World News: बच्चों की संख्या रोकी तो खामियाजा भुगत रही कंबोडिया और वियतनाम की युवतियां, विश्वस्तर पर कार्य करने वाली संस्थाओं ने महिलाओं की तस्करी को लेकर जताई चिंता
बीजिंग। सरकारें कोई भी नीति अथवा नियम बनाती है तो उसके परिणाम तुरंत नहीं मिलते। वे दूरगामी होते हैं और सार्थक होते हैं। लेकिन, विश्व के लिए अपनी विस्तारवादी नीतियों के चलते बदनाम चीन के साथ उल्टा है। वह नागरिकों की बजाय देश (World News) के विस्तार को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों को ज्यादा फोकस करता है। इसी परिप्रेक्ष्य में चीन की सरकार ने 1980 में एक कानून पारित किया था। इस कानून के लगभग तीन दशक बाद ही बुरे परिणाम सामने आने लगे थे। जिस कारण उसको निरस्त करना पड़ा। हालांकि तब तक देर हो चुकी थी और वह विश्व स्तर पर एक गंभीर समस्या बन गई। जिसकी शिकार सर्वाधिक महिलाएं हुई। प्रभावित होने वाली महिलाएं वियतनाम और कंबोडिया देशों की है।
समाज में दिखा ऐसा असर
चीन के राजस्व को नुकसान
पैसा देकर वियतनाम और कंबोडिया से लड़कियां लाई जाने लगी। यह अब चीन में संगठित माफिया गिरोहों का कारोबार हो गया। यह देखते हुए चीन ने 2016 में अपनी ही बनाई नीतियों के देश में सामने आए बुरे परिणामों को देखते हुए उसे निरस्त कर दिया। अब चीन (World News) में बच्चों के जन्म को लेकर कोई बंदिश नहीं है। लेकिन, संख्या तीन से अधिक अभी भी नहीं रखने को लेकर कानून हैं। चीन में सक्रिय माफिया अब महिलाओं की तस्करी कंबोडिया से कर रहे हैं। पिछले दिनों ऐसी ही एक महिला को बचाया गया जो कंबोडिया से चीन में शादी के लिए 88 लाख रूपए में बेची गई थी। मतलब साफ है कि चीन को अब भय है कि उसकी देश की बड़ी रकम सरकार के फैसले के चलते दूसरे देशों के रास्ते विश्व बाजार में जा रही है। यदि यह बहुतायात में चली गई तो चीन की आर्थिक चक्रव्यूह रचना को कोई भी बाहरी व्यक्ति भेद देगा।