जस्टिस एस अब्दुल नजीर को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से खतरा, परिवार को भी मिलेगी सुरक्षा
नई दिल्ली। अयोध्या में मंदिर-मस्जिद को लेकर वर्षों से चले आ रहे विवाद पर ऐतिहासिक फैसला (Ayodhya Verdict) सुनाने वाले जज को सुरक्षा प्रदान की गई है। एक एजेंसी के मुताबिक अयोध्या पर फैसला सुनाने वाली बेंच में शामिल रहे न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर (Justice S Abdul Nazeer) को धमकी दी गई है, लिहाजा गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने उन्हें और उनके परिवार को Z श्रेणी की सुरक्षा (‘Z’ Category Security) प्रदान करने के आदेश जारी किए है। बताया जा रहा है कि जस्टिस एस अब्दुल नजीर को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने धमकी दी है।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने सीआरपीएफ (CRPF) और पुलिस को जस्टिस एस अब्दुल नजीर और उनके परिवार की सुरक्षा करने के आदेश जारी किए है। आदेश में कहा गया है कि सुरक्षा एजेंसीस ने न्यायाधीश और उनके परिवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से खतरा होने की जानकारी दी है। एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि जस्टिस और कर्नाटक में रहने वाले उनके परिवार को तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाएगी। देश में वो कहीं भी जाएंगे तो सुरक्षा गार्ड्स साथ रहेंगे।
बता दें कि जस्टिस एस अब्दुल नजीर का परिवार कर्नाटक में रहता है। जेड श्रेणी सुरक्षा में 22 पैरामिलेट्री और पुलिस के जवान उनकी सुरक्षा में रहेंगे। 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्म भूमि विवाद पर अपना फैसला सुनाया था। विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला विराजमान को दी थी। वहीं मस्जिद के लिए अयोध्या में प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस एस अब्दुल नजीर भी शामिल थे, साथ ही जस्टिस ने तीन तलाक पर भी फैसला सुनाया था।
जानकारी के मुताबिक 61 वर्षीय जस्टिस नजीर 1983 से कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत कर रहे थे। 2003 में वे कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशनल जज बने थे। 17 फरवरी 2017 को जस्टिस एस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट के जज बने।