिला उसी दिन अचेत हो गई थी। यह देखकर पुलिसकर्मियों ने इलाज कराने की बजाय वहां से भागना ही उचित समझा। गांव वालों की मदद से गुड्डी बी को ग्रीन सिटी अस्पताल भेजा गया। यहां इलाज के दौरान गुड्डी बी ने 01 जुलाई की सुबह लगभग 6 बजे दम तोड़ दिया।
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हमें न्याय चाहिए
गुड्डी बी पति शफीक शाह उम्र 45 साल का परिवार गुनगा स्थित बर्री बागराज इलाके में रहते हैं। पति की बहुत पहले मौत हो चुकी है। उसके तीन बेटे हैं सलमान (Salman), शानू और एक अन्य। इस घटना की शिकायत पीड़ित परिवार ने थाने में की थी। लेकिन, वहां से परिवार को भगा दिया गया। फिर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई। इतना ही नहीं परिवार ने डीआईजी सिटी इरशाद वली (DIG City Irshad Wali) से मिलकर भी पूरा मामला बताया। जिसके बाद एसआई रमेश शर्मा (SI Ramesh Sharma), एचसीएम साहब सिंह और सिपाही मानवेंद्र सिंह (Constable Manvendra Singh) को लाइन हाजिर कर दिया गया। शानू के मामा इरफान खान ने कहा कि वह न्याय मिलने तक संघर्ष करेंगे। परिवार को डेढ़ लाख रुपए के कर्ज में पुलिस वालों ने झोंक दिया। इतना ही नहीं उनकी लापरवाही से बहन की मौत हो गई।
दो पर ही जांच सीमित
इस लापरवाही के मामले (MP Cop News) में कई अफसरों की भूमिका संदिग्ध है। जिसको दबाने के लिए पुलिस महकमा जुटा रहा है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी अदालत के आदेश पर बैरसिया थाने का पूरा स्टाफ एक बार लाइन हाजिर हो चुका है। अब ताजा मामले में भी कुछ इसी तरह का किया जा रहा है। परिवार का कहना है कि यह मामला हत्या का है। जिसको पुलिस ने दुर्घटना का बना दिया है। पीड़ित परिवार का दावा है कि घटना वाले दिन एसआई रमेश शर्मा और कांस्टेबल मानवेंद्र सिंह थे। इधर, सीएसपी नागेंद्र पटैरिया को दो पुलिसकर्मियों के ड्यूटी के दौरान आचरण की जांच करनी है। जबकि पूरा मामला आचरण नहीं बल्कि मौत से जुड़ा है। जिसके कई सबूतों को बिखेरकर पूरे प्रकरण को कमजोर कर दिया गया है।
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