पत्रकार प्रिया रमानी के वकील के सवालों पर दिया जवाब
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नई दिल्ली। #MeToo में फंसे पूर्व केद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने शनिवार को दिल्ली की एक कोर्ट में बयान दर्ज कराए। लगभग दो घंटे तक चली गर्मागरम बहस के बीच अदालत कक्ष में, पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने शनिवार को अपना बयान दर्ज किया और पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में जिरह की गई। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष पेश हुए अकबर ने कहा कि रमानी द्वारा लगाए गए आरोप “दुर्भावनापूर्ण” और “अपमानजनक” थे।
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वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन, रमानी की ओर से पेश हुईं, जिन्होंने अन्य लोगों के साथ रमानी के द एशियन एज ज्वाइन करने के बारे में जानकारी दी। हालांकि, अकबर ने ज्यादातर सवालों का जवाब “मुझे याद नहीं है” के रूप में दिया। पिछले साल 17 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले अकबर ने रमानी के खिलाफ एक निजी आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज की थी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनके नाम के साथ #MeToo अभियान शुरू होने के बाद भारत में हंगामा हो गया। रमानी ने अकबर पर लगभग 20 साल पहले यौन शोषण करने का आरोप लगाया था, तब एमजे अकबर एक पत्रकार थे। अकबर ने आरोपों से इनकार किया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 20 मई के लिए टाल दी है। बता दें कि प्रिया रमानी के बाद कई महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद अकबर को विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने सबसे पहले आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है। वहीं #MeToo campaign के बाद उन्हें एडिटर्स गिल्ट ऑफ इंडिया से बाहर कर दिया गया था। पिछले महीने पत्रकार प्रिया रमानी ने कोर्ट से अपील भी की थी कि उन पर लगे मानहानी के आरोपों को हटा दिया जाए।