Malegaon Bomb Blast मामले में जमानत पर रिहा प्रज्ञा ठाकुर की हर हफ्ते होगी पेशी

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स्वास्थ्य कारणों से मिली थी हाईकोर्ट से जमानत, 20 मई को एनआईए कोर्ट में होगी सुनवाई

मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर

मुंबई। मालेगांव बम ब्लास्ट  (Malegaon Bomb Blast) की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर (Pragya thakur) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रहीं है। विवादित बयानों में फंसती प्रज्ञा को अब रेगुलर कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। मुंबई की विशेष एनआईए अदालत (NIA Court)  ने मालेगांव 2008 ब्लास्ट मामले के सभी आरोपियों को सप्ताह में एक बार अदालत में उपस्थित रहने के निर्देश दिए है। आरोपियों में प्रज्ञा ठाकुर के साथ कर्नल पुरोहित समेत अन्य शामिल हैं। लंबे समय ये आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए है। लिहाजा कोर्ट ने नाराजगी जताई है। मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी।

जमानत पर रिहा हुई हैं प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव बम ब्लास्ट की मुख्य आरोपी प्रज्ञा ठाकुर करीब 9 साल जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुई है। स्वास्थ्य कारणों की वजह से हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रज्ञा ठाकुर ने लिखित बयान दिया था कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हो गया है। लिहाजा वो बहुत कमजोर हो गई है, चल फिर भी नहीं पाती। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल 2017 को प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दी थी।

कोर्ट ने कहा था कि ‘मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि वे बहुत कमजोर हैं। चलने फिरने के लिए भी उन्हें सहारे की जरूरत हैं। उनका इलाज आयुर्वेदिक अस्पताल में चल रहा है और हमारी राय में आयुर्वेदिक अस्पताल में आवेदक को उचित इलाज नहीं दिया जा सकता है। क्यों कि वे कैंसर से पीडित हैं।‘  कोर्ट ने आगे कहा था कि  ‘’जमानत पूरी तरह केस के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर दी जा रही है।

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हाईकोर्ट ने जमानत देते वक्त कहा था कि अदालत में सुनवाई के वक्त प्रज्ञा ठाकुर की जब भी जरूरत होगी, उनको उपस्थित रहना होगा।‘’ चुनाव लड़ने पर भी उठे सवाल स्वास्थ्य कारणों की वजह से जमानत पर रिहा प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने पर भी सवाल उठाए गए थे। मालेगांव बम ब्लास्ट में मारे गए एक युवक के परिजन ने एनआईए कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि बीमारी की वजह से प्रज्ञा जेल में नहीं रह सकती तो चुनाव कैसे लड़ सकतीं हैं।

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