राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम भी करेगी एनकाउंटर की जांच, पुलिस का दावा एनकाउंटर में पुलिस अफसर भी जख्मी
हैदराबाद। तेलंगाना (Telangana Crime) पुलिस के एनकाउंटर (Hyderabad Rapist Encounter) पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसी कारण रात 8 बजे हाईकोर्ट (Telangana High Court) खुली। हाईकोर्ट ने दलीले सुनने के बाद फैसला सुनाया कि चारों आरोपियों के शव सुरक्षित रखे जाए। वहीं पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग हो। इधर, तेलंगाना पुलिस मुख्यालय (Telangana Police Head Quarter) ने एनकाउंटर पर सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं।
सीवी सज्जनार (IPS CV Sajjnar) का दावा है कि आरोपियों ने घटना के रिक्रिएशन के वक्त हमला किया था। यह हमला आरोपी आरिफ और चिंताकुंता ने किया था। इस हमले के जवाब में एसआई व्यंकटेश्वर (SI Vyankteshwar) और कांस्टेबल अरिवंद (Constale Arvind) जख्मी भी हुए थे। घटना के वक्त 10 पुलिस के अफसर और जवान थे। इस एनकाउंटर के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल खड़े किए है। जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में रात 8 बजे हुई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि चारों शवों के पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए। इसके अलावा 9 दिसंबर तक शव सुरक्षित रखे जाए। इस आदेश के बाद तेलंगाना पुलिस में हलचल तेज हो गई है।
यह था घटनाक्रम
चार आरोपियों ने वेटरनरी डॉक्टर प्रियंका रेड्डी को मदद के बहाने अगवा कर लिया था। चारों आरोपी उसको नेशनल हाईवे 44 नंबर के पास रंगा रेड्डी फ्लाई ओवर के नीचे ले गए। यहां रेड्डी को जबरिया शराब पिलाकर उसके साथ ज्यादती की गई। फिर उसको पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश करके जेल भेज दिया था। पुलिस को शक था कि आरोपी ज्यादा देर उनके पास रखे गए तो पब्लिक हमला करके उन्हें मार डालेगी।
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ऐसे चला घटनाक्रम
गिरफ्तार एक आरोपी चिंतकुंटा किडनी का मरीज हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में सरकार ने 30 नवंबर को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल कराने की घोषणा की थी। इस घोषणा के अगले दिन तीन पुलिसकर्मी को सस्पेंड भी किया गया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों से पूछताछ के लिए 2 दिसंबर को रिमांड पर सौंपने की मांग की थी। पुलिस का दावा था कि आरोपियों की निशानदेही पर घड़ी और मोबाइल बरामद किया जाना है। अदालत ने 4 दिसंबर को आरोपियों को पुलिस को सौंप दिया था। इसी रिकवरी और घटना के रिक्रिएशन के लिए पुलिस चारों आरोपियों को लेकर 6 दिसंबर की सुबह लगभग पौने छह बजे बस से घटनास्थल लेकर गई थी। यहां मुठभेड़ में चारों आरोपी मारे गए थे।